Life Management: जब भी व्यक्ति पर कोई संकट आता है तो इन 4 की परीक्षा जरूर होती है

By
sadbhawnapaati
"दैनिक सदभावना पाती" (Dainik Sadbhawna Paati) (भारत सरकार के समाचार पत्रों के पंजीयक – RNI में पंजीकृत, Reg. No. 2013/54381) "दैनिक सदभावना पाती" सिर्फ एक समाचार...
2 Min Read

गोस्वामी तुलसीदास द्वारा रचित श्रीरामचरित मानस में भगवान श्रीराम के चरित्र का अदुभुत वर्णन किया गया है। साथ ही इस ग्रंथ में लाइफ मैनेजमेंट से जुड़े अनेक सूत्र में बताए गए हैं। ये सूत्र आज के समय में भी प्रासंगिक हैं। तुलसीदास जी में अपने एक दोहे में बताया है कि विपत्ति के समय किन लोगों परीक्षा होती है. धीरज धर्म मित्र अरु नारी। आपद काल परिखिअहिं चारी।। अर्थात- धीरज (धैर्य), धर्म, मित्र और पत्नी की परीक्षा कठिन समय में ही होती है। मित्र मित्रों का चुनाव हम स्वयं करते हैं। वैसे तो मनुष्य के हजारों मित्र होते हैं लेकिन सच्चा मित्र वही होता है जो संकट के समय आपकी मदद करता है। संकट में जो मित्र काम न आए, वो सच्चा मित्र नहीं होता। धीरज यानी धैर्य जब भी कोई संकट आता है तो व्यक्ति का मन विचलित होने लगता है। कई लोग विपत्ति से घबरा जाते हैं और गलत फैसले ले लेते हैं। जबकि यही समय होता है जब हमें धैर्य से काम लेना चाहिए और हर परेशानी का सोच-समझकर ही हल निकालना चाहिए।

धर्म धर्म यानी आपके द्वारा किए गए अच्छे काम। जब भी आप पर कोई विपत्ति आती है तो आपके द्वारा किए अच्छे कामों का प्रतिफल उस परेशानी को कम करता है। इसलिए कहते हैं धर्म यानी अच्छे काम करते रहना चाहिए। पत्नी अगर किसी स्त्री का पति वृद्ध, रोगी, मूर्ख, निर्धन, अंधा, बहरा, क्रोधी और गरीब भी है तो उसे अपने पति का पूरा सम्मान करना चाहिए। संकट के समय व्यक्ति को सबसे अधिक सहारा पत्नी ही देती है। इसलिए कहते हैं विपत्ति के समय ही पत्नी की सही पहचान होती है।

Share This Article
Follow:
"दैनिक सदभावना पाती" (Dainik Sadbhawna Paati) (भारत सरकार के समाचार पत्रों के पंजीयक – RNI में पंजीकृत, Reg. No. 2013/54381) "दैनिक सदभावना पाती" सिर्फ एक समाचार पत्र नहीं, बल्कि समाज की आवाज है। वर्ष 2013 से हम सत्य, निष्पक्षता और निर्भीक पत्रकारिता के सिद्धांतों पर चलते हुए प्रदेश, देश और अंतरराष्ट्रीय स्तर की महत्वपूर्ण खबरें आप तक पहुंचा रहे हैं। हम क्यों अलग हैं? बिना किसी दबाव या पूर्वाग्रह के, हम सत्य की खोज करके शासन-प्रशासन में व्याप्त गड़बड़ियों और भ्रष्टाचार को उजागर करते है, हर वर्ग की समस्याओं को सरकार और प्रशासन तक पहुंचाना, समाज में जागरूकता और सदभावना को बढ़ावा देना हमारा ध्येय है। हम "प्राणियों में सदभावना हो" के सिद्धांत पर चलते हुए, समाज में सच्चाई और जागरूकता का प्रकाश फैलाने के लिए संकल्पित हैं।
24 Comments