देश के सबसे लंबे एक्सप्रेस-वे दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेस-वे के पहले फेज (दिल्ली-दौसा) का काम लगभग पूरा हो चुका है. जून 2022 तक इसको आम जनता के लिए खोला जा सकता है. 1 लाख करोड़ रुपये की लागत से बन रहा 1350 किलोमीटर लंबा यह एक्सप्रेस-वे दिल्ली, महाराष्ट्र , हरियाणा, राजस्थान, मध्य प्रदेश और गुजरात से गुजर रहा है.
फिलहाल, 8 लेन बनाए जा रहे हैं. भविष्य में 4 लेन और बनाए जाएंगे. पूरा काम मार्च 2023 तक पूरा होने की संभावना है. इस एक्सप्रेस-वे का 244.17 किमी का हिस्सा मध्य प्रदेश के तीन जिलों रतलाम, झाबुआ , मंदसौर के 137 गांवों से होकर गुजर रहा है.
106 किमी का काम पूरा हो चुका है. बाकी 143 किमी. नवंबर 2022 तक पूरा होने की उम्मीद है. इस एक्सप्रेस वे के बन जाने से रतलाम से मुंबई के बीच 125 किमी दूरी कम होगी.
रतलाम से दिल्ली के बीच 150 किमी दूरी कम होगी. उज्जैन, देवास, इंदौर को भी जोड़ा जाएगा. मध्य प्रदेश में 8 इंटरसेक्शन इस एक्सप्रेसवे में बनाए जाएंगे जिनके जरिये प्रदेश की सड़कें जुड़ेंगी.
दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेस-वे उज्जैन, देवास, इंदौर को भी जोड़ा जाएगा. मध्य प्रदेश में 8 इंटरसेक्शन इस एक्सप्रेस-वे में बनाए जाएंगे, जिनके जरिये प्रदेश की सड़कें जुड़ेंगी.
इसमें रतलाम में धामनोद, रावटी, जावरा, नामली, मंदसौर में भानपुरा, गरोठ, सीतामऊ और झाबुआ में थांदला के पास इंटरसेक्शन बनाया जा रहा है. इन्हीं इंटरसेक्शन से लोग एक्सप्रेस-वे पर जा सकेंगे और उतरकर अपने जिले में प्रवेश कर सकेंगे. हर इंटरसेक्शन के दोनों तरफ टोल नाके बनेंगे.
एक्सप्रेस-वे पर जाने से पहले वाहन चालकों को टोल चुकाना होगा. दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेस-वे, वडोदरा की ओर से मध्य प्रदेश के मेघनगर से लगी अनास नदी के पास से प्रदेश में प्रवेश करेगा.
यह थांदला, सैलाना, खेजड़िया, शामगढ़, गरोठ, भवानीमंडी, कोटा होकर दिल्ली पहुंचेगा जबकि दिल्ली की ओर से यह राजस्थान के भवानीमंडी क्षेत्र से मप्र सीमा में एंट्री करेगा.
दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेस-वे उज्जैन, देवास, इंदौर को भी जोड़ा जाएगा. मध्य प्रदेश में 8 इंटरसेक्शन इस एक्सप्रेस-वे में बनाए जाएंगे, जिनके जरिये प्रदेश की सड़कें जुड़ेंगी.
इसमें रतलाम में धामनोद, रावटी, जावरा, नामली, मंदसौर में भानपुरा, गरोठ, सीतामऊ और झाबुआ में थांदला के पास इंटरसेक्शन बनाया जा रहा है. इन्हीं इंटरसेक्शन से लोग एक्सप्रेस-वे पर जा सकेंगे और उतरकर अपने जिले में प्रवेश कर सकेंगे. हर इंटरसेक्शन के दोनों तरफ टोल नाके बनेंगे.
