मीसाबंधुओं ने आपातकाल की यातनाओं को याद किया – बरसों से लदे मुकदमों को हटाने की मांग

sadbhawnapaati
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इन्दौर। पूरे 47 वर्षों पूर्व, 26 जून 1975 को आपातकाल की काली रात को भाजपा वरिष्ठ नागरिक प्रकोष्ठ के अध्यक्ष राजेन्द्र गर्ग के नेतृत्व में राजमोहल्ला स्थित भानुदास उद्यान पर लोकतंत्र के सेनानियों, मीसा बंदियों ने अश्रुपूरित नेत्रों से याद किया।
इस अवसर पर आर.सी. शर्मा, राजू सेवा भारती, शिवप्रसाद शर्मा, शंकरनाथ योगी, सुरेश परमार, जगदीश चौहान, सुरेंद्र त्रिवेदी, दुलीचंद गोधा, कमलादेवी गजरे, सिद्धनाथ चौहान, अवधेश भाटी सहित बड़ी संख्या में मीसा बंधु मौजूद थे, जिन्होंने आपातकाल के दौरान कांग्रेस सरकार द्वारा किए गए अमानवीय अत्याचारों और प्रताड़नाओं से जुड़े संस्मरण भी सुनाए।
अनेक बंधु फफककर रो पड़े। अधिकांश सेनानियों ने पिछले 45 वर्षों से चल रहे झूठे मुकदमों का उल्लेख करते हुए भाजपा सरकार से आग्रह किया कि इन फर्जी मुकदमों को तत्काल उठाया जाए।
इनके कारण न्यायालय का समय भी नष्ट हो रहा है और अनेक लोकतंत्र सेनानी न्यायालयों के चक्कर लगाते हुए बिस्तर पकड़ चुके हैं या दुनिया छोड़कर जा चुके हैं। इस स्थिति में ऐसे फर्जी मुकदमे तत्काल हटाने की पुरजोर मांग भी की गई। संचालन राजेन्द्र गर्ग ने किया और आभार माना अवधेश भाटी ने।
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