Press "Enter" to skip to content

बुलेटप्रूफ शीशा हटवाकर अमित शाह ने कश्मीर की धरती से आतंकवाद को दी खुली चुनौती

National News. केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने जम्मू कश्मीर के अपने तीन दिवसीय दौरे को विस्तार देते हुए सोमवार की रात पुलवामा के लेथपुरा में केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल के शिविर में गुजारी. यह वही स्थान है जहां फरवरी 2019 में पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवादियों द्वारा किए गए एक कार बम हमले ने 40 से ज्यादा जवानों की जान ले ली थी. यही नहीं अमित शाह ने श्रीनगर में एक रैली में भाषण से पहिले बुलेटप्रूफ शीशे को हटवा दिया और बिना सुरक्षा के ही भाषण दिया. उन्होंने रैली में मौजूद लोगों से कहा कि दिल से डर निकाल दीजिए. आतंकवाद मानवता के खिलाफ है और हम इसे बर्दाश्त नहीं कर सकते.

सोमवार को सीआरपीएफ कैंप में जवानों को संबोधित करते हुए कहा कि आतंकवाद को लेकर नरेंद्र मोदी सरकार की जीरो टॉलरेंस की नीति है. हम देश की सुरक्षा के साथ कोई समझौता करने वाले नहीं. गृहमंत्री ने आतंकवादियों को करारा जवाब देने और जवानों के मनोबल को बढ़ाने के लिए उसी पुलवामा सीआरपीएफ कैंप में रात बिताई. जहां के 40 सीआरपीएफ जवान 2019 में आतंकी हमले में शहीद हो गए थे. यही नहीं उन्होंने श्रीनगर से पुलवामा के लेतपुरा सीआरपीएफ कैंप का करीब 20 किलोमीटर का सफर सड़क मार्ग से तय किया. जो दहशतगर्दों को सीधा संदेश था.

अमित शाह ने जवानों के साथ बैठकर किया भोजन
अमित शाह ने जवानों के साथ न सिर्फ बात की बल्कि उनके साथ बैठकर भोजन भी किया. इस दौरान उन्होंने जवानों का मनोबल बढ़ाया और उनके हौसले के लिए उन्हें बधाई दी. जवानों ने भी गृहमंत्री शाह के दौरे को एक यादगार क्षण के रूप में लिया. जवानों ने कहा कि इस तरह से उनका हमारे बीच में आना और साथ में भोजन करना हमारे लिए गौरव की बात है.

गृह मंत्री अमित शाह ने फैसला किया कि रात जवानों के साथ ही बिताएंगे इसलिए सुरक्षा की पर परवाह किए बिना पुलवामा सीआरपीएफ कैंप में ही जवानों के साथ रात बिताया. दरअसल गृहमंत्री शाह आतंक के ठेकेदारों को सीधा मैसेज देना चाहते थे. यही कारण था कि पहले 20 किलोमीटर का सफर तय करके सड़क मार्ग से कैंप पहुंचे, वहां रात बिताया और शहीद जवानों को श्रद्धांजलि दी.

Spread the love
More from Twitter War NewsMore posts in Twitter War News »