आषाढ़ की मासिक शिवरात्रि इस दिन है, जानें पूजा का शुभ मुहूर्त और विधि

By
sadbhawnapaati
"दैनिक सदभावना पाती" (Dainik Sadbhawna Paati) (भारत सरकार के समाचार पत्रों के पंजीयक – RNI में पंजीकृत, Reg. No. 2013/54381) "दैनिक सदभावना पाती" सिर्फ एक समाचार...
3 Min Read

Ashadha Shivratri 2022: आषाढ़ माह की मासिक शिवरात्रि 27 जून 2022, सोमवार को मनाई जाएगी. इस दिन भगवान भोलेनाथ की पूजा और व्रत करने से भक्तों के दुख दूर होते हैं.
जानते है पूजा का मुहूर्त और विधि
Ashadha Shivratri 2022: हिंदू पंचांग के अनुसार प्रत्येक माह में कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि मासिक शिवरात्रि होती है. आषाढ़ माह की मासिक शिवरात्रि 27 जून 2022, सोमवार को मनाई जाएगी. इस दिन भगवान भोलेनाथ की पूजा और व्रत करने से भक्तों के दुख दूर होते हैं और मन इच्छा फल मिलता है.जीवन में सुख-शांति, समृद्धि, संतान प्राप्ति, के लिए भी मासिक शिवरात्रि का व्रत रखा जाता है. आइए जानते है पूजा का मुहूर्त और विधिमासिक शिवरात्रि 2022 तिथि

आषाढ़ मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि (आरंभ)- 27 जून 2022, सुबह 3 बजकर 25 मिनट

आषाढ़ मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि (समाप्त) – 28 जून 2022, सुबह 05 बजकर 52 मिनट

रात्रि प्रहर की पूजा का मुहूर्त – 27 जून 2022, देर रात 12 बजकर 04 मिनट से 12 बजकर 44 मिनट तक है.

मांगलिक कार्य के लिए शुभ मुहूर्त

आषाढ़ मासिक शिवरात्रि पर पूरे दिन सर्वार्थ सिद्धि योग बन रहा है. वहीं अमृत सिद्धि योग 27 जून 2022 को शाम 04 बजकर 02 मिनट से अगले दिन प्रात: 05 बजकर 26 मिनट तक है. ये दोनों ही योग मांगलिक कार्यों के लिए उत्तम माने जाते हैं.

मासिक शिवरात्रि पूजा विधि

  • मासिक शिवरात्रि में भगवान शिव की पूजा रात्रि में की जाती है. प्रात: काल स्नान करने के बाद पूरे विधि विधान भगवान शिव की आराधना करें. सुबह से व्रत रखें. घर पर ही शिवलिंग का गंगा जल, दूध, दही, शहद आदि से अभिषेकर करें.
  • शिव जी को धतूरा, बेलपत्र और फूल चढ़ाएं. धूप दीप जलाकर नैवेद्द्य अर्पित करें.भक्ति भाव से पंचाक्षर मंत्र- ऊं नम: शिवाय 108 बार जाप करें और आरती कर प्रसाद बांट दें.
  • मासिक शिवरात्रि के दिन दही, सफेद वस्त्र, दूध और शक्कर का दान करना श्रेष्ठ माना जाता है, इन चीजों का दान करने से भगवान भोलेनाथ अपने भक्तों पर प्रसन्न होते हैं.
  • मासिक शिवरात्रि की शाम को कच्चे चावल में काले तिल मिलाकर दान करने से आर्थिक संकट दूर होता है.जो भक्त इस दिन उपवास करता है, उसे मोक्ष, मुक्ति की प्राप्ति होती है.
Disclaimer: यहां मुहैया सूचना सिर्फ मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. यहां यह बताना जरूरी है कि सदभावना पाती न्यूज़ किसी भी तरह की मान्यता, जानकारी की पुष्टि नहीं करता है.
Share This Article
Follow:
"दैनिक सदभावना पाती" (Dainik Sadbhawna Paati) (भारत सरकार के समाचार पत्रों के पंजीयक – RNI में पंजीकृत, Reg. No. 2013/54381) "दैनिक सदभावना पाती" सिर्फ एक समाचार पत्र नहीं, बल्कि समाज की आवाज है। वर्ष 2013 से हम सत्य, निष्पक्षता और निर्भीक पत्रकारिता के सिद्धांतों पर चलते हुए प्रदेश, देश और अंतरराष्ट्रीय स्तर की महत्वपूर्ण खबरें आप तक पहुंचा रहे हैं। हम क्यों अलग हैं? बिना किसी दबाव या पूर्वाग्रह के, हम सत्य की खोज करके शासन-प्रशासन में व्याप्त गड़बड़ियों और भ्रष्टाचार को उजागर करते है, हर वर्ग की समस्याओं को सरकार और प्रशासन तक पहुंचाना, समाज में जागरूकता और सदभावना को बढ़ावा देना हमारा ध्येय है। हम "प्राणियों में सदभावना हो" के सिद्धांत पर चलते हुए, समाज में सच्चाई और जागरूकता का प्रकाश फैलाने के लिए संकल्पित हैं।