हनीमून से हत्या तक: रिश्तों की पवित्रता पर सवाल,सोनम रघुवंशी और राजा रघुवंशी की एक दुखद प्रेम कहानी

devendra malviya
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भारतीय समाज में नारी को माँ, बहन, पत्नी, और प्रेमिका जैसे अनेक रूपों में पूजा जाता है। उसका प्रेम, ममता और समर्पण परिवार और समाज की नींव को मजबूत करता है। लेकिन जब यही नारी एक ऐसी साजिश का हिस्सा बन जाती है, जो समाज के नैतिक मूल्यों को हिला दे, तो यह न केवल चौंकाने वाला है, बल्कि गहरे आत्ममंथन की मांग करता है। मध्य प्रदेश के इंदौर से शुरू हुई राजा रघुवंशी और सोनम रघुवंशी की कहानी, जो मेघालय के शिलांग में एक भयानक हत्याकांड में बदल गई, ऐसी ही एक दुखद और विचारोत्तेजक घटना है।

कहानी की शुरुआत: एक सपनों भरा हनीमून

11 मई 2025 को इंदौर में राजा रघुवंशी और सोनम रघुवंशी की शादी धूमधाम से हुई। दोनों परिवारों में खुशी का माहौल था। शादी के महज नौ दिन बाद, 20 मई को यह नवविवाहित जोड़ा हनीमून के लिए मेघालय के शिलांग रवाना हुआ। मेघालय की खूबसूरत वादियां, डबल डेकर लिविंग रूट ब्रिज, और वेईसावडॉन्ग झरने जैसे पर्यटक स्थल उनकी यात्रा का हिस्सा थे। लेकिन किसी को क्या पता था कि यह सपनों भरा हनीमून एक ऐसी त्रासदी में बदल जाएगा, जो पूरे देश को झकझोर देगा।

रहस्यमयी गायब होना और शव की खोज

23 मई 2025 को राजा और सोनम, शिलांग के नोंग्रियाट गांव में डबल डेकर लिविंग रूट ब्रिज घूमने के बाद अचानक लापता हो गए। उनकी किराए की स्कूटी 24 मई को सोहरा के पास लावारिस हालत में मिली। 2 जून को वेईसावडॉन्ग झरने के पास एक गहरी खाई में राजा का शव बरामद हुआ। पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट ने खुलासा किया कि राजा की हत्या धारदार हथियार से की गई थी, और उनके सिर पर दो गहरे घाव थे। इस खोज ने मामले को और रहस्यमय बना दिया, क्योंकि सोनम का कोई सुराग नहीं मिल रहा था।

सनसनीखेज खुलासा: सोनम की भूमिका

9 जून 2025 को उत्तर प्रदेश के गाजीपुर में एक ढाबे पर सोनम रघुवंशी को पुलिस ने हिरासत में लिया। मेघालय पुलिस ने सनसनीखेज खुलासा किया कि सोनम ही इस हत्याकांड की मास्टरमाइंड थी। पुलिस के अनुसार, सोनम का इंदौर के राज कुशवाहा नामक युवक से प्रेम संबंध था, जो उससे पांच साल छोटा था और उसके पिता की प्लाईवुड फैक्ट्री में काम करता था। इस अवैध संबंध के चलते सोनम ने अपने पति राजा की हत्या की साजिश रची।

सोनम ने हनीमून की पूरी योजना बनाई, टिकट बुक किए, और राजा को मेघालय के सुनसान इलाके में ले गई, जहां तीन कॉन्ट्रैक्ट किलर्स—आकाश राजपूत, विशाल चौहान, और आनंद कुर्मी—ने मिलकर हत्या को अंजाम दिया। पुलिस ने इन तीनों को इंदौर और सागर से गिरफ्तार किया, जबकि राज कुशवाहा को भी हिरासत में लिया गया।

