जिला जेल के जेलर केके कुलश्रेष्ठ और हनी ट्रैप की आरोपी श्वेता विजय जैन के बीच बातचीत का एक फोटो वायरल होने के बाद हड़कंप मच गया है। भोपाल मुख्यालय ने मामले में जांच के आदेश दिए हैं, जिसके बाद डीआईजी संजय पांडे जांच के लिए गुरुवार सुबह जेल पहुंचे। वहीं मामले में फोटो वायरल करने वाले को जेलर ने खुली चेतावनी देते हुए कहा कि यह सोची समझी साजिश के तहत वायरल किया है। मैं चेतावनी देना चाहता हूं कि आपके पास यदि वीडियो हो तो उसे भी वायरल करिए। आपको जो करना है करिए। इससे कम से कम जो सच है वह सामने आएगा। जेलर ने हनी ट्रैप के फोटो वायरल करने की बात पर कहा कि जेल में 85 से 90 बंदिनी हैं। इसमें से 60 से 70 बंदिनी ऐसी होती ही हैं कि जो किसी ना किसी काम से निवेदन करने आती रहती हैं।
जिसने भी साजिश के तहत फोटो लिए हैं। उसने मामले को हाईलाइट करने के उद्देश्य से इसी का फोटो क्लिक किया। जिसने भी वीडियो बनाया उसने अवैध काम किया है। उसने वीडियो बनाकर मीडिया तक पहुंचाया। श्वेता से मुलाकात को लेकर उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य, टेलीफोनिक मुलाकात, आवेदन भेजने जैसे कई मुद्दों पर बात की है। आवास को बदलने को लेकर भी बात कर चुकी है। श्वेता उस दिन क्या बात कर रही थी, यह मुझे याद नहीं है। यह एक महीने-दो महीने पुराना भी हो सकता है। यह कोरोना काल का ही फोटो है। वीडियो बनाने वाला ही बता सकता है श्वेता का ही वीडियो क्यों बनाया। यदि यह किसी अन्य महिला के साथ का फोटो होता तो इतना हाईलाइट नहीं होता। यह मेरी छवि खराब करने के लिए पूरा षड़यंत्र रचा गया है। यह है मामला सामने आए फोटो में कुलश्रेष्ठ महिला वार्ड के बाहर कुर्सी पर बैठे हुए हैं और श्वेता से बात कर रहे हैं। जेल मैन्युअल के अनुसार महिला वार्ड में पुरुष अफसर जाकर किसी महिला कैदी से अकेले में बात नहीं कर सकते। इनके बीच क्या बात हुई, इसकी जानकारी नहीं मिली, लेकिन जो फोटो वायरल हुआ, उसके साथ मुख्यालय तक ये शिकायत भी पहुंची कि श्वेता और हनी ट्रैप की अन्य आरोपियों को जेल में वीआईपी सुविधाएं देने पर बात हो रही थी। इस फोटो को किसी जेलकर्मी ने ही खींचा और वायरल किया। जेल डीआईजी पांडे इस बात की भी जांच कर रहे हैं कि फोटो किसने लिया। बताते हैं कि पहले भी कुलश्रेष्ठ के महिला वार्ड में जाकर कैदियों से बात करने की शिकायत हो चुकी है। महीनेभर में ये दूसरा मामला है, जब हनी ट्रैप की आरोपियों के कारण कोई जेल अफसर फंसा है। इससे पहले जेल अधीक्षक अदिति चतुर्वेदी का इन्हीं आरोपियों की पैरोल की चिट्ठी लिखने पर तबादला हो गया था।
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