एक्सप्रेस-वे पर जाने से पहले वाहन चालकों को टोल चुकाना होगा. दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेस-वे, वडोदरा की ओर से मध्य प्रदेश के मेघनगर से लगी अनास नदी के पास से प्रदेश में प्रवेश करेगा.
यह थांदला, सैलाना, खेजड़िया, शामगढ़, गरोठ, भवानीमंडी, कोटा होकर दिल्ली पहुंचेगा जबकि दिल्ली की ओर से यह राजस्थान के भवानीमंडी क्षेत्र से मप्र सीमा में एंट्री करेगा.
दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेस -वे मालवा-निमाड़ क्षेत्र में विकास के नए रास्ते खोलेगा. धार, झाबुआ, रतलाम, देवास, इंदौर , उज्जैन, मंदसौर दिल्ली-मुंबई, गुजरात और राजस्थान के सीधे कनेक्ट हो जाएंगे.
इन जिलों के किसान बड़ी मंडियों में अपनी उपज बेच सकेंगे. सब्जियां भी लंबी दूरी की मंडियों तक आसानी से कम समय में पहुंच सकेंगी. कोचिंग सिटी कोटा पहुंचने में इन जिलों के छात्रों को कम समय लगेगा.
दिल्ली-मुंबई और गुजरात-राजस्थान की यूनिवर्सिटी में पढ़ने वाले छात्रों को भी सहूलियत हो जाएगी. कच्चा माल दिल्ली, मुंबई सहित अन्य प्रदेशों की राजधानियों से आना आसान होगा.
मुंबई-दिल्ली एक्सप्रेस-वे जयपुर, किशनगढ़, अजमेर, कोटा, चित्तौड़गढ़, उदयपुर, भोपाल, उज्जैन, इंदौर, अहमदाबाद, वडोदरा और सूरत जैसे व्यापारिक केंद्र के बीच कनेक्टिविटी बढ़ेगी. रतलाम रेल मंडल होने से कनेक्टिविटी मिलेगी. पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा.
रतलाम के आसपास उज्जैन, नीमच, इंदौर को भी इसका फायदा मिलेगा. औद्योगिक एवं वित्तीय विकास से नौकरियों के अवसर बनेंगे. भोपाल के आसपास के शहरों से दिल्ली-मुंबई के लिए नया रास्ता खुलेगा.
इसके अलावा अगर आप एक्सप्रेसवे पर यात्रा कर रहे हैं और किसी कारणवश कोई दुर्घटना हो जाती है तो एक्सप्रेसवे के किनारे ही उपचार मिलेगा. नेशनल हाईवे अथॉरिटी (एनएचएआई) पीपीपी मॉडल पर एक्सप्रेसवे के किनारे अस्पताल बना रही है.
मध्य प्रदेश के तीनों जिलों में (झाबुआ में 50.5 किमी, रतलाम में 91.1 किमी और मंदसौर में 102.8 किमी) एक्सप्रेस-वे की लंबाई करीब 244 किमी है.
झाबुआ के तलावड़ा से महूड़ी का माल से एक्सप्रेस-वे रतलाम में प्रवेश करेगा. रावटी, सैलाना, पिपलौदा, व जावरा के कुम्हारी होकर मंदसौर के लसुड़िया से मंदसौर जिले में जाएगा.
रतलाम जिले के 87 गांवों से दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेस-वे होकर गुजरेगा. एक्सप्रेस-वे गरोठ में शामगढ़ रोड और भानपुरा में नीमथुर से प्रवेश कर सकेंगे. मंदसौर जिले से एक एंट्री सीतामऊ से भी मिलेगी.
गरोठ और जावरा में लॉजिस्टिक हब बनाया जाएगा. बसई के पास की जमीन पर उद्योग लगाए जाएंगे. इसी तरह कई जगह कंटेनर जोन भी बनाए जा सकते हैं. यह एक्सप्रेस मध्य प्रदेश के मालवा क्षेत्र में प्रगति के रास्ते खोलेगा.