Press "Enter" to skip to content

अपनी मौत का सर्टिफिकेट तीस हजार में बनवाया, जेल जाने से बचने का नायाब नुस्खा 

Indore News in Hindi। वर्ष 2011 में देवासनाका के पास 830 ग्राम मादक पदार्थ के साथ सात लोगों को गिरफ्तार किया था। उस समय पकड़ी गई ड्रग्स की कीमत अस्सी लाख के करीब आंकी गई थी, जिसमें कुछ आरोपियों को बारह साल की सजा सुनाई गई थी तथा कुछ को साक्ष्य के अभाव में बरी कर दिया था।
सजा याफ्ता आरोपियों में से ही एक अभिषेक पिता आजाद जैन प्रतापगंज अलीराजपुर भी है जिसे कोरोना काल में पेरोल दिया गया था उसने जेल जाने से बचने के लिए अपना ही मृत्यु प्रमाण पत्र बनवा लिया था जिसमें उसने 21 अगस्त 2021 को अपनी मृत्यु होना दर्शाया , अब उस मामले मे  पुलिस ने नया खुलासा करते हुए बताया कि आरोपी ने यह मृत्यु प्रमाण पत्र 30 हजार रुपए में बनवाया था, ताकि उसे वापस जेल न जाना पड़े।
मामले में आरोपी अभिषेक से अभी और पूछताछ की जा रही है अभी तक की पूछताछ में उसने बताया कि उसकी मां सीमा जैन ने आलीराजपुर थाने पर मुक्तिधाम की रसीद के साथ उसका मृत्यु प्रमाण पत्र दिया था , जिस पर एमजी रोड पुलिस ने प्रमाण पत्र बनाने वाले दो आरोपियों को गुजरात से गिरफ्तार कर लिया था। जेल अफसरों की शिकायत पर एमजी रोड़ पुलिस ने अभिषेक और उसकी मां सीमा जैन पर भी केस दर्ज किया था ।
दस दिन पहले एनसीबी द्वारा गुजरात पुलिस की सूचना पर आरोपी को गिरफ्तार किया था। कुछ समय पहले आरोपी का मृत्यु प्रमाण पत्र जेल प्रबंधन को दिया गया था। जेल प्रबंधन ने उसे सही मान लिया था।
गुजरात पुलिस ने एनसीबी इंदौर से संपर्क कर आरोपी के जीवित होने की सूचना दी। एनसीबी के जोनल अधिकारी ने बताया कि वर्ष 2011 में देवासनाका के पास 830 ग्राम मादक पदार्थ के साथ सात लोगों को गिरफ्तार किया था।
उस समय पकड़ी गई ड्रग्स की कीमत 80 लाख के करीब आंकी गई थी , जिसमें अभिषेक को 12 साल के कारावास की सजा सुनाई गई थी और तीन आरोपियों को साक्ष्य के अभाव में बरी कर दिया था।
Spread the love
More from Crime NewsMore posts in Crime News »