अलीराजपुर: टकीला, व्हिस्की और रम, को पीछे छोड़ देशी शराब बनेगी देश-दुनिया में ब्रांड

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sadbhawnapaati
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अंग्रेजी शराब के सामने देशी शराब हमेशा से ही कमतर आंकी गई है. लेकिन अब ऐसा नहीं होगा. अब अलीराजपुर की महुए से बनने वाली देशी शराब विदेशी ब्रांड्स को भी टक्कर देगी.

आबकारी विभाग ने इसकी तैयारी कर ली है. अब महुए के फूल से बनने वाली देशी शराब को देश-दुनिया में ब्रांड बनाया जाएगा. आबकारी विभाग ने अलीराजपुर जिले के कटटीवाडा के जंगलों में एक प्लांट तैयार किया है. यह प्लांट 2 महीने में कंप्लीट हो जाएगा.

बता दें कि महुआ का हैरिटेज प्लांट बनकर तैयार हो गया है. अब इसकी टेस्टिंग की जा रही है. आपको बता कि हर देश की अपनी एक हेरीटेज शराब है, जो उस देश की पहचान है.

जैसे टकीला, व्हिस्‍की, वोडका और रम आदि शराब. अब भारत में भी देशी पद्धति से बनने वाली महुआ शराब विदेशो में पहचानी जाएगी. बता दें कि दुनिया की नामी शराब जो किसी फल या अनाज से नहीं बल्कि महुआ के फूल से बनाई जाती है.

यह दुनिया की पहली ऐसी शराब है जो किसी फूल से बनती है. मप्र सरकार के अनुदान से इस प्‍लांट को तैयार किया गया है. आदिवासी क्षेत्र के आदिवासी ही इस प्‍लांट को संचालित भी करेंगे.

जिससे कि आदिवासियों को रोजगार मिलेगा जिससे वे सक्षम होंगे. इस महुआ शराब को इलाके के आदिवासी समूह ही विक्रय भी करेगे.

शराब की जाएगी होटलों में ब्रांडिंग

बता दें कि अलीराजपुर जिले में बनने वाली महुआ शराब अब प्रदेश या देश ही नहीं विदेशो में भी पहचानी जाएगी. इसके लिए आबकारी विभाग ने प्‍लानिंग कर ली है.

महुआ को हेरिटेज स्‍टेटस दिलाने के लिए अब इसकी ब्रांडिग की जाएगी. इसके लिए इस शराब को एमपी टूरिस्‍म के होटलों, एयरपोर्ट व अन्‍य रेस्‍टोरेंट में भी देखा जाएगा.

वहीं यह शराब अन्‍य देशों की हरीटेज शराबों की श्रेणी में आ सकती है. देशी पद्धति से बनने वाली शराब पूरी तरह कुदरती रूप से तैयार की जाएगी.

जिससे की यह शराब शरीर को ज्‍यादा हानि न पहुंचा पाए. वहीं प्रशासन ने भी इस हेरीटेज प्‍लांट को लेकर तैयारीयां कर ली हैं. जानकारी के मुताबिक यह प्लांट 2 महीने में कंप्लीट हो जाएगा.

इसके लिए टेंस्टिंग का दौर शुरू हो गया है. साथ ही आबकारी विभाग ने शराब की लेबलिंग से लेकर उसकी बोटलिंग तक की तैयारी कर ली है.

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"दैनिक सदभावना पाती" (Dainik Sadbhawna Paati) (भारत सरकार के समाचार पत्रों के पंजीयक – RNI में पंजीकृत, Reg. No. 2013/54381) "दैनिक सदभावना पाती" सिर्फ एक समाचार पत्र नहीं, बल्कि समाज की आवाज है। वर्ष 2013 से हम सत्य, निष्पक्षता और निर्भीक पत्रकारिता के सिद्धांतों पर चलते हुए प्रदेश, देश और अंतरराष्ट्रीय स्तर की महत्वपूर्ण खबरें आप तक पहुंचा रहे हैं। हम क्यों अलग हैं? बिना किसी दबाव या पूर्वाग्रह के, हम सत्य की खोज करके शासन-प्रशासन में व्याप्त गड़बड़ियों और भ्रष्टाचार को उजागर करते है, हर वर्ग की समस्याओं को सरकार और प्रशासन तक पहुंचाना, समाज में जागरूकता और सदभावना को बढ़ावा देना हमारा ध्येय है। हम "प्राणियों में सदभावना हो" के सिद्धांत पर चलते हुए, समाज में सच्चाई और जागरूकता का प्रकाश फैलाने के लिए संकल्पित हैं।