पिछले साल सबसे ज्यादा लोगों ने छोड़ी भारत की नागरिकता – केंद्र सरकार

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sadbhawnapaati
"दैनिक सदभावना पाती" (Dainik Sadbhawna Paati) (भारत सरकार के समाचार पत्रों के पंजीयक – RNI में पंजीकृत, Reg. No. 2013/54381) "दैनिक सदभावना पाती" सिर्फ एक समाचार...
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नई दिल्ली।  केंद्र सरकार ने गुरुवार को बताया कि पिछले 12 सालों में 16 लाख से ज्यादा लोगों ने भारत की नागरिकता छोड़कर किसी दूसरे देश की सिटीजनशिप ले ली. इनमे से पिछले साल सबसे ज्यादा 2 लाख 25 हजार 620 लोगों ने  नागरिकता छोड़ी है. वहीं सबसे कम सिटीजनशिप  2020 में 85 हजार 256 लोगों ने छोड़ी है.
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने प्रश्नकाल के दौरान एक सवाल के जवाब में राज्यसभा में ये जानकारी दी है. उन्होंने बताया कि 2015 में 1 लाख 31 हजार 489 लोगों ने भारत की नागरिकता छोड़ी थी. साल 2016 में 1 लाख 41 हजार 603 और 2017 में 1 लाख 33 हजार 49 व्यक्तियों ने हिंदुस्तान की सिटीजनशिप छोड़ी थी.
क्या रहा आकंड़ा?
जयशंकर के मुताबिक, साल 2018 में 1 लाख 34 हजार 561, 2019 में 1 लाख 44 हजार 17, 2020 में 85 हजार 256 और 2021 में 1 लाख 63 हजार 370 लोगों ने हिंदुस्तान की नागरिकता छोड़ी. सबसे ज्यादा 2022 में 2 लाख 25 हजार 620 व्यक्तियों ने सिटीजनशिप छोड़ी

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"दैनिक सदभावना पाती" (Dainik Sadbhawna Paati) (भारत सरकार के समाचार पत्रों के पंजीयक – RNI में पंजीकृत, Reg. No. 2013/54381) "दैनिक सदभावना पाती" सिर्फ एक समाचार पत्र नहीं, बल्कि समाज की आवाज है। वर्ष 2013 से हम सत्य, निष्पक्षता और निर्भीक पत्रकारिता के सिद्धांतों पर चलते हुए प्रदेश, देश और अंतरराष्ट्रीय स्तर की महत्वपूर्ण खबरें आप तक पहुंचा रहे हैं। हम क्यों अलग हैं? बिना किसी दबाव या पूर्वाग्रह के, हम सत्य की खोज करके शासन-प्रशासन में व्याप्त गड़बड़ियों और भ्रष्टाचार को उजागर करते है, हर वर्ग की समस्याओं को सरकार और प्रशासन तक पहुंचाना, समाज में जागरूकता और सदभावना को बढ़ावा देना हमारा ध्येय है। हम "प्राणियों में सदभावना हो" के सिद्धांत पर चलते हुए, समाज में सच्चाई और जागरूकता का प्रकाश फैलाने के लिए संकल्पित हैं।