न्यू पेंशन स्कीम भारत छोड़ो नारे के साथ 6 संघो ने बुलन्द की आवाज़, मुख्यमंत्री जी के नाम SDM को ज्ञापन

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"दैनिक सदभावना पाती" (Dainik Sadbhawna Paati) (भारत सरकार के समाचार पत्रों के पंजीयक – RNI में पंजीकृत, Reg. No. 2013/54381) "दैनिक सदभावना पाती" सिर्फ एक समाचार...
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इंदौर। गांधी जयंती के अवसर पर अध्यापक अधिकार संघ के प्रदेश अध्यक्ष भारत भार्गव,शासकीय सेवक सेतु की राष्ट्रीय अध्यक्ष शिल्पी शिवान,जिला संयोजक जिम्मी सक्सेना,ने बताया कि एन.पी.एस.(न्यू पेंशन स्कीम) भारत छोड़ो के नारे के साथ कर्मचारी संघो के प्रांतीय आव्हान पर ओल्ड परिवार पेंशन नीति पुनः लागू करने की मांग को लेकर इंदौर में भी छह संघो ने सयुक्त रूप से एक सूत्रीय मांग को लेकर कलेक्टर कार्यालय पहुंच कर माननीय मुख्यमंत्री जी के नाम एसडीएम श्री अजय देव शर्मा ,एडीएम अंशुल खरे, को छह संघो के ज्ञापन सौपे। इस अवसर पर सभी ने एक स्वर में एनपीएस कटोत्रा बन्द करते हुए पुरानी परिवार पेंशन नीति लागू करने की मांग करते हुए शेयर बाजार पर आधारित एनपीएस नीति से भविष्य में होने वाले आर्थिक नुकसान की पीड़ा बताई।

श्री भार्गव व श्रीमती शिवान ने बताया कि जो कर्मचारी व अध्यापक इस नई पेंशन नीति के तहत सेवा निवृत्त हुए उन्हें सेवा निवृत्ति के बाद मात्र 700 या 800 रुपये मासिक पेंशन मिल रही हैं। अब ऐसे में बुढापे के लिए सबसे बड़ा खतरा व आर्थिक त्रासदी का कारण यह एनपीएस के रूप में आ रही हैं। अतः इस नीति को तुरंत बंद करते हुए वर्ष 2003 तक जारी ओल्ड परिवार पेंशन नीति को पुनः लागू की जाए। जैसा कि हमारे जनप्रतिनिधि माननीय विधायक सांसद या माननीय मंत्रियों के लिए बिना कटोत्रे वाली नियमित लागू हैं। उसी तरह एक देश एक कानून की नीति अपनाकर देश प्रदेश के लगभग 80 लाख कर्मचारी अधिकारियों सहित समस्त नवीन पदस्थ लोकसेवकों के लिए भी ओल्ड पेंशन नीति लागू की जाए। ज्ञापन अवसर पर विशेष रूप से अभिलाषा जैन,राजेश पटेल(आयुष विभाग),विक्रम पाटीदार,अंकित शर्मा ,महावीर मावी,कमर्शियल टेक्स विभाग,रितेश बनोधा,अजय जैन, राकेश गहलोद,सुभाष परमार सहित अनेक साथी उपस्थित थे। ज्ञापन का वाचन जिम्मी सक्सेना ने किया। अंत मे आभार राकेश गहलोद ने माना। छह संघो में विशेष रूप से शासकीय सेवक सेतु,अध्यापक अधिकार संघ, अध्यापक संघर्ष समिति, न्यू मूवमेंट फ़ॉर ओल्ड पेंशन, आज़ाद अध्यापक संघ,म.प्र.अनुसूचित जाति जनजाति, पिछड़ा वर्ग एवं अल्प संख्यक संघ (अपाक्स) के बैनर तले सामूहिक ज्ञापन दिया गया।

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"दैनिक सदभावना पाती" (Dainik Sadbhawna Paati) (भारत सरकार के समाचार पत्रों के पंजीयक – RNI में पंजीकृत, Reg. No. 2013/54381) "दैनिक सदभावना पाती" सिर्फ एक समाचार पत्र नहीं, बल्कि समाज की आवाज है। वर्ष 2013 से हम सत्य, निष्पक्षता और निर्भीक पत्रकारिता के सिद्धांतों पर चलते हुए प्रदेश, देश और अंतरराष्ट्रीय स्तर की महत्वपूर्ण खबरें आप तक पहुंचा रहे हैं। हम क्यों अलग हैं? बिना किसी दबाव या पूर्वाग्रह के, हम सत्य की खोज करके शासन-प्रशासन में व्याप्त गड़बड़ियों और भ्रष्टाचार को उजागर करते है, हर वर्ग की समस्याओं को सरकार और प्रशासन तक पहुंचाना, समाज में जागरूकता और सदभावना को बढ़ावा देना हमारा ध्येय है। हम "प्राणियों में सदभावना हो" के सिद्धांत पर चलते हुए, समाज में सच्चाई और जागरूकता का प्रकाश फैलाने के लिए संकल्पित हैं।
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