राजगढ़ जिले के खिलचीपुर में 200 बेड का फर्जी अस्पताल दिखाते हुए भोपाल की एक संस्था को नर्सिंग कॉलेज की मान्यता दिलाने को लेकर कार्रवाई की गई। अस्पताल संचालक सहित, चार डॉक्टरों पर जिले के खिलचीपुर थाने में केस दर्ज किया गया है।
इस मामले में कलेक्टर के निर्देश पर जांच कर रही कमेटी ने आरोपी अस्पताल संचालक अशोक नागर सहित बीएमओ डॉ. आरके पुष्पद, डॉ. एनके वर्मा, डीएचओ डॉ एके सक्सेना और तत्कालीन सीएमएचओ डॉ केके श्रीवास्तव को दोषी माना है।
कागजों में बने एक फर्जी 200 बेड के अस्पताल के संचालन के मामले में पुलिस ने मुख्य आरोपी अस्पताल संचालक को गिरफ्तार कर लिया है। संचालक कई बड़े खुलासे कर सकता है। फरार लोगों की जांच की जा रही है, जिनकी तलाश की जा रही है।
इसकी शिकायत स्थानीय तनवीर वारसी ने की थी। पूर्व विधायक हजारीलाल दांगी की मांग पर कलेक्टर ने जांच समिति गठित की थी।
राजगढ़ जिले के खिलचीपुर में 200 बेड का फर्जी अस्पताल दिखाने और इस पूरे फर्जीवाड़े की कूटरचित रचना वाले श्री साईनाथ हॉस्पिटल एवं रिसर्च सेंटर एवं मां जालपा बीएससी नर्सिंग कॉलेज के संचालक अशोक कुमार नागर के खिलाफ भी मामला दर्ज कर उसे गिरफ्तार कर लिया गया है।
फिलहाल डॉक्टरों में अब तक किसी की गिरफ्तारी नहीं हुई है। नर्सिंग कालेजो द्वारा इस तरह का फर्जीवाडा पुरे प्रदेश में किया जा रहा है जिसकी व्यापक जांच की जाना चाहिए, ज्ञात हो की नर्सिंग कालेज की मान्यता के लिए कम से कम 100 बिस्तरों का स्वयं का अस्पताल होना आवश्यक है |
कालेज में सीटों की वद्धि के लिए हॉस्पिटल में बिस्तरों की वद्धि भी आवश्यक है पैसो के लालच में यह फर्जीवाडा पुरे मध्यप्रदेश में किया गया हो ऐसी आशंका है |
स्वास्थ विभाग के अधिकारी भी इस फर्जीवाड़े में साथ देते हुए बिना जांच किये फर्जी अस्पताल की अनुमति दे देते है |
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