National News – मैरिटल रेप पर अब सुप्रीम कोर्ट करेगा सुनवाई

By
sadbhawnapaati
"दैनिक सदभावना पाती" (Dainik Sadbhawna Paati) (भारत सरकार के समाचार पत्रों के पंजीयक – RNI में पंजीकृत, Reg. No. 2013/54381) "दैनिक सदभावना पाती" सिर्फ एक समाचार...
2 Min Read

नई दिल्ली। मैरिटल रेप यानी वैवाहिक बलात्कार कानूनी रूप से अपराध है या नहीं अब सुप्रीम कोर्ट इस मामले में सुनवाई करेगा। सुप्रीम कोर्ट इस मामले में अगले हफ्ते से सुनवाई करेगा।
मैरिटल रेप के मामले में दिल्ली हाईकोर्ट की बेंच के विभाजित फैसले के बाद सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई है। दरअसल 11 मई को दिल्ली हाईकोर्ट के 2 जजों ने अलग-अलग फैसला दिया था।
अब सुप्रीम कोर्ट तय करेगा कि मैरिटल रेप अपराध है या नहीं।भारतीय कानून में मैरिटल रेप कानूनी अपराध नहीं है। हालांकि, इसे अपराध घोषित करने की मांग को लेकर कई संगठनों की ओर से लंबे वक्त से मांग चल रही है।
याचिकाकर्ता ने दिल्ली हाईकोर्ट में याचिका दायर कर आईपीसी की धारा 375(दुष्कर्म) के तहत वैवाहिक दुष्कर्म को अपवाद माने जाने को लेकर संवैधानिक तौर पर चुनौती दी थी। दिल्ली हाईकोर्ट के जज इस मुद्दे पर एकमत नहीं थे। इसलिए कोर्ट ने इस मामले को 3 जजों की बेंच में भेजने का फैसला किया था।
हाईकोर्ट की बेंच में एक जज ने वैवाहिक बलात्कार अपवाद को रद्द करने का समर्थन किया था। वहीं जस्टिस सी हरिशंकर ने कहा कि आईपीसी के तहत अपवाद असंवैधानिक नहीं है और एक समझदार अंतर पर आधारित है।
Share This Article
Follow:
"दैनिक सदभावना पाती" (Dainik Sadbhawna Paati) (भारत सरकार के समाचार पत्रों के पंजीयक – RNI में पंजीकृत, Reg. No. 2013/54381) "दैनिक सदभावना पाती" सिर्फ एक समाचार पत्र नहीं, बल्कि समाज की आवाज है। वर्ष 2013 से हम सत्य, निष्पक्षता और निर्भीक पत्रकारिता के सिद्धांतों पर चलते हुए प्रदेश, देश और अंतरराष्ट्रीय स्तर की महत्वपूर्ण खबरें आप तक पहुंचा रहे हैं। हम क्यों अलग हैं? बिना किसी दबाव या पूर्वाग्रह के, हम सत्य की खोज करके शासन-प्रशासन में व्याप्त गड़बड़ियों और भ्रष्टाचार को उजागर करते है, हर वर्ग की समस्याओं को सरकार और प्रशासन तक पहुंचाना, समाज में जागरूकता और सदभावना को बढ़ावा देना हमारा ध्येय है। हम "प्राणियों में सदभावना हो" के सिद्धांत पर चलते हुए, समाज में सच्चाई और जागरूकता का प्रकाश फैलाने के लिए संकल्पित हैं।