सीधी पुलिस का आरोप है कि यह पत्रकार यूट्यूब पर चैनल संचालित करते हैं। उन्होंने विधायक केदारनाथ शुक्ला के बेटे के नाम से फेक आईडी बनाई थी। वहीं, दूसरा पक्ष कह रहा है कि पत्रकारों ने भाजपा विधायक के खिलाफ खबरें लिखी थी।
Crime News. मध्य प्रदेश के सीधी जिले की पुलिस ने पत्रकारों को गिरफ्तार किया है। थाने में कपड़े उतरवाए और फोटो खींचकर सोशल मीडिया पर वायरल कर दिए।
यहां तक कि हवालात में भी इन पत्रकारों को सिर्फ अंडरगारमेंट्स में ही बिठाया था। इन पत्रकारों की गलती इतनी थी कि उन्होंने भाजपा विधायक केदारनाथ शुक्ला के खिलाफ खबरें लिखी थी। कांग्रेस ने इस मामले में पुलिस की कार्रवाई पर सवाल उठाए हैं।
सीधी पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार बघेली भाषा में यूट्यूब पर चैनल चला रहे कनिष्क तिवारी समेत कुछ अन्य पत्रकारों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है।
उन पर फेक आईडी बनाने और फेसबुक पर केदारनाथ शुक्ला और उनके बेटे को बदनाम करने की पोस्ट करने के आरोप हैं। यह एफआईआर भी विधायक के बेटे की शिकायत पर दर्ज की गई है।
वरिष्ठ पत्रकार राकेश पाठक का कहना है कि कनिष्क के यूट्यूब पर एक लाख से अधिक फॉलोअर हैं। न्यूजनेशन चैनल का भी एक पत्र सामने आया है, जिसमें कनिष्क तिवारी को फ्रीलांस पत्रकार होने की पुष्टि होती है।
शिकायत के बाद पुलिस ने की गिरफ्तारी
सीधी पुलिस के मुताबिक एक फेक आईडी से फेसबुक पर अभद्र टिप्पणियां की गई थी। पुलिस ने इस मामले में नीरज कुंदेर को गिरफ्तार किया था। इस पर कनिष्क समेत रंगमंच और सामाजिक कार्यकर्ताओं ने कोतवाली थाने में विरोध दर्ज कराया।
पुलिस ने सबको गिरफ्तार कर लिया। कनिष्क तिवारी यूट्यूबर है और उसके खिलाफ पहले भी कुछ शिकायतें दर्ज थी।
कोतवाली थाने में आरोपियों की बिना कपड़ों की तस्वीरें खींचकर किसी ने सोशल मीडिया पर वायरल कर दी।
कोतवाली थाने में अपराध क्रमांक 262/22 धारा 419, 420, और आईटी एक्ट के 66सी, 66डी के तहत प्रकरण कायम कर जांच की जा रही है। फोटो वायरल होने के मामले में डीएसपी को जांच सौंपी गई है।
मीडिया सूत्रों के मुताबिक इसकी तस्वीर वायरल होने के बाद एसपी ने थाना प्रभारी और सब इंस्पेक्टर को लाइन हाजिर कर दिया है।
कांग्रेस ने बनाया मुद्दा
कांग्रेस के तमाम नेताओं ने इस मसले पर सोशल मीडिया पर सरकार को घेरा है। पूर्व मंत्री जयवर्धन सिंह ने फोटो ट्वीट करते हुए कहा कि यह मप्र के सीधी जिले के पुलिस थाने की तस्वीर है।
यह अर्धनग्न युवा कोई चोर उचक्के नहीं है, ये लोकतंत्र के चौथा स्तंभ कहे जाने वाले मीडिया के साथी है। इन्हें अर्धनग्न कर जेल में इसलिए डाला गया क्योंकि इन्होंने भाजपा विधायक के खिलाफ खबर चलाई थी।
वहीं, पूर्व मंत्री पीसी शर्मा ने कहा कि प्रदेश की निकम्मी और उनके बड़बोले मुखिया से सवाल करना सीधी बघेली न्यूज चैनल के वरिष्ठ पत्रकार कनिष्क तिवारी और उनके साथियों को भारी पड़ा।
नग्न कर उन्हें थाने में खड़ा किया गया है। यह घोर निंदनीय कृत्य है… शिवराज सिंह सरकार अब अंग्रेजों की भांति दमनकारी रवैया अपना रही है।