इंटरनेशनल डेस्क: यूक्रेन में भारतीय दूतावास ने रविवार को एक ताजा परामर्श जारी कर भारतीय नागरिकों से कहा कि यदि उनका प्रवास जरूरी नहीं है तो वे अस्थायी रूप से देश छोड़ दें। यूक्रेन संकट को लेकर उत्तरी अटलांटिक संधि संगठन (नाटो) से जुड़े देशों और रूस के बीच बढ़ते तनाव के मद्देनजर यह परामर्श जारी किया गया है।
दूतावास ने कहा, ”यूक्रेन को लेकर बढ़ते तनाव और अनिश्चितताओं को देखते हुए सभी भारतीय नागरिक, जिनका प्रवास आवश्यक नहीं है, और सभी भारतीय विद्यार्थियों को अस्थायी रूप से यूक्रेन छोड़ने की सलाह दी जाती है।” दूतावास ने कहा कि यूक्रेन से ”व्यवस्थित ढंग से और समय से प्रस्थान करने” के लिए उपलब्ध वाणिज्यिक उड़ानें, और चार्टर उड़ानें ली जा सकती हैं। उसने कहा, ‘भारतीय छात्रों को सलाह दी जाती है कि वे चार्टर उड़ानों संबंधी सूचना के लिए संबंधित अनुबंधकर्ताओं से भी संपर्क करें और किसी भी अद्यतन जानकारी के लिए ई एंबेसी फेसबुक, वेबसाइट और ट्विटर पर दी जा रही सूचनाओं को देखते रहें।”
वर्ष 2020 के एक आधिकारिक दस्तावेज के अनुसार यूक्रेन में सीमित संख्या में प्रवासी भारतीयों की मौजूदगी थी और उस देश में लगभग 18,000 भारतीय विद्यार्थी पढ़ रहे थे। अमेरिका और उसके सहयोगी देश यूक्रेन की सीमा के निकट सैनिकों के जमावड़े के लिए रूस की आलोचना कर रहे हैं। यूक्रेन पर रूसी आक्रमण की आशंकाओं के बीच अमेरिका अपने सहयोगियों की मदद करने के लिए पहले ही यूरोप में अतिरिक्त सैनिक भेज चुका है।