आप कॉलेज आ जाओ बाकी की बातें वहीं बैठकर तय कर लेंगे, जैसा आप चाहेंगे हो जाएगा – संचालक
- बीएड कॉलेजों में संचालकों की लूट, मनचाही फीस लेकर दे रहे विशेष सुविधा
- प्रवेश लेने के बाद घर बैठे करें बीएड, प्रैक्टिकल और परीक्षा देने आ जाओ बस
- कॉलेज संचालकों की मनमानी पर सदभवाना पाती की कलई खोलती खबर
बीएड का तीसरा भाग जल्द होगा प्रकाशित
दैनिक सदभावना पाती – विनय वर्मा
Indore News in Hindi | दैनिक सदभावना पाती अखबार प्रदेश के सभी अभिभावकों का सम्मान करते हुए लगातार शिक्षा माफियाओं की करतूतों को उजागर करने में लगा हुआ है। अखबार की मंशा बिलकुल साफ है कि मेहनत करने वाले छात्र छात्राओं को उसका प्रतिफल अवश्य मिलना चाहिए क्योंकि प्रदेश मे शिक्षा माफिया रुपया बनाने के लिये अनुचित तरीके से लोगों को भ्रमित कर डिग्री डिप्लोमा दिलवा रहे हैं जो कि पढ़ाई करने वाले मध्यम वर्गीय बच्चों के साथ सरासर अन्याय है, न सिर्फ बच्चों के साथ अन्याय है बल्कि उन अभिभावकों के साथ भी अन्याय है जो दिन रात मेहनत मजदूरी कर अपने बच्चों को बेहतर भविष्य देने के लिये संर्घष कर रहे हैं।
कल हमने इंदौर और उज्जैन संभाग के दो कॉलेजों में नॉन अटेंडिंग प्रवेश का खुलासा किया था कि किस प्रकार से रुपया लेकर बीएड की डिग्री दिलवाने का खेल खेल रहे हैं। आज फिर दो कॉलेज, इंदौर का बीएम कॉलेज और नीमच का शिखर टेक्निकल इंस्टिट्यूट के भ्रष्ट्राचार का भंड़ाफोड़ रहे हैं जो रुपया लेकर बच्चों को बिना कॉलेज आए ही परीक्षा में बैठाने की ग्यारंटी लेते हैं।
इंदौर का बीएम कॉलेज भी दे रहा कॉलेज नहीं आने की सुविधा
बीएड कोर्स के लिए देवी अहिल्या विश्वविद्यालय से सम्बद्धता प्राप्त इंदौर का बीएम कॉलेज इंजीनियरिंग, मैनेजमेंट, फार्मेसी, प्रोफेशनल के कई कोर्स का संचालन करता है जिसके लिए अलग अलग भारी भरकम फीस भी तय है। इस कॉलेज के कर्ताधर्ता इतने चालाक हैं कि फोन पर वे सीधे सीधे मुद्दे की चर्चा नहीं करते हैं, वे कहते हैं कि आप कॉलेज आ जाओ बाकी की बातें वही बैठकर तय कर लेंगे। जैसा आप चाहेंगे हो जाएगा।
रिपोर्टर – सर आप बीएम कॉलेज से बोल रहे हैं.
बीएम कॉलेज – जी हाँ मै बीएम कॉलेज से बोल रहा हूं।
रिपोर्टर – मेरे भाई को बीएड कराना है आपके कॉलेज से हो जाएगा क्या?
बीएम कॉलेज – हाँ हो जाएगा.
रिपोर्टर – फीस कितनी है, क्या स्कॉलरशिप मिलेगी ?
बीएम कॉलेज – एक साल की 35 हजार रुपए दो साल की 70 हजार रुपए है। और बस फीस के 12 हजार रुपए, स्कॉलरशिप जो है वह मिलेगी.
रिपोर्टर – एक बात आपसे और करनी थी मेरा भाई दूसरी जगह पर जॉब करता है तो रोज कॉलेज नहीं आ सकता है उसको रोज कॉलेज नहीं आने की सुविधा मिल जाती तो अच्छा रहता.
बीएम कॉलेज – रेगुलर नही आयेंगे तो कैसे करेंगे.
रिपोर्टर – बीच बीच में जब आप कहेंगे तब वो आ जाएगा।
बीएम कॉलेज -देख लेंगे इसके लिए बात कर लेंगे आप फॉर्म भरवा दो.
रिपोर्टