मोदी सरकार का बड़ा फैसला : गेहूं के आटे के निर्यात पर लगेगा बैन, महंगाई कम करने के लिए लिया निर्णय

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National News in Hindi। केंद्र की मोदी सरकार ने गुरुवार को गेहूं के आटे के दाम में तेजी पर लगाम लगाने के लिये इसके निर्यात पर बैन लगाने का रास्ता साफ कर दिया है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में मंत्रिमंडल की आर्थिक मामलों की समिति (सीसीईए) की बैठक में यह फैसला किया गया.

सीसीई की इस मंजूरी से अब गेहूं के आटे के निर्यात पर प्रतिबंध लगाने की अनुमति मिल जाएगी जो गेहूं के आटे की बढ़ती कीमतों पर अंकुश सुनिश्चित करेगा और समाज के सबसे कमजोर वर्गों की खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करेगा.

नीति में कैबिनेट कमिटी ने किया संशोधन
आधिकारिक बयान के अनुसार, मंत्रिमंडल के इस निर्णय से अब गेहूं के आटे के निर्यात पर प्रतिबंध लगाने की अनुमति होगी. इससे आटे की बढ़ती कीमतों पर अंकुश लगेगा और समाज के सबसे कमजोर तबके के लिये खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित होगी. विदेश व्यापार महानिदेशालय इस बारे में अधिसूचना जारी करेगा.

पहले बैन ना लगाने की पॉलिसी थी- इसमें किया संशोधन
बयान के मुताबिक इससे पहले गेहूं के आटे के निर्यात पर रोक या कोई प्रतिबंध नहीं लगाने की नीति थी. ऐसे में खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करने और देश में गेहूं आटे की बढ़ती कीमतों पर अंकुश लगाने के लिये इसके निर्यात पर प्रतिबंध/प्रतिबंधों से छूट को वापस लेकर नीति में आंशिक संशोधन की जरूरत थी.

क्यों बढ़ीं देश में गेहूं के आटे की कीमतें
रूस और यूक्रेन गेहूं के प्रमुख एक्सपोर्टर्स हैं. दोनों देशों की वैश्विक गेहूं व्यापार में लगभग एक-चौथाई हिस्सेदारी हैं. दोनों देशों के बीच युद्ध से गेहूं की सप्लाई व्यवस्था प्रभावित हुई है. इससे भारतीय गेहूं की मांग बढ़ गई है. इसके कारण घरेलू बाजार में गेहूं के दाम में तेजी देखने को मिली है.

इसके अलावा देश में भीषण गर्मी और बढ़ी मांग के चलते भी घरेलू कीमतें तेजी से बढ़ रही थीं. इसको देखते हुए सरकार ने फैसला लिया कि पहले घरेलू मांग पर ही ध्यान दिया जाना चाहिए और निर्यात के बैन पर यदि जरूरत पड़ती है तो इसके लिए रास्ता खोल दिया जाए.

भारत से गेहूं आटे का निर्यात 200 फीसदी बढ़ा
सरकार ने देश में खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिये मई में गेहूं के निर्यात पर रोक लगा दी थी. हालांकि, इससे गेहूं के आटे की विदेशी मांग में उछाल आया. भारत से गेहूं आटे का निर्यात इस साल अप्रैल-जुलाई में सालाना आधार पर 200 फीसदी बढ़ा है.

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"दैनिक सदभावना पाती" (Dainik Sadbhawna Paati) (भारत सरकार के समाचार पत्रों के पंजीयक – RNI में पंजीकृत, Reg. No. 2013/54381) "दैनिक सदभावना पाती" सिर्फ एक समाचार पत्र नहीं, बल्कि समाज की आवाज है। वर्ष 2013 से हम सत्य, निष्पक्षता और निर्भीक पत्रकारिता के सिद्धांतों पर चलते हुए प्रदेश, देश और अंतरराष्ट्रीय स्तर की महत्वपूर्ण खबरें आप तक पहुंचा रहे हैं। हम क्यों अलग हैं? बिना किसी दबाव या पूर्वाग्रह के, हम सत्य की खोज करके शासन-प्रशासन में व्याप्त गड़बड़ियों और भ्रष्टाचार को उजागर करते है, हर वर्ग की समस्याओं को सरकार और प्रशासन तक पहुंचाना, समाज में जागरूकता और सदभावना को बढ़ावा देना हमारा ध्येय है। हम "प्राणियों में सदभावना हो" के सिद्धांत पर चलते हुए, समाज में सच्चाई और जागरूकता का प्रकाश फैलाने के लिए संकल्पित हैं।