प्रदेश में 15 साल में पहली बार बढ़ाने के बजाय फीस घटाई गई

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sadbhawnapaati
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कम हुई 109 निजी फार्मेसी कॉलेजों की फीस
भोपाल। प्रदेश में संचालित 109 निजी फार्मेसी कॉलेजों में चल रहे डिप्लोमा से लेकर पीजी कोर्स की फीस एक हजार रुपए से 80 हजार रुपए तक कम कर दी गई है। प्रदेश में 15 साल में ऐसा पहली बार हुआ है जब निजी कॉलेजों में संचालित प्रोफेशनल कोर्सेज की फीस बढ़ाने की बजाय घटाई गई है। दरअसल एडमिशन फी रेगुलेटरी कमेटी (एएफआरसी) द्वारा सत्र 2022-23 के लिए प्रोफेशनल कोर्स की फीस निर्धारित की जा रही है।
इसी के तहत कमेटी ने प्रदेश में संचालित फार्मेसी कॉलेजों में चल रहे तीन तरह कोर्सेस की फीस तय की है। इसमें डी.फार्मेसी कोर्स की फीस में 5 से 17 हजार रुपए तक कम किए गए हैं, वहीं बी.फार्मेसी में 1 से 41 रुपए हजार रुपए फीस घटाई गई है। इसी तरह एम.फार्मेसी में 48 से 80 हजार रुपए तक फीस कम की गई है। इस बार किसी कॉलेज की फीस नहीं बढ़ाई गई है। कमेटी ने यह फैसला क्वालिटी एजुकेशन को मेंटेन करने और स्टूडेंट्स फैसिलिटी के उद्देश्य से किया। जिन 109 कॉलेजों की फीस तय की गई। इसमें डी.फार्मेसी के 53 में से 36 कॉलेजों, बी.फार्मेसी के 64 में से 48 कॉलेजों और एम.फार्मेसी के 25 में से सभी 25 कॉलेजों की फीस कम हुई है।
कॉलेजों से आवेदन मांगे थे
फीस कमेटी ने कॉलेजों से फीस निर्धारित करने के लिए आवेदन मांगे थे। इसमें कॉलेज के फाइनेंशियल डेटा, ऑडिट रिपोर्ट के साथ फैकल्टी के नाम और उनकी सैलरी संबंधी जानकारी ली गई थी। कुछ कॉलेज डेटा उपलब्ध नहीं करा सके या पूरा रिकॉर्ड नहीं दे सके। ऐसे में कमेटी ने संबंधित कॉलेज की न्यूनतम फीस (वो फीस जो नए कॉलेज के संचालन के लिए निर्धारित की जाती है) तय कर दी या फिर फीस घटा दी।

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"दैनिक सदभावना पाती" (Dainik Sadbhawna Paati) (भारत सरकार के समाचार पत्रों के पंजीयक – RNI में पंजीकृत, Reg. No. 2013/54381) "दैनिक सदभावना पाती" सिर्फ एक समाचार पत्र नहीं, बल्कि समाज की आवाज है। वर्ष 2013 से हम सत्य, निष्पक्षता और निर्भीक पत्रकारिता के सिद्धांतों पर चलते हुए प्रदेश, देश और अंतरराष्ट्रीय स्तर की महत्वपूर्ण खबरें आप तक पहुंचा रहे हैं। हम क्यों अलग हैं? बिना किसी दबाव या पूर्वाग्रह के, हम सत्य की खोज करके शासन-प्रशासन में व्याप्त गड़बड़ियों और भ्रष्टाचार को उजागर करते है, हर वर्ग की समस्याओं को सरकार और प्रशासन तक पहुंचाना, समाज में जागरूकता और सदभावना को बढ़ावा देना हमारा ध्येय है। हम "प्राणियों में सदभावना हो" के सिद्धांत पर चलते हुए, समाज में सच्चाई और जागरूकता का प्रकाश फैलाने के लिए संकल्पित हैं।