कहो तो कह दूं  ।  अब ऐसा न हो कि ” बुलडोजर” भी ब्लैक में खरीदना पड़ जाए …. 

sadbhawnapaati
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(लेखक-चैतन्य भट्ट)

 
हमें याद है सत्तर के दशक में “वेस्पा स्कूटर” का बड़ा क्रेज था l बीस साल पहले नंबर लगाओ तब कंही जाकर वेस्पा की डिलीवरी होती थी,  मां बाप बच्चे के पैदा होते ही उसके नाम से वेस्पा स्कूटर का नंबर लगा देते थे और  जब वो बीस बाईस साल का नौजवान हो जाता था तब उसका नंबर आ जाता था  जिसके पास वेस्पा होता था वो बड़ा ही खुशकिस्मत माना  जाता था l कई हजार  रुपये ब्लेक में भी देने पड़ते थे  ताकि  वेस्पा जल्दी मिल जाए ,  आजकल ऐसा ही हाल “बुलडोजर”  का होने वाला है जिस  गति से बीजेपी  शासित  राज्यों में बुलडोजर की  मांग बढ़ी  है उसको देखते हुए अब ऐसा  लगने लगा है कि बुलडोजर  की हालत भी वेस्पा स्कूटर जैसी हो जाएगी l अभी तक उत्तर प्रदेश में “बाबा के बुलडोजर” की गूँज थी अब अपने मध्यप्रदेश में “मामा का बुलडोजर”  अपने पूरे शबाब पर  है  कल तक जो बुलडोजर  नगर निगमों के  दफ्तरों में उदास,  निराश चुपचाप अपना मुंह लटकाये खड़े रहते थे उन पर धूल की परत जम जाती थी वे अब सुबह पांच बजे से सज धजकर अपनी सूंड उठाये छाती चौडी कर अपराधियों, भूमाफियाओं के आशियानों को ढहाने में लग जाते हैं । कभी वो दिन भी थे  कि ये बुलडोजर बेकार  पड़े हुए थे लेकिन आज इन बुलडोजरों की ऐसी मांग  बढ़  गयी है कि  पूछिए मत l पूरे उत्तर प्रदेश में बुलडोजर ने वो कमाल दिखाया कि  बाबा जी की  सरकार फिर से उत्तर प्रदेश में काबिज हो गयी,   जब से बाबा जी  की सरकार उत्तर प्रदेश में वापस  आई  है तब से अपने प्रदेश के मुखिया शिवराज सिंह ने  भी  समझ लिया है की यदि चुनाव जीतना है तो बुलडोजर की मदद के बिना  ये संभव नहीं हो पायेगा  सो उन्होंने भी पूरे  प्रदेश के अफसरों को सन्देश दे दिया है कि बेकार धूल खा रहे बुलडोजरों को निकालो उनको “स्नो पाउडर” लगाओ और छोड़  दो  माफियाओं के आशियानों की तरफ, यानी अब चुनाव न तो  भाषणों  से जीता जा सकता है न पोस्टर बैनर से, चुनाव जीतना है तो सिर्फ और सिर्फ  एक ही रास्ता है और वो  है बुलडोजर की हेल्प l जिस गति से सरकारों में बुलडोजरों की मांग  बढ़ रही है उसको देखते हुए अब ये लगने लगा  है कि तमाम सरकारों  को बुलडोजर ब्लेक में भी खरीदने पड़ सकते है क्योकि बुलडोजर कोई छोटी मोटी  चीज तो है नहीं उसको बनाने में भी टाइम लगता है और जंहा जंहा चुनाव होने  वाले  है उसकी सरकार इतना इंतजार नहीं  कर सकती जिस प्राइज में मिले उसे बुलडोजर खरीदना ही है l अपनी तो उद्योग पतियों को सलाह है कि जो लोग भी  कार  और स्कूटर  के निर्माता है इन सब को गोली मारो  और बुलडोजर का निर्माण कार्य शुरू कर दो  देखते ही देखते करोड़ पति और अरब पति न बन जाए तो अपना नाम बदल देना l

