Press "Enter" to skip to content

जघन्य नेमावर हत्याकांड में उठ रहे अनेक सवाल ? पुलिस और नेताओं की भूमिका पर संदेह !

देवास से अरुण उईके की रिपोर्ट .
Dewas News. म.प्र. में शिवराज सरकार के नेतृत्व में दलितों पर अत्याचार अपने चरम बिंदु पर पहुँच गया हैं, भाजपा और आरएसएस मिलकर दलितों का जड़ मूल का नाश कर रहे हैं। हाल ही में नेमावर की घटना दिल दहलाने वाली हैं। इस घटना में एक दलित परिवार के पांच सदस्यों को मौत के घाट उतारकर अपराधियों ने खेत में जेसीबी से गड्ढा खोदकर दिन दहाड़े गाड़ दिया।लगभग एक डेढ़ माह पूर्व घटित इस जघन्य हत्याकांड को भाजपा के खातेगांव विधायक आशीष शर्मा पुलिस पर दबाव बनाकर अपराधियों को खुले तौर पर बचाते रहे यह आरोप लगाया है कांग्रेस नेता राकेश सिंह यादव ने |
 
आरोप यह भी लग रहे है की नेमावर में दलित परिवार के जघन्य हत्याकांड के आरोपियों को खातेगांव के भाजपा विधायक आशीष शर्मा का संरक्षण प्राप्त था, पिछले एक माह से पुलिस पर दबाव बना रखा था की दलित परिवार को खोजने की जांच रफ़ा दफ़ा की जाये। विधायक जानते थे की उनके ख़ास समर्थक सुरेन्द्र सिंह केसरिया और उसके साथियों ने ही पांचों की हत्या करके खेत में जेसीबी से बीस फीट गहरा गड्ढा खोदकर दफना दिया हैं।
 
क्षेत्र के लोगों का कहना है कि भाजपा विधायक और आरएसएस के संरक्षण की वजह से अपराधी बेख़ौफ़ थे। इस बीच स्थानीय मीडिया ने दलित परिवार के गायब होने का मुद्दा जोरशोर से उठाया एंव अपनी रिपोर्ट में यह भी लगभग स्पष्ट कर दिया की भाजपा व आरएसएस का अपराधियों को संरक्षण प्राप्त हैं, चर्चा है की पुलिस के कुछ जवान भी जघन्य हत्याकांड को छिपाने में विधायक का साथ दे रहे थे वरना यह कैसे संभव है की जेसीबी से इतना गहरा गड्ढा खोदकर पॉंच लाशों को दफना दिया जाये। 

[expander_maker id=”1″ more=”आगे पढ़े ” less=”Read less”]

जनता का कहना है की यह महिला शोषण एवं सामूहिक बलात्कार का मामला हैं।पुलिस ने जानबूझकर 47 दिन बाद लाशें निकाली गई जिससे जांच में सामूहिक बलात्कार की पुष्टि न हो सके। अपराधियों ने भी सामूहिक बलात्कार के सबूत मिटाने के लिए नमक एवं यूरिया लाशों को गलाने के लिए गड्ढे में डाला जिससे बलात्कार के सबूत मिट जाये। यह सलाह अपराधियों को क़ानून का जानकार ही दे सकते हैं क्योंकि दो लड़कियों की उम्र 14 एंव 15 वर्ष थी । महिलाओ के शव भी बिना कपड़ों के मिले हैं इसलिए अपराधियों को पास्को एक्ट एवं सामूहिक बलात्कार की धाराओं से बचाने के लिए यह षड्यंत्र विधायक के संरक्षण में करा गया। पुलिस सिर्फ़ प्रेम प्रसंग का मामला बताकर मुख्य आरोपियों को बचाकर केस बंद करना चाहती हैं |
 
प्रदेश सचिव सचिव यादव ने मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर पुलिस की भूमिका पर सवाल उठाते हुए मॉंग की हैं की नेमावर दलित महिलाओं के शोषण बलात्कार एवं हत्या की जांच के लिए एसआईटी का गठन करके माननीय न्यायालय के न्यायाधीश के मार्गदर्शन में जांच की जाए |
 

नेमावर में हुए हत्याकांड में विरोध थमने का नाम नहीं ले रहा है. इस कड़ी में गुरुवार को भीम आर्मी के कार्यकर्ताओं ने मंडूक पुष्कर में धरना देने के बाद सड़क पर उतर आए. जहां उन्होंने एबी रोड के दोनों ओर चक्काजाम कर दिया. जहां कार्यकर्ताओं ने कार्रवाई को लेकर एसडीएम को ज्ञापन भी सौंपा.

इस मामले पर विधायक आशीष शर्मा से उनका पक्ष जानने के लिए संपर्क करने की कोशिश की गई पर संपर्क नहीं हो पाया |
 
इधर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा नेमावर हत्याकांड जघन्यतम है. आरोपियों को पकड़ लिया गया है. प्रयास किया जाएगा कि फास्ट ट्रैक कोर्ट में उनके विरूद्ध मुकदमा चले ताकि दोषियों को कड़ी से कड़ी सजा दी जा सके. उन्होंने कहा नेमावर की घटना से मैं अत्यंत आहत हूं. जिन्होंने यह अपराध किया है वे नराधम हैं, उन्हें बिल्कुल नहीं बख्शा जाएगा. प्रयास किया जाएगा कि उन्हें कठोरतम सजा दिलाई जाए. सरकार पीड़ित परिवार के साथ पूर्ण रूप से खड़ी है. सीएम ने बताया कि पीड़ित परिवार को 41 लाख 25 हजार रुपये की सहायता दी गई है. आगे भी हर संभव मदद दी जाएगी

[/expander_maker]

Spread the love
More from Madhya Pradesh Latest NewsMore posts in Madhya Pradesh Latest News »
More from Madhya Pradesh NewsMore posts in Madhya Pradesh News »