बार-बार एसिडिटी होना है पित्त बढ़ने का लक्षण, जानिए इससे निजात पाने का आयुर्वेदिक उपाय और डाइट प्लान

sadbhawnapaati
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आज के समय में खराब लाइफस्टाइल और खानपान हमारे शरीर के त्रिदोषों पर असर डालता हैं। हमारा शरीर तीन एनर्जी वात, पित्त और कफ से मिलकर बना है। अगर यह इनबैलेंस हो गए तो आप तमाम बीमारियों के शिकार हो जाते हैं। कई लोग ऐसे होते हैं जो अक्सर बीमार पड़ जाते हैं। आयुर्वेद के मुताबिक सिर्फ पित्त के बिगड़ने से ही 40 तरह की बीमारियां हो सकती हैं।

पित्त दोष के कारण होने वाली बीमारियां

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पित्त दोष आग से जुड़ा होता है। यह ऊर्जा को मेंटेन रखने में मदद करता है। यह हमारे शक्ति, शौर्य, पराक्रम का प्रतीक है। पित्त दोष के कारण एसिडिटी होना, अल्सर होना, बार-बार डकार आना, हिचकियां आना, जॉन्डिस होना आदि शामिल है।

शरीर में अगर बिगड़ जाए वात दोष तो अपनाएं ये आयुर्वेदिक औषधि और डाइट प्लान

पित्त दोष को बैलेंस करने के लिए आयुर्वेदिक औषधि और डाइट

  • एसिडिटी की समस्या है तो लहसुन को छोटे-छोटे टुकड़ों  में करके घी से फ्राई करके इसका सेवन करें
  • हल्दी मेथी और सौंठ का पाउडर दरदरा पानी पिएं। इससे पित्त की समस्या से छुटकारा मिलेगा
  • एलोवेरा , लौकी का जूस, व्हीटग्रास पित्त के लिए सबसे बेस्ट
  • अवपतिकर चूर्ण और मुक्ताशुक्ति पाउडर का करें सेवन
  • सुक्धा वटी सुबह-शाम 1-1 गोली लें

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  • गुलाब की पंखुड़ियों का गुलकंद बनाकर सेवन करे।
  • पित्त दोष होने पर एसिडिटी, अनिद्रा, कब्ज जैसी कई समस्याओं का सामना करना पड़ता है। ऐसे में आप पंचामृत का सेवन कर सकते हैं। इसके लिए 1-1 चम्मच धनिया, जीरा, सौफ, मेथी और अवजाइन को एक गिलास पानी में रात को भिगोकर सुबह इसका सेवन कर लें।
  • दूध में मुनक्का डालकर उबालकर इसका सेवन करे।

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