तो फिर गर्मी भी क्यों पीछे रहे

खबर आई है कि इस बार मार्च में गर्मी ने पिछले एक सौ इक्कीस साल का रिकार्ड तोड़ कर एक नया रिकार्ड बना दिया है, लोग बाग़ गर्मी को कोस रहे हैं कि ऐसी क्या दुश्मनी  है लोगों से उसकी कि नए रिकार्ड बनाने पर तुल  गयी है तो भैया जब पूरे देश में हर  चीज अपने नये  रिकार्ड  बना रही है तो गर्मी भला क्यों पीछे  रहगी l “पेट्रोल, डीजल “कीमत के नए रिकार्ड बना रहे हैं “घरेलू गैस” के दामों ने भी  रिकार्ड  बना दिया है, “कमर्शियल सिलेंडर”  के तो रिकार्ड की गिनती  ही करना भूल गए हैं उसका उपयोग करने वाले l “खाने का तेल”  भी अपने पुराने सारे  रिकार्ड तोड़ने पर आमादा है, “दूध” के दाम भी नया रिकार्ड बना रहे है मंहगाई डायन की तो बात ही मत  करो उसने तो अब तक के तमाम रिकार्ड्स को पीछे  छोड़  दिया है “लोहा” जो पचपन  रुपए किलो  था वो देखते ही देखते बायसी रुपया पंहुच गया, सीमेंट ने सोचा कि हमारा और लोहे का तो चोली दामन का साथ है तो उसने भी नया रिकार्ड बना दिया l  इधर बीजपी ने चार राज्यों में चुनाव जीतने का रिकार्ड बना दिया है तो  कांग्रेस चुनाव  हारने का रिकार्ड बना रही है, आम आदमी पार्टी ने पंजाब  में जीत का एक  नया  रिकार्ड कायम का दिया है l टीएमसी विरोधी पार्टी के नेताओ और  कार्यकर्ताओं  को पीटने का रिकार्ड बना रही है यनि ऐसी कौन  सी चीज बची है जो रिकार्ड न बना रही है तो ऐसी दौर में गर्मी ने भी नया रिकार्ड बना दिया तो  उसको इस तरह से लांछित करने का कोई मलतब नहीं है आखिर गर्मी भी तो इसी देश की रहने वाली है “जैसा देश  वैसा भेष”  वाली कहावत  उसने भी सुनी है और उसके हिसाब से वो भी बर्ताब कर रही है समझ गए न l

नक़ल पर तो दुनिया चल रही है

मुरैना में हो रही “नर्सिंग परीक्षा” में भारी  कर नक़ल चली, परीक्षार्थी परीक्षा हाल के बाहर बैठ कर  किताबों से, मोबाइल में  गूगल  की मदद से  प्रश्न पत्र  हल कर रहे थे , इसके वीडिओ किसी  दिलजले ने बना लिए और वायरल कर दिये  बस क्या था हल्ला मच  गया, जांच दाल नर्सिंग परीक्षा केंद्रों में  पंहुच  गए और जो दृश्य देखा तो दंग  रह गए  परीक्षा दे रहे  परीक्षार्थियों  से  जब ये पूछा कि आप लोग किस  कालेज  के विद्यार्थी हो तो कई तो अपने कालेज का नाम भी नहीं बतला पाए ,जांच  दल ने  मामला जांच में ले लिया  और अब उसकी जांच जारी  है लेकिन अपना मानना  है कि नक़ल तो इस दुनिया में उसके वजूद से ही मौजूद है , कई कॉमेडियन तो नेताओ, अभिनेताओं की नकल उतार कर अपना और अपने परिवार का पेट पाल रहे है  बड़े बड़े प्रोडक्ट की नकल धड़ल्ले से चल रही है  नकली  धनिया, नकली घी, नकली मिर्च, नकली मसाले, ऐसी   कौन सी चीज है जिसकी नक़ल न हो रही हो, छोटे नेता बड़े नेताओं की नक़ल कर रहे हैं तो बड़े नेता उनसे भी बड़े नेताओं की नक़ल करते आये हैं यानि हर तरफ नक़ल का बाजार गर्म है तो इन विद्यार्थियों ने यदि नक़ल कर भी ली तो ऐसा कौन सा गुनाह कर दिया l अपना तो मानना है कि जो विद्यार्थी  नक़ल कर रहे थे  उन सबको पास कर देना चाहिए क्योकि ऐसा कहा जाता है कि नक़ल के  लिए भी अकल की जरूरत होती है यानि उन सब नकलचोरों में अकल तो होगी ही, यही उनके पास करने का आधार बन सकता है l

सुपर हिट ऑफ़ द वीक

श्रीमान जी नक़ल करके डॉक्टरी की परीक्षा पास करके डॉक्टर बन गए एक दिन एक मरीज उनके पास आया और बोला
“मेरे “जोड़ों” में बहुत दर्द  रहता है आप बताएं  मैं क्या करूं ”
“जोड़े” तो भगवान बनाता है इसमें भला मैं क्या कर सकता हूँ” श्रीमान जी का उत्तर था
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