मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने खाने-पीने के समान पर जीएसटी लगाए जाने की तीखी आलोचना की है. उन्होंने आरोप लगाया कि मोदी सरकार इस तरह के फैसले लेकर जनता से उनका जीने का अधिकार छीनना चाहती है. कमलनाथ ने ट्विटर के जरिए केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार को जमकर आड़े हाथ लिया.
पीसीसी चीफ कमलनाथ ने कहा कि एक तरफ जनता प्रतिदिन महंगाई की मार से जूझ रही है, वहीं, दूसरी तरफ बीजेपी सरकार नित नए जनविरोधी फैसलों से उन्हें आहत करने का काम कर रही है. उन्होंने कहा कि आटा, दाल, गेहूं, अनाज, चावल, दही जैसे प्रतिदिन उपयोग में आने वाले पैकिंग वाले खाद्य पदार्थों को भी अब जीएसटी के दायरे में लाया गया है. इसी तरह अस्पताल के कमरे भी जीएसटी के दायरे में आ गए हैं.
ट्वीट के जरि कमलनाथ का मोदी सरकार पर आरोप
कमलनाथ ने कहा कि लगता है कि सरकार इस तरह के फैसले लेकर जनता से उनका जीने का अधिकार ही छीनना चाहती है. उन्होंने कहा कि एक तरफ रोजगार नहीं है, व्यापार नहीं है और दूसरी तरफ जो बचा है, उसे भी खत्म करने की तैयारी की जा रही है. गौरतलब है कि खाने-पीने की रोजमर्रा की चीजों के साथ अस्पताल के बिस्तर पर जीएसटी लगाने का देश भर में विपक्षी पार्टियां तीखा विरोध कर रही हैं. इसके विरोध का स्वर मंगलवार को संसद में भी सुनाई दिया.