आखिरकार साहब ने दिए दर्शन : मोदी जी ने बताई वैक्सीनेशन की नई नीति: अब केंद्र के हाथ में कमान, जानें प्लान ?

sadbhawnapaati
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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को देश की नई वैक्सीन रणनीति का ऐलान किया. 8 हफ्ते के बाद भारत एक बार फिर अपनी उसी नीति पर पहुंचा है, जहां केंद्र के पास वैक्सीनेशन का सबसे अधिक अधिकार है. एक मई से वैक्सीन लगाने को लेकर कुछ बदलाव किया गया था, जिसमें 18-44 साल के उम्र वाले लोगों के लिए टीकाकरण का 25 फीसदी हिस्सा राज्यों को लेने का अधिकार दिया गया.

लेकिन अब जब वैक्सीन गाइडलाइन्स का 3.0 वर्जन आया है, तो फिर सबसे पहली गाइडलाइन्स का रुख किया गया है जहां केंद्र सर्वोपरि है और राज्यों को वैक्सीनेशन के लिए पैसा नहीं देना होगा. केंद्र सरकार के इस फैसले के बाद विपक्ष का कहना है कि सुप्रीम कोर्ट की फटकार और विपक्ष के दबाव के कारण सरकार ने ये फैसला लिया है. वहीं, इससे अलग पीएम मोदी ने अपने संबोधन में ये भी संकेत दिया कि कैसे अप्रैल के आखिर में राज्य सरकारों और विपक्ष ने वैक्सीनेशन के अधिकार में राज्यों की हिस्सेदारी बढ़ाने की वकालत की थी.

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नई नीति के तहत केंद्र को वैक्सीन के लिए करीब 45 हजार करोड़ रुपये का खर्च उठाना पड़ सकता है, केंद्र ने बजट में 35 हजार करोड़ देने की बात कही थी. देश में अभी करीब 94 करोड़ ऐसे लोग हैं जो 18 प्लस की श्रेणी में आते हैं. ऐसे में इनके लिए 188 करोड़ डोज़ की जरूरत होगी.  केंद्र के मुताबिक अगस्त से दिसंबर के बीच सीरम इंस्टीट्यूट 50 करोड़, भारत बायोटेक 38.6 करोड़, बायो-ई 30 करोड़, जायडस कैडिला 5 करोड़, स्पुतनिक-वी 10 करोड़ वैक्सीन उपलब्ध कराएगा. 130 करोड़ से ज्यादा वैक्सीन यहां से आएंगी, इनमें अभी विदेशी वैक्सीन को शामिल नहीं किया गया है.

अब राज्यों का कोटा भी सीधे केंद्र ही खरीदेगा और फिर उन्हें देगा. केंद्र पहले 50 फीसदी हिस्सा ले रहा था, बाकी 25 फीसदी राज्य और अन्य 25 फीसदी प्राइवेट अस्पतालों को दिया गया.लेकिन अब केंद्र 75 फीसदी हिस्सा रखेगा और प्राइवेट अस्पतालों को 25 फीसदी हिस्सा दिया जाएगा. पहले केंद्र की ओर से सिर्फ 45 प्लस वाले लोगों को वैक्सीन मुफ्त में दी जा रही थी, लेकिन अब केंद्र ने 18 प्लस वालों के लिए भी मुफ्त वैक्सीन की बात कही है जो 21 जून से लागू होगी.सूत्रों का कहना है कि प्राइवेट अस्पतालों को 25 फीसदी हिस्सा देकर केंद्र की कोशिश मुफ्त वैक्सीन को क्रॉस सब्सिडाइज करने की है, साथ ही इससे सरकारी हेल्थ सिस्टम पर कुछ भार कम होगा. केंद्र ने 150 रुपये का सर्विस चार्ज फिक्स कर दिया है, ऐसे में लोगों को दिक्कत नहीं होगी.

केंद्र की ओर से 10 लाख आशा वर्कर्स और 2 लाख अन्य वर्कर्स को मैदान में उतारा जाएगा, ताकि जागरूकता को बढ़ाया जा सके. वहीं, कोई भी व्यक्ति अब किसी दूसरे व्यक्ति के लिए ई-वाउचर खरीद पाएगा, यानी अगर कोई क्षमतावान है तो वह वाउचर खरीदकर किसी अन्य व्यक्ति के लिए वैक्सीन का बोझ उठा पाएगा. इससे इस मिशन में जनता का सहयोग भी बढ़ेगा.

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