Last updated on September 17, 2020
प्याज की बढ़ती कीमतों पर लगाम लगाने के लिए सरकार ने प्याज की सभी किस्मों के निर्यात (Export) पर रोक लगा दी है. सरकार के इस कदम से प्याज की लोकल मार्केट में उपलब्धता बढ़ेगी जिससे कीमतें भी कम होंगी. विदेश व्यापार महानिदेशालय (DGFT) की ओर से जारी एक अधिसूचना में कहा गया, ‘प्याज की सभी किस्मों के निर्यात पर तत्काल प्रभाव से प्रतिबंध लगाया जाता है.’ DGFT वाणिज्य मंत्रालय के तहत आता है और आयात-निर्यात के मामलों को देखता है. क्यों लगाई निर्यात पर रोक आपको बता दें कि अगस्त में प्याज के लिए थोक महंगाई दर (-) 34.48 परसेंट रही है, बावजूद इसके प्याज की कीमतें बढ़ीं हैं. दिल्ली में प्याज के भाव 40 रुपये प्रति किलो तक बढ़ गए हैं.
दरअसल दक्षिण भारत के राज्यों में भारी बारिश के चलते इस बार प्याज की फसल को खासा नुकसान हुआ है. इसके चलते घरेलू बाजार में प्याज की कीमतें भी काफी बढ़ीं हैं. थोक मंडियों में आठ अगस्त के बाद से प्याज की कीमतें लगातार बढ़ रही हैं. भारत ने अप्रैल से जून के बीच करीब 19.8 करोड़ डॉलर के प्याज का निर्यात किया है. पिछले साल 44 करोड़ डॉलर के प्याज का निर्यात किया गया था. भारत से सबसे ज्यादा प्याज का निर्यात श्रीलंका, बांग्लादेश, मलेशिया और संयुक्त अरब अमीरात (UAE) को होता है. पहले भी लगा था निर्यात पर बैन इससे पहले सरकार ने सितंबर 2019 में भी प्याज के निर्यात पर रोक लगाई थी. उस समय मांग और आपूर्ति में बहुत ज्यादा अंतर आने से प्याज के भाव काफी ज्यादा बढ़ गए थे. महाराष्ट्र जैसे बड़े प्याज उत्पादक राज्यों में बारिश और बाढ़ के चलते प्याज की फसल को भारी नुकसान पहुंचा था. ज्ञात हो की कल दिनांक 14-9-20 को सदभावना पाती ने प्रमुखता से यह खबर छापी थी, जिसका असर ये हुआ की सरकार ने प्याज के निर्यात पर रोक लगा दी है |
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