देवी अहिल्या विश्वविद्यालय में विद्यार्थियों की भीड़ से कोरोना का डर |

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कोरोना संक्रमितों मरीज़ों की संख्या बढ़ने के बावजूद शहरवासी अभी गंभीर नहीं है। न तो लोग मास्क लगा रहे और न शारीरिक दूरी का पालन हो रहा है। ताजा उदाहरण देवी अहिल्या विश्वविद्यालय में देखा जा सकता है। जहां इन दिनों परीक्षा-रिजल्ट के लिए विद्यार्थियों की भीड़ उमड़ रही है। ये छात्र-छात्रा सीधे अधिकारी और कर्मचारियों के संपर्क में आ रहे है। इसके चलते विश्वविद्यालय का स्टाफ काफी डरा हुआ है। मंगलवार को कर्मचारियों ने कुलपति और प्रभारी रजिस्ट्रार से सामूहिक टीकाकरण की गुहार लगाई है। मामले में विश्वविद्यालय प्रशासन अब जिला प्रशासन को पत्र लिखने जा रहा है।

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यूजी-पीजी कोर्स के असाइनमेंट जमा करने, परीक्षा और रिजल्ट को लेकर रोजाना सैकड़ों की संख्या में विद्यार्थी आरएनटी मार्ग स्थित विश्वविद्यालय परिसर पहुंच रहे है। ये परीक्षा नियंत्रक, डिप्टी रजिस्ट्रार- सहायक उपकुलसचिव (परीक्षा) से मिलकर अपनी समस्या का समाधान करवा रहे हैं। यहां तक परीक्षा विभाग में भी विद्यार्थी सीधे कर्मचारी से संपर्क कर रहे हैं। बीते सप्ताहभर में विश्वविद्यालय में 12 अधिकारी-कर्मचारी संक्रमित हो चुके है। ऐसी स्थिति में विश्वविद्यालय का स्टाफ काफी डरा हुआ है। कुछ दिन पहले भी कर्मचारियों ने समस्या के लिए बाहर खिड़की खोलने की मांग रखी थी।
यहां तक विद्यार्थियों के बेवजह प्रवेश पर भी प्रतिबंध लगाने पर जोर दिया है। बताया जाता है कि ज़िम्मेदारी अधिकारियों ने इसके लिए राजी नहीं हुए है। रविवार को भी खंडवा रोड स्थित विभाग में एक कर्मचारी पॉजिटिव आ चुका है। मंगलवार को विवि स्टाफ ने वैक्सीन लगवाने के लिए अधिकारियों से चर्चा की है। प्रभारी रजिस्ट्रार अनिल शर्मा ने कहा कि कर्मचारी वैक्सीनेशन लगाने को तैयार है। वे टीकाकरण के लिए बात करने आए थे। जल्द ही पत्र लिखकर स्टाफ को वैक्सीन लगवाएंगे। फिलहाल इसके लिए जिला प्रशासन से चर्चा करेंगे।
550 कर्मचारी लगाएंगे टीका
टीका लगाने को लेकर कर्मचारी आगे आए है। सूत्रों के मुताबिक स्थापना विभाग से कर्मचारियों की सूची निकाली जा रही है। लगभग 550 कर्मचारियों को टीका लग सकता है। नालंदा और तक्षशिला परिसर के कर्मचारी शामिल है। गैर शिक्षक संघ के करीब 300 और सेल्फ फाइनेंस विभाग संगठन के 250 सदस्य है। अधिकारियों ने 48 घंटे में सूची बुलवाई है।

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"दैनिक सदभावना पाती" (Dainik Sadbhawna Paati) (भारत सरकार के समाचार पत्रों के पंजीयक – RNI में पंजीकृत, Reg. No. 2013/54381) "दैनिक सदभावना पाती" सिर्फ एक समाचार पत्र नहीं, बल्कि समाज की आवाज है। वर्ष 2013 से हम सत्य, निष्पक्षता और निर्भीक पत्रकारिता के सिद्धांतों पर चलते हुए प्रदेश, देश और अंतरराष्ट्रीय स्तर की महत्वपूर्ण खबरें आप तक पहुंचा रहे हैं। हम क्यों अलग हैं? बिना किसी दबाव या पूर्वाग्रह के, हम सत्य की खोज करके शासन-प्रशासन में व्याप्त गड़बड़ियों और भ्रष्टाचार को उजागर करते है, हर वर्ग की समस्याओं को सरकार और प्रशासन तक पहुंचाना, समाज में जागरूकता और सदभावना को बढ़ावा देना हमारा ध्येय है। हम "प्राणियों में सदभावना हो" के सिद्धांत पर चलते हुए, समाज में सच्चाई और जागरूकता का प्रकाश फैलाने के लिए संकल्पित हैं।
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