क्यों न मेडिकल यूनिवर्सिटी के रिजल्ट की सीबीआई या हाईकोर्ट जज से जांच कराई जाए ?
Mp News । मप्र हाईकोर्ट ने राज्य सरकार और मेडिकल यूनिवर्सिटी को नोटिस जारी कर पूछा है कि क्यों न है मेडिकल यूनिवर्सिटी जबलपुर के रिजल्ट की सीबीआई या हाईकोर्ट जज से जांच कराई जाए। जस्टिस प्रकाश श्रीवास्तव और जस्टिस वीरेंदर सिंह की डिवीजन बेंच ने राज्य सरकार और मेडिकल यूनिवर्सिटी को नोटिस जारी कर 10 दिन में जवाब देने का निर्देश दिया है। यह याचिका आरडी गाड़ी मेडिकल कॉलेज उज्जैन में एमबीबीएस के छात्र अविनाश गौर और अन्य की ओर से दायर की गई है। याचिका में कहा गया है कि उन्होंने वर्ष 2019 में एमबीबीएस में प्रवेश लिया था। मेडिकल यूनिवर्सिटी जबलपुर ने कोरोना संक्रमण के कारण फरवरी 2021 में एमबीबीएस प्रथम सेमेस्टर की परीक्षा कराई। याचिकाकर्ता प्रथम सेमेस्टर की परीक्षा में शामिल हुए. लेकिन उन्हें एक विषय में फेल कर दिया गया। जब याचिकाकर्ताओं ने री-वैल्यूएशन के लिए आवेदन दिया तो कहा गया कि री-वैल्यूएशन की अधिसूचना निरस्त कर दी गई है।
व्यापमं के समान घोटाला
अधिवक्ता आदित्य संघी और अपूर्वा कोष्टा ने तर्क दिया कि यह व्यापमं के समान घोटाला है। मेडिकल यूनिवर्सिटी के पास से छात्रों की परीक्षा का डाटा डिलीट हो चुका है, इसलिए यूनिवर्सिटी द्वारा री-वैल्यूएशन से इनकार किया जा रहा है। यह मामला छात्रों के भविष्य से खिलवाड़ करने वाला है, इसलिए इसकी जाँच सीबीआई या हाईकोर्ट जज से कराई जानी चाहिए। प्रारंभिक सुनवाई के बाद डिवीजन बेंच ने राज्य सरकार और मेडिकल यूनिवर्सिटी को नोटिस जारी कर 10 दिन में जवाब पेश करने का निर्देश दिया है।