मध्यप्रदेश कर्मचारी मंच के पदाधिकारियों एवं प्रबंध समिति के सदस्यों की बैठक सीपीए अतिथि गृह में प्रांत अध्यक्ष अशोक पांडे की अध्यक्षता में संपन्न हुई। बैठक में पुरानी पेंशन, नियमितीकरण, नियमित वेतनमान, सीधी भर्ती पर रोक, काम के दबाव को कम करने आदि मांगों पर विस्तार से चर्चा की गई तथा प्रस्ताव रखा गया कि उक्त पांचों मांगों को लेकर मध्यप्रदेश कर्मचारी मंच ने 18 अगस्त को मंत्रालय के समक्ष प्रदर्शन करके सरकार को चेतावनी दी थी कि यदि सरकार 15 दिन में 5 सूत्रीय मांगों पर सकारात्मक कार्यवाही नहीं करेगी तो मध्यप्रदेश कर्मचारी मंच जंगी प्रदर्शन करेगा। इसलिए आगामी विधानसभा सत्र पर आंदोलन किया जाए, प्रस्ताव का समर्थन करते हुए सर्वसम्मति से निर्णय लिया गया कि उक्त पांच सूत्री मांगों को लेकर मध्य प्रदेश कर्मचारी मंच विधानसभा सत्र के दौरान 14 सितंबर को विधानसभा का घेराव करेगा तथा धरना देकर मुख्यमंत्री के नाम जिला प्रशासन भोपाल को ज्ञापन सौंपेगा। विधानसभा के समक्ष घेराव एवं प्रदर्शन कर दिए जाने वाले धरने में प्रदेश के 2005 के बाद नियुक्त कर्मचारी प्रदेश के स्थाई कर्मी, दैनिक वेतन भोगी कर्मचारी बड़ी संख्या में भाग लेंगे।
मध्यप्रदेश कर्मचारी मंच के प्रांत अध्यक्ष अशोक पांडे ने बताया कि मध्य प्रदेश कर्मचारी मंच सरकार से प्रदर्शन करके ज्ञापन सौंपकर लंबे समय से मांग कर रहा है कि न्यू पेंशन योजना 2005 वापस ली जाए तथा पुरानी पेंशन योजना पुन: बाग लागू की जाए, सर्वोच्च न्यायालय के आदेश के पालन में स्थाई कर्मियों को रिक्त पदों पर नियमित किया जाए या सातवें वेतनमान का नियमित वेतनमान दिया जाए, नियमितीकरण होने तक सीधी भर्ती पर रोक लगाई जाए, 10 साल की सेवा पूर्ण कर चुके दैनिक वेतन भोगियों को नियमित किया जाए, तृतीय श्रेणी चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों, कार्यभारित कर्मचारी, स्थाई कर्मी, दैनिक वेतनभोगी कर्मचारियों को न्याय प्रदान किया जाए तथा उनके काम के दबाव को कम किया जाए, लेकिन सरकार एनपीएस धारक कर्मचारियों स्थाई कर्मियों दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों की मांगों की उपेक्षा कर रही है। सुप्रीम कोर्ट के आदेश स्पष्ट होने के बावजूद भी नियमित करने या नियमित वेतनमान नहीं दे रही है जबकि सर्वोच्च न्यायालय के आदेश के ही पालन में 8 अगस्त 2022 को शासन ने पीएचई विभाग के समस्त स्थायी कर्मियों को सातवें वेतनमान का नियमित वेतनमान कल आप दिसंबर 2016 से दे दिया है लेकिन अन्य विभाग के स्थाई कर्मियों के साथ भेदभाव किया है उन्हें सुप्रीम कोर्ट के आदेश का लाभ नहीं दिया गया है न्यायोचित मांगों को लेकर प्रदेशभर के एन पी एस धारक कर्मचारियों एवं स्थाई कर्मियों में आक्रोश व्याप्त है प्रदेशभर का कर्मचारी 14 सितंबर 2022 को भोपाल आकर अपनी मांगों के समर्थन में आवाज बुलंद करेगा विधानसभा का घेराव करेगा जंगी प्रदर्शन करके विशाल धरना देकर मुख्यमंत्री के नाम जिला प्रशासन भोपाल को पांच सूत्री ज्ञापन सौंपा।
मध्यप्रदेश कर्मचारी मंच के प्रांत अध्यक्ष अशोक पांडे ने बताया कि मध्य प्रदेश कर्मचारी मंच सरकार से प्रदर्शन करके ज्ञापन सौंपकर लंबे समय से मांग कर रहा है कि न्यू पेंशन योजना 2005 वापस ली जाए तथा पुरानी पेंशन योजना पुन: बाग लागू की जाए, सर्वोच्च न्यायालय के आदेश के पालन में स्थाई कर्मियों को रिक्त पदों पर नियमित किया जाए या सातवें वेतनमान का नियमित वेतनमान दिया जाए, नियमितीकरण होने तक सीधी भर्ती पर रोक लगाई जाए, 10 साल की सेवा पूर्ण कर चुके दैनिक वेतन भोगियों को नियमित किया जाए, तृतीय श्रेणी चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों, कार्यभारित कर्मचारी, स्थाई कर्मी, दैनिक वेतनभोगी कर्मचारियों को न्याय प्रदान किया जाए तथा उनके काम के दबाव को कम किया जाए, लेकिन सरकार एनपीएस धारक कर्मचारियों स्थाई कर्मियों दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों की मांगों की उपेक्षा कर रही है। सुप्रीम कोर्ट के आदेश स्पष्ट होने के बावजूद भी नियमित करने या नियमित वेतनमान नहीं दे रही है जबकि सर्वोच्च न्यायालय के आदेश के ही पालन में 8 अगस्त 2022 को शासन ने पीएचई विभाग के समस्त स्थायी कर्मियों को सातवें वेतनमान का नियमित वेतनमान कल आप दिसंबर 2016 से दे दिया है लेकिन अन्य विभाग के स्थाई कर्मियों के साथ भेदभाव किया है उन्हें सुप्रीम कोर्ट के आदेश का लाभ नहीं दिया गया है न्यायोचित मांगों को लेकर प्रदेशभर के एन पी एस धारक कर्मचारियों एवं स्थाई कर्मियों में आक्रोश व्याप्त है प्रदेशभर का कर्मचारी 14 सितंबर 2022 को भोपाल आकर अपनी मांगों के समर्थन में आवाज बुलंद करेगा विधानसभा का घेराव करेगा जंगी प्रदर्शन करके विशाल धरना देकर मुख्यमंत्री के नाम जिला प्रशासन भोपाल को पांच सूत्री ज्ञापन सौंपा।