असम में ‘जल प्रलय’, हर तरफ तबाही का मंज़र, लाखों लोग प्रभावित

sadbhawnapaati
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रेस्क्यू में महिलाओं, बुजुर्गों और छोटे बच्चों को प्राथमिकता, केंद्र सरकार ने हर संभव मदद पहुंचाने का आश्वासन दिया

असम में बाढ़ से हुई तबाही साफ दिख रही है. प्रदेश के 26 जिलों के चार लाख से अधिक लोग बाढ़ से प्रभावित हैं. अब तक 8 लोगों की मौत बाढ़ के चलते हो चुकी है, जबकि 5 लोग लापता हैं. सेना और एनडीआरएफ की टीमें बचाव कार्य में जुटी हुई है.

बाढ़ के चलते असम के कई इलाकों लबालब पानी भरा हुआ. बाढ़ प्रभावित इलाकों में लोगों को हरसंभव मदद पहुंचाई जा रही है. साथ ही जानवरों की सुरक्षा के लिए सरकार ने 40 हाइलैंड्स बनाए हैं, जहां सभी जानवरों को लाया गया है.

असम में बाढ़ से कई रेलवे पुलों को नुकसान हुआ. बोगाइगांव में भी बाढ़ से हालात खराब हैं. यहां कमर तक पानी भरा हुआ है. लोग नावों का सहारा ले रहे हैं. तो वहीं, केंद्र सरकार भी असम के हालात पर नजर बनाए हुए है. केंद्र की ओर से असम सरकार को हरसंभव मदद पहुंचाने का आश्वासन दिया है.

कछार जिले में हालात बिगड़ने के बाद भारतीय सेना को बचाव कार्यों के लिए बुलाया गया. सेना और असम राइफल्स की टीम ने कछार जिले के अलग-अलग हिस्सों में बचाव कार्य किया. रक्षा विभाग के पीआरओ ने बताया रेस्क्यू में महिलाओं, बुजुर्गों और छोटे बच्चों को प्राथमिकता दी गई.

असम राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण की रिपोर्ट के अनुसार, अकेले कछार जिले में कुल 96,697 लोग प्रभावित हुए हैं. इसके बाद होजई में 88,420, नगांव में 58,975, दरांग में 56,960, विश्वनाथ में 39,874 और उदलगुरी जिले में 22,526 लोग प्रभावित हुए हैं.

बाढ़ की इस लहर से 67 राजस्व मंडलों के 1,089 गांव प्रभावित हैं और बाढ़ के पानी में 32944.52 हेक्टेयर फसल भूमि डूब गई है. जिला प्रशासन ने 89 राहत शिविर और 89 वितरण केंद्र स्थापित किए हैं जहां 39,558 बाढ़ प्रभावित लोगों ने शरण ले रखा है.

जिला प्रशासन ने 55 राहत शिविर और 12 वितरण केंद्र स्थापित किए हैं. जोरहाट जिले में ब्रह्मपुत्र नदी का जलस्तर खतरे के निशान से ऊपर बह रहा है.

कई गांवों में भूस्खलन भी हुए हैं, जिनमें न्यू कुंजंग, फियांगपुई, मौलहोई, नामजुरंग, दक्षिण बगेतार, महादेव टीला, कालीबाड़ी, उत्तरी बगेतार, सिय्योन और लोदी पंगमौल शामिल हैं. भूस्खलन की वजह से जतिंगा-हरंगाजाओ और माहूर-फिडिंग में रेलवे लाइन बाधित हो गई.

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