इंदौर में भूमाफिया पर कार्रवाई, सुरेंद्र और प्रतीक संघवी के खिलाफ एफ़आईआर

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इंदौर में भूमाफिया के खिलाफ बुधवार देर रात बड़ी कार्रवाई हुई। कलेक्टर के निर्देश पर पुलिस ने खजराना और एमआइजी थाना क्षेत्र में शहर के कुख्यात भूमाफिया के खिलाफ छह केस दर्ज किए हैं। इसमें सुरेंद्र संघवी, प्रतीक संघवी, केशव नाचानी और हैप्पी धवन के खिलाफ एफआइआर भी दर्ज की गई है। मजदूर पंचायत और देवी अहिल्या श्रमिक कामगार गृहनिर्माण सहकारी संस्था से भूखंड लेने वाले सैकड़ों सदस्यों को रजिस्ट्री के बाद भी अपनी जमीन नहीं मिली। लगातार शिकायतों के बाद हुई कार्रवाई में 200 पुलिसकर्मियों ने गड़बड़ी से जुड़े लोगों के ठिकानों पर छापे मारे। कई लोगों को पूछताछ के लिए हिरासत में लिया गया है।

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एएसपी राजेश रघुवंशी ने बताया कि बुधवार देर रात खजराना थाना पुलिस ने चार और एमआइजी थाना पुलिस ने दो केस दर्ज किए हैं। इसमें शहर के कुख्यात भूमाफिया दीपक सहित अन्य के नाम दर्ज हैं। इसके बाद कई सीएसपी, टीआइ और जवानों सहित 200 से अधिक पुलिसकर्मियों ने भूमाफिया की तलाश में छापे मारने शुरू किए। पुलिस दलों ने मनीषपुरी, विनय नगर, बिचौली और पलसीकर कालोनी में छापे मारे। सीएसपी राकेश गुप्ता और टीआइ विनोद दीक्षित की टीम ने मुकेश खत्री को विनय नगर से हिरासत में ले लिया। टीम रणवीर सिंह सूदन के पागनीसपागा स्थित निवास, हाथीपाला क्षेत्र में मनीष और हैप्पी धवन के साकेत नगर के समीप स्थित निवास पर भी पहुंची। देर रात तक छापे की कार्रवाई जारी थी।

भूमाफिया के खिलाफ कार्रवाई के लिए प्रशासन और पुलिस के अधिकारी तीन दिन से तैयारी कर रहे थे। कलेक्टर मनीष सिंह ने एडीएम अभय बेड़ेकर और एसडीएम अंशुल खरे के नेतृत्व में एक टीम बना दी थी जो मामले की जांच कर रही थी। बुधवार को दोपहर दो बजे से फरियादियों को लेकर प्रशासन के अधिकारी थानों में पहुंच गए थे। देर शाम एफ़आईआर दर्ज करना शुरू किया गया जो रात तक जारी था

सूत्रों के अनुसार कलेक्टर को लगातार शिकायत मिल रही थी कि अयोध्या पुरी कालोनी और मजदूर पंचायत के पीड़ित सालों से अपने प्लाट के लिए भटक रहे हैं। मंगलवार को भी प्रशासन के अधिकारी खजराना थाना गए तो उन्हें कार्रवाई में कुछ तकनीकी खामी बता कर लौटा दिया गया। कलेक्टर ने अपने निवास पर बैठक बुलाई और डीआइजी से मिलकर योजना तैयार की। बुधवार दोपहर अफसरों की टीम को दो हिस्सों में बांटकर उन्हें पीड़ितों को लाने और एफआइआर करवाने की जिम्मेदारी सौंपी गई थी। सूत्रों के अनुसार पिछले दिनों इंदौर आए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को भी कलेक्टर ने इसकी जानकारी दे दी थी।

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