साजिश की परतें

पुलिस जांच में सामने आया कि सोनम ने हत्या की साजिश शादी से पहले ही बना ली थी। उसने अपने प्रेमी राज कुशवाहा के साथ मिलकर कॉन्ट्रैक्ट किलर्स को हायर किया। हत्या को प्राकृतिक दुर्घटना का रूप देने के लिए मेघालय का सुनसान इलाका चुना गया। 23 मई को सोनम ने अपनी सास उमा रघुवंशी को फोन कर बताया कि वह और राजा जंगल में ट्रेकिंग कर रहे हैं, और रास्ता बहुत कठिन है। इस बातचीत में उसकी सांसें फूल रही थीं, जो बाद में पुलिस के लिए संदिग्ध साबित हुई।

पुलिस को एक सीसीटीवी फुटेज भी मिली, जिसमें सोनम मोबाइल पर बात करते हुए राजा को लोकेशन भेज रही थी। एक टूरिस्ट गाइड की गवाही ने मामले को नया मोड़ दिया, जिसने बताया कि जिस दिन दंपति लापता हुआ, उनके साथ तीन अजनबी पुरुष भी थे।

परिवार और समाज का दर्द

राजा की मां उमा रघुवंशी ने बताया कि सोनम ने राजा को जबरन मेघालय ले जाने की जिद की थी। उन्होंने कहा, “कौन पत्नी ऐसा करती है कि अपने पति को मौत के मुँह में ले जाए?” उमा ने सोनम को बेटी जैसा माना था, लेकिन इस विश्वासघात ने उनके परिवार को तोड़ दिया। दूसरी ओर, सोनम के पिता और भाई गोविंद ने दावा किया कि वह बेगुनाह है और उसे फंसाया जा रहा है। गोविंद ने कहा, “अगर मेरी बहन दोषी है, तो उसे फांसी दे दी जाए, लेकिन पहले जांच होनी चाहिए।”

सोनम के परिवार ने मेघालय पुलिस पर मनगढ़ंत कहानी गढ़ने का आरोप लगाया और मामले की सीबीआई जांच की मांग की। इस बीच, इंदौर में राजा के घर के बाहर लोगों ने प्रदर्शन किया और सोनम के खिलाफ नारेबाजी की।

सामाजिक चिंतन

यह घटना समाज में बढ़ते अवैध संबंधों और विश्वासघात की प्रवृत्ति पर सवाल उठाती है। सोनम और राजा की कहानी केवल एक हत्याकांड नहीं, बल्कि सामाजिक ताने-बाने में बिखरते रिश्तों की तस्वीर है। जैसा कि एक एक्स पोस्ट में कहा गया, “शादी करनी थी तो निभाना था, नहीं निभा सकते तो छोड़ना था—मारना नहीं था।” यह घटना हमें यह सोचने पर मजबूर करती है कि प्रेम और विश्वास के नाम पर रिश्तों को इस हद तक क्यों तोड़ा जा रहा है।

जर्नल ऑफ कंपेरेटिव न्यूरोलॉजी और आर्काइव ऑफ सेक्सुअल बिहेवियर के अनुसार, प्रेम में डोपामाइन जैसे रसायनों का असर लोगों को एक-दूसरे के प्रति आसक्त करता है, लेकिन जब यह आसक्ति अवैध रास्तों पर चल पड़ती है, तो परिणाम विनाशकारी हो सकते हैं।

निष्कर्ष

राजा रघुवंशी हत्याकांड ने न केवल एक परिवार को तोड़ा, बल्कि समाज में रिश्तों की पवित्रता पर सवाल उठाए। मेघालय पुलिस की त्वरित कार्रवाई और साजिश का पर्दाफाश सराहनीय है, लेकिन यह घटना हमें आत्ममंथन के लिए मजबूर करती है। क्या हमारा समाज इतना असंवेदनशील हो गया है कि प्रेम और विवाह जैसे पवित्र बंधन हत्या की साजिश में बदल रहे हैं? सोनम रघुवंशी की कहानी एक चेतावनी है कि रिश्तों में विश्वास और ईमानदारी की नींव को मजबूत करना कितना जरूरी है।

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