Press "Enter" to skip to content

MP Rera News – रेरा पंजीयन तो बढ़े मगर मंजूरी में जारी है अभी भी ढिलाई

-भोपाल में सैकड़ों प्रोजेक्ट अटके, जबकि रियल एस्टेट कारोबार में चल रही है तेजी… जटिलताएं और बढ़ा दीं
भोपाल। रियल एस्टेट कारोबार में कोरोना काल में जबरदस्त तेजी देखी गई है। इंदौर में ही ढेरों कॉलोनियों से लेकर अन्य प्रोजेक्ट आ गए।
लेकिन असल समस्या रेरा से मंजूरी की है। चेयरमैन के रूप में ऐसे अफसर को बैठा रखा है जो छोटी-मोटी तकनीकी त्रुटियों के आधार पर ही प्रोजेक्टों को लटकाए रखते हैं।
एक तरफ रेरा पंजीयन की संख्या बढ़ रही है, तो दूसरी तरफ प्रोजेक्टों की मंजूरी के मामले में ढिलाई जारी है। भोपाल के ही कई प्रोजेक्ट मंजूरी के लिए अटके पड़े हैं, जिससे जनता के साथ-साथ शासन को भी राजस्व का नुकसान हो रहा है।
मध्यप्रदेश में पहले तो रेरा चेयरमैन की कुर्सी ही खाली पड़ी रही, फिर उसके बाद गत वर्ष एपी श्रीवास्तव को चेयरमैन बनाया गया। मगर वे और उनकी तकनीकी टीम अलग-अलग कारणों के चलते प्रोजेक्ट की मंजूरी को टालते रहे हैं, जिसको लेकर मीडिया ने भी कई मर्तबा आवाज उठाई।
एक तरफ शासन-प्रशासन रियल इस्टेट कारोबार से जुड़े लोगों के लिए ईज ऑफ डूइंग बिजनेस के दावे करता है, दूसरी तरफ खरीददारों को भी राहत देने की बात की जाती है। मगर रेरा से समय पर मंजूरी ना मिलने के चलते कॉलोनाइजरों को जहां डायरियों पर माल बेचना पड़ता है, वहीं खरीददारों को बी रजिस्ट्री करवाने में इंतजार करना पड़ता है, क्योंकि बिना रेरा मंजूरी के भी किसी भी प्रोजेक्ट में रजिस्ट्रियां शुरू नहीं होती।
अभी अटके प्रोजेक्टों को मंजूरी मिल जाए तो पंजीयन विभाग अटकी रजिस्ट्रियों से ही करोड़ों रुपए का राजस्व कमा सकता है। भोपाल सहित प्रदेशभर में सैंकड़ों प्रोजेक्ट मंजूरी के अभाव में अटके पड़े हैं।
दूसरी तरफ रेरा यह जानकारी देता है कि नए प्रोजेक्टों के लिए पंजीयनों की संख्या बढ़ गई है। मगर यह नहीं बताता कि कितने लंबित प्रोजेक्ट मंजूरी के अभाव में अटके पड़े हैं। अभी विगत वर्ष की तुलना में रेरा में पंजीकृत प्रोजेक्टों की संख्या बढ़ी है।
Spread the love
More from Madhya Pradesh NewsMore posts in Madhya Pradesh News »