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2023 में भी किसान कर्ज माफी रहेगा मुद्दा, वचन पत्र के लिए कमलनाथ ने बनायी सलाहकार समिति

भोपाल. मध्य प्रदेश में अगले साल 2023 में विधानसभा चुनाव हैं. इस बार भी कांग्रेस के वही मुद्दे होंगे जिन्होंने 2018 में उसे जीत दिलवाई थी. यानि किसान कर्ज माफी के बड़े मुद्दे को लेकर ही वो चुनाव मैदान में उतरने की तैयारी में है.
डेढ़ साल ही सत्ता में रहने के कारण जो वादे और वचन अधूरे रह गए थे वो अब पूरे करेगी. वचन पत्र तैयार करने के लिए उसने सलाहकार समिति बना दी है. इसके अध्यक्ष राजेन्द्र सिंह होंगे.

प्रदेश में अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए कांग्रेस ने अभी से वचन पत्र की तैयारी शुरू कर दी है. 2018 में जीत के बाद भी डेढ़ साल में सत्ता हाथ से चली गयी थी.

जाहिर है जनता से किये वादे भी अधूरे रह गए थे. इसलिए अब कांग्रेस वही वादे 2023 के वचन पत्र में भी शामिल करेगी. इसमें किसान कर्ज माफी सबसे बड़ा वादा और मुद्धा था. वचन पत्र तैयार करने से पहले आम लोगों से सुझाव लेने शुरू कर दिये हैं.

सलाहकार समिति में ये हैं सदस्य

प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ ने वचन पत्र तैयार करने के लिए सामाजिक संगठनों और राजनीतिक कार्यकर्ताओं से विचार मंथन के लिए सलाहकार समिति का गठन किया है.
समिति का अध्यक्ष विधानसभा के पूर्व उपाध्यक्ष और कांग्रेस नेता राजेंद्र कुमार सिंह को बनाया है. 2018 के चुनाव में भी कांग्रेस का वचन पत्र राजेंद्र कुमार सिंह ने ही तैयार किया था.
पूर्व मंत्री बाला बच्चन उपाध्यक्ष होंगे. पार्टी ने सदस्य के रूप में सज्जन सिंह वर्मा, विजय लक्ष्मी साधो, एनपी प्रजापति, लाखन सिंह यादव, मुकेश नायक, सुखदेव पांसे, ओमकार मरकाम, तरुण भनोट, कमलेश्वर पटेल, आरिफ मसूद, फूल सिंह बरैया, सैयद साजिद अली, शोभा ओझा, केदार सिरोही, वीरेंद्र खोंगल, महेंद्र सिंह को समिति में शामिल किया है.
सलाहकार समिति में विशेष आमंत्रित सदस्य के रूप में दिग्विजय सिंह, सुरेश पचौरी, विवेक तन्खा कांतिलाल भूरिया, अजय सिंह, अरुण यादव और मीनाक्षी नटराजन को शामिल किया है. ये समिति लोगों से फीडबैक लेकर वचन तैयार करेगी.

नये वचन पत्र में पुराने वादे

एमपी कांग्रेस प्रवक्ता नरेंद्र सलूजा ने कहा नए वचन पत्र में पुराने अधूरे वचनों को शामिल किया जाएगा. किसान कर्ज माफी जैसे मुद्दे पिछली बार के वचन पत्र में प्रमुख विषय थे.
इनको दोबारा चर्चा के बाद वचन पत्र में शामिल किया जाएगा. सलाहकार समिति पुराने वचन पत्र का अध्ययन करने के बाद नए बिंदुओं को शामिल करेगी.
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