सोमवार को सीआरपीएफ कैंप में जवानों को संबोधित करते हुए कहा कि आतंकवाद को लेकर नरेंद्र मोदी सरकार की जीरो टॉलरेंस की नीति है. हम देश की सुरक्षा के साथ कोई समझौता करने वाले नहीं. गृहमंत्री ने आतंकवादियों को करारा जवाब देने और जवानों के मनोबल को बढ़ाने के लिए उसी पुलवामा सीआरपीएफ कैंप में रात बिताई. जहां के 40 सीआरपीएफ जवान 2019 में आतंकी हमले में शहीद हो गए थे. यही नहीं उन्होंने श्रीनगर से पुलवामा के लेतपुरा सीआरपीएफ कैंप का करीब 20 किलोमीटर का सफर सड़क मार्ग से तय किया. जो दहशतगर्दों को सीधा संदेश था.
अमित शाह ने जवानों के साथ बैठकर किया भोजन
अमित शाह ने जवानों के साथ न सिर्फ बात की बल्कि उनके साथ बैठकर भोजन भी किया. इस दौरान उन्होंने जवानों का मनोबल बढ़ाया और उनके हौसले के लिए उन्हें बधाई दी. जवानों ने भी गृहमंत्री शाह के दौरे को एक यादगार क्षण के रूप में लिया. जवानों ने कहा कि इस तरह से उनका हमारे बीच में आना और साथ में भोजन करना हमारे लिए गौरव की बात है.
गृह मंत्री अमित शाह ने फैसला किया कि रात जवानों के साथ ही बिताएंगे इसलिए सुरक्षा की पर परवाह किए बिना पुलवामा सीआरपीएफ कैंप में ही जवानों के साथ रात बिताया. दरअसल गृहमंत्री शाह आतंक के ठेकेदारों को सीधा मैसेज देना चाहते थे. यही कारण था कि पहले 20 किलोमीटर का सफर तय करके सड़क मार्ग से कैंप पहुंचे, वहां रात बिताया और शहीद जवानों को श्रद्धांजलि दी.