कंगना का तोडा अंगना | Kangana Ranaut | Sanjay Raut |

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"दैनिक सदभावना पाती" (Dainik Sadbhawna Paati) (भारत सरकार के समाचार पत्रों के पंजीयक – RNI में पंजीकृत, Reg. No. 2013/54381) "दैनिक सदभावना पाती" सिर्फ एक समाचार...
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कंगना रनोट के हिमाचल से मुंबई पहुंचने से पहले ही बवाल हो गया। वे दोपहर तक मुंबई पहुंचेंगी। इसके पहले ही बृहन्मुंबई महानगर पालिका (बीएमसी) ने उनके मुंबई स्थित ऑफिस में अवैध निर्माण को लेकर 24 घंटे में दूसरा नोटिस भेजा। इसके बाद ही बीएमसी की एक टीम बुलडोजर, क्रेन और हथौड़े लेकर पहुंच गई और ऑफिस में तोड़फोड़ की। टीम ने कार्रवाई 10.30 बजे से 12.40 बजे तक की। कंगना का यह ऑफिस बांद्रा के पाली हिल में है। उधर, कंगना ने इस कार्रवाई पर लगातार 5 ट्वीट किए। उन्होंने कहा, ‘यह एक इमारत (ऑफिस) नहीं, राम मंदिर है, आज वहां बाबर आया है। उन्होंने कहा कि दुश्मनों ने साबित किया कि मुंबई को पीओके कहकर गलती नहीं की।’

दरअसल, एक्ट्रेस ने मुंबई की तुलना पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) से की थी, जिसके बाद विवाद खड़ा हो गया था। केंद्र ने उन्हें Y कैटेगरी की सुरक्षा दी है, इस दौरान 11 सुरक्षाकर्मी हमेशा उनके साथ रहेंगे। उधर, बीएमसी की कार्रवाई के खिलाफ कंगना के वकील ने हाईकोर्ट में अर्जी लगाई है। इस पर सुनवाई शुरू जारी है। कंगना ने कहा कि मेरे आने से पहले ही महाराष्ट्र सरकार और उनके गुंडे मेरे ऑफिस के बाहर पहुंच गए हैं और उसे गिराने की तैयारी कर रहे हैं।कंगना ने कार्रवाई पर पाकिस्तान का जिक्र करते इसे डेथ ऑफ डेमोक्रेसी कहा। कंगना ने कहा, मैं कभी गलत नहीं थी। मेरे दुश्मनों ने एक बार फिर साबित कर दिया है कि क्यों मुंबई पाक के कब्जे वाला कश्मीर (पीओके) है। कंगना ने कहा कि मेरे घर में कोई अवैध निर्माण नहीं है। कोविड की वजह से सरकार ने भी 30 सितंबर तक किसी भी तरह की तोड़फोड़ पर रोक लगा रखी है। ‘बॉलीवुड’ अब देखो फासिज्म क्या होता है। कार्रवाई पर बीएमसी ने क्या कहा बीएमसी ने कहा, ‘नोटिस मिलने के बाद भी आपने काम जारी रखा। इसलिए नोटिस के मुताबिक, फौरन तोड़फोड़ कर रहे हैं। इसके लिए आप खुद जिम्मेदार हैं। यह काम आपके खर्च पर ही किया जाएगा।’ कंगना के ऑफिस में इन 10 कंस्ट्रक्शन को बीएमसी ने अन-ऑथराइज बताया था शिवसेना ने आज फिर कंगना के लिए अपशब्द का इस्तेमाल किया :- शिवसेना ने मुखपत्र ‘सामना’ में लिखा, ‘राजनीतिक एजेंडे को सामने लाने के लिए देशद्रोही पत्रकार और सुपारीबाज कलाकारों के राजद्रोह का समर्थन करना भी ‘हरामखोरी’ ही है।’

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"दैनिक सदभावना पाती" (Dainik Sadbhawna Paati) (भारत सरकार के समाचार पत्रों के पंजीयक – RNI में पंजीकृत, Reg. No. 2013/54381) "दैनिक सदभावना पाती" सिर्फ एक समाचार पत्र नहीं, बल्कि समाज की आवाज है। वर्ष 2013 से हम सत्य, निष्पक्षता और निर्भीक पत्रकारिता के सिद्धांतों पर चलते हुए प्रदेश, देश और अंतरराष्ट्रीय स्तर की महत्वपूर्ण खबरें आप तक पहुंचा रहे हैं। हम क्यों अलग हैं? बिना किसी दबाव या पूर्वाग्रह के, हम सत्य की खोज करके शासन-प्रशासन में व्याप्त गड़बड़ियों और भ्रष्टाचार को उजागर करते है, हर वर्ग की समस्याओं को सरकार और प्रशासन तक पहुंचाना, समाज में जागरूकता और सदभावना को बढ़ावा देना हमारा ध्येय है। हम "प्राणियों में सदभावना हो" के सिद्धांत पर चलते हुए, समाज में सच्चाई और जागरूकता का प्रकाश फैलाने के लिए संकल्पित हैं।
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