हर दिन 600 से ज़्यादा भारतीय छोड़ रहे हैं देश, कांग्रेस ने सरकार की नीतियों पर उठाए सवाल 

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बेरोजगारी, जीडीपी, जेंडर गैप और प्रेस की स्वतंत्रता को माना अहम कारण    
नई दिल्ली। कांग्रेस ने मंगलवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर कटाक्ष करते हुए अच्छे दिन के वादे पर गंभीर सवाल उठाए। कांग्रेस प्रवक्ता प्रो गौरव वल्लभ ने कहा कि इस सरकार में भारतीय नागरिकों के लिए ‘अच्छे दिन’ भारत में नहीं, बल्कि विदेश में आए हैं, इसलिए रोजाना 600 से अधिक लोग भारत की नागरिकता त्याग रहे हैं।
प्रोफेसर गौरव वल्लभ ने कहा, ‘पीएम मोदी कल प्रवासी भारतीय सम्मेलन को संबोधित कर के आए हैं। देश में अमृत काल चल रहा है। इस अमृतकाल में 604 भारतीय हर दिन देश छोड़ रहे हैं। भारतीयों के अच्छे दिन देश से बाहर आए हैं। आज रात 12 बजे तक 604 लोग देश छोड़कर चले जाएंगे।’ कांग्रेस प्रवक्ता ने बताया कि वर्ष 2014 में रोजाना औसतन 354 लोग भारत की नागरिकता छोड़ते थे। लेकिन यह संख्या अब बढ़कर 604 हो गई है।
उन्होंने कहा, ‘यह जानकर लोगों को हैरानी होगी कि जो लोग देश छोड़कर जा रहे हैं उनमें से ज्यादातर लोग उच्च आय श्रेणी वाले हैं। 2022 में जो लोग देश छोड़कर गए उनमें अधिकांश लोगों की आय करोड़ों में थी। 7 हजार लोग जो विदेशों में गए सालाना आय 8 करोड़ रुपये से ज्यादा थी। ये इनकम टैक्स रिटर्न का डाटा है। यानी भारत में कमाया हुआ पैसा भारत में निवेश नहीं हो रहा। ये विदेशों में जा रहा है।’
कांग्रेस नेता ने कहा, ‘लोगों के भारत की नागरिकता त्यागने के कई कारण हैं। मसलन, लगातार बढ़ती बेरोजगारी है, जीडीपी विकास दर लगातार कम है, दुनिया में सबसे ज्यादा गरीब लोग भारत में हैं, वैश्विक भूख सूचकांक में 121 देशों में हम 107वें स्थान पर हैं, वैश्विक स्त्री-पुरुष अंतर अनुपात में भारत की स्थिति बहुत खराब है औेर वैश्विक प्रेस स्वतंत्रता की सूची में दुनिया में भारत का स्थान 150वां है।’
कांग्रेस प्रवक्ता ने सवाल किया, ‘प्रधानमंत्री जी, रोजाना 600 से अधिक लोग भारतीय नागरिकता क्यों छोड़ रहे हैं? भारत की नागरिकता छोड़ने वालों की संख्या आपके कार्यकाल में 1.7 गुना क्यों बढ़ी? भारत के लोगों के लिए भारत में अच्छे दिन क्यों नहीं आ रहे हैं?’
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"दैनिक सदभावना पाती" (Dainik Sadbhawna Paati) (भारत सरकार के समाचार पत्रों के पंजीयक – RNI में पंजीकृत, Reg. No. 2013/54381) "दैनिक सदभावना पाती" सिर्फ एक समाचार पत्र नहीं, बल्कि समाज की आवाज है। वर्ष 2013 से हम सत्य, निष्पक्षता और निर्भीक पत्रकारिता के सिद्धांतों पर चलते हुए प्रदेश, देश और अंतरराष्ट्रीय स्तर की महत्वपूर्ण खबरें आप तक पहुंचा रहे हैं। हम क्यों अलग हैं? बिना किसी दबाव या पूर्वाग्रह के, हम सत्य की खोज करके शासन-प्रशासन में व्याप्त गड़बड़ियों और भ्रष्टाचार को उजागर करते है, हर वर्ग की समस्याओं को सरकार और प्रशासन तक पहुंचाना, समाज में जागरूकता और सदभावना को बढ़ावा देना हमारा ध्येय है। हम "प्राणियों में सदभावना हो" के सिद्धांत पर चलते हुए, समाज में सच्चाई और जागरूकता का प्रकाश फैलाने के लिए संकल्पित हैं।