Indore News – इंदौर रेलवे पार्सल के जरिए इंदौर से कोलकाता भेजे गए 60 लाख रुपए के बाल चोरी,  पुलिस ने FIR  दर्ज कराने से किया इंकार 

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Indore News। प्रदेश के इंदौर से चोरी का एक अनोखा मामला सामने आया है। यहां इंदौर से हावड़ा जाने वाली ट्रेन में महिलाओं के बाल चोरी हो गए। यह सुनने में थोड़ा अजीब जरूर है लेकिन सच है। इंदौर से कोलकाता भेजे जा रहे महिलाओं के बालों की चोरी की घटना सामने आई है। इंदौर से हावड़ा जा रही ट्रेन में करीब 10 क्विंटल बाल चोरों ने उड़ा दिए। चोरी हुए बालों की कीमत 60 लाख रुपए से ज्यादा की बताई जा रही है। दरअसल यह मामला इंदौर शहर का है। यहां बालों का व्यापार करने वाले एक व्यापारी ने 22 बोरों में 1000 किलो से ज्यादा बाल पार्सल के जरिए इंदौर से हावड़ा (कोलकाता) भेजे थे। लेकिन हावड़ा में केवल 4 बोरे बाल ही पहुंचे।

बाकी के 18 बोरे बाल बीच रास्ते में गायब हो गए। गायब हुए बालों का वजन करीब 10 क्विंटल था और इनकी कीमत 60 लाख के करीब बताई जा रही है। वहीं व्यापारी ने आरोप लगाया है उसकी चोरी की शिकायत न तो जीआरपी और न ही इंदौर ने पुलिस ने लिखी है। इंदौर के रहने वाले व्यापारी ने मीडिया को बताया कि यह उसकी एक साल की मेहनत है। एक साल में उसने ढ़ूंढ़ कर महिलाओं के बाल जमा किए थे। इसके बाद इन बालों को कोलकाता भेजा गया था। व्यपारी ने बताया कि ये महिलाओं के झड़े हुए बाल हैं। इन बालों का इस्तेमाल बिग बनाने के लिए किया जाता है। कोलकाता में बिग बनाए जाते हैं। इसके अलावा इन बालों को चीन भी भेजा जाता है। कोलकाता में इन बालों का अच्छा दाम मिलता है। व्यापारी ने पुलिस से मामले की शिकायत की है।

एक साल में जमा किए थे बाल…
व्यापारी ने मीडिया को बताया कि उसने एक साल में इतने बाल इकट्ठे किए थे। इसके बाद इन बालों को 22 बोरों में भरकर कोलकाता भेजा गया था। व्यापारी ने बताया कि महाराष्ट्र और इंदौर के करीब 150 लोग आस-पास के क्षेत्रों में घूमकर बालों को इकट्ठा करते हैं। इसके लिए काफी मेहनत लगती है। इन बालों में केवल महिलाओं के झड़े हुए बाल ही लिए जाते हैं। बाल खरीदने वाले केवल 8 इंच से ऊपर के बाल ही खरीदते हैं। गांव में जाकर लोग 20 रुपए में 10 ग्राम के हिसाब से बाल खरीदते हैं। इसके बाद इन्हें इकट्ठा कर क्वालिटी के हिसाब से छांटा जाता है। इसके बाद इन बालों को बोरे में भरकर कोलकाता भेजा जाता है। इन बालों का इस्तेमाल बिग बनाने में किया जाता है। कोलकाता में बिग बनाए जाते हैं और इन बालों को चीन भी भेजा जाता है।

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"दैनिक सदभावना पाती" (Dainik Sadbhawna Paati) (भारत सरकार के समाचार पत्रों के पंजीयक – RNI में पंजीकृत, Reg. No. 2013/54381) "दैनिक सदभावना पाती" सिर्फ एक समाचार पत्र नहीं, बल्कि समाज की आवाज है। वर्ष 2013 से हम सत्य, निष्पक्षता और निर्भीक पत्रकारिता के सिद्धांतों पर चलते हुए प्रदेश, देश और अंतरराष्ट्रीय स्तर की महत्वपूर्ण खबरें आप तक पहुंचा रहे हैं। हम क्यों अलग हैं? बिना किसी दबाव या पूर्वाग्रह के, हम सत्य की खोज करके शासन-प्रशासन में व्याप्त गड़बड़ियों और भ्रष्टाचार को उजागर करते है, हर वर्ग की समस्याओं को सरकार और प्रशासन तक पहुंचाना, समाज में जागरूकता और सदभावना को बढ़ावा देना हमारा ध्येय है। हम "प्राणियों में सदभावना हो" के सिद्धांत पर चलते हुए, समाज में सच्चाई और जागरूकता का प्रकाश फैलाने के लिए संकल्पित हैं।