नेताओं के बजाए डॉक्टरों के नाम पर हों मेडिकल कॉलेज
डॉ.अग्रवाल का कहना है कि नेताओं के नाम पर सरकारी मेडिकल कॉलेजों का नामकरण कर दिया जाता है। प्रदेश में शुरू किए जा रहे नए मेडिकल कॉलेजों में ज्यादातर का नामकरण राजनेताओं के नाम पर किया जा रहा है। प्रदेश में नए मेडिकल इंस्टीट्यूट्स का नाम चिकित्सा जगत में नवाचार और उत्कृष्ट कार्य करने वाले दिवंगत डॉक्टरों के नाम पर किया जाए। इससे वर्तमान चिकित्सा छात्रों की पीढ़ी को उनके कार्यो से परिचित कराया जा सकेगा।
विश्व को एनॉटामी की किताबें लिखने वाले डॉ.बीडी चौरसिया के नाम से हो शुरूआत
पीएमटीए ने सीएम से मांग करते हुए लिखा कि एनाटॉमी की किताबों को आसान भाषा में लिखकर चिकित्सा जगत को नई दिशा देने वाले स्वर्गीय डॉक्टर बीडी चौरसिया के नाम पर मेडिकल कॉलेज का नामकरण किया जाए।चिकित्सा संस्थानों का नामकरण डॉक्टरों के नाम पर करने की शुरूआत डॉ.चौरसिया से की जाए। साल 1937 में छतरपुर जिले के बारीगढ़ गांव के निर्धन परिवार जन्मे डॉक्टर चौरसिया को पूरे विश्व के डॉक्टर आज भी उनके द्वारा एनाटोमी विषय को आसान भाषा में लिख कर पुस्तक के रूप में उपलब्ध कराने के लिए याद करते हैं ऑस्ट्रेलिया, इंग्लैंड से लेकर अमरीका तक उनके द्वारा लिखी किताबें सभी डॉक्टर पढ़ते है।मालूम हो कि मप्र में 13 सरकारी मेडिकल कॉलेज हैं। हाल ही में सात और नए मेडिकल कॉलेज खोलने की मंजूरी मिली है।
मप्र के सरकारी मेडिकल कॉलेजों के नाम
गांधी मेडिकल कॉलेज, भोपाल
गजराराजा मेडिकल कॉलेज, ग्वालियर
श्याम शाह मेडिकल काॅलेज, रीवा
महात्मा गांधी मेडिकल काॅलेज, इंंदौर
बुन्देलखंड मेडिकल काॅलेज, सागर
नेताजी सुभाष चंद्र बोस मेडिकल, काॅलेज
शासकीय चिकित्सा महाविद्यालय, दतिया
अटल बिहारी वाजपेयी शासकीय चिकित्सा महाविद्यालय, विदिशा
नंदकुमार सिंह चौहान शासकीय चिकित्सा महाविद्यालय, खण्डवा
शासकीय चिकित्सा महाविद्यालय, रतलाम
राजमाता विजया राजे सिंधिया मेडिकल कॉलेज शिवपुरी
छिंदवाड़ा इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस छिंदवाड़ा
बिरसा मुण्डा शासकीय मेडिकल कॉलेज शहडोल
प्राइवेट मेडिकल कॉलेज
पीपुल्स मेडिकल कॉलेज, भोपाल
एल एन मेडिकल कॉलेज, भोपाल
चिरायू मेडिकल कॉलेज, भोपाल
अमलतास मेडिकल कॉलेज, देवास
श्री अरविंदो इंस्टीटूयूट ऑफ मेडिकल साइंस, इंदौर
इंडेक्स मेडिकल कॉलेज
आरडी गार्डी मेडिकल कॉलेज, उज्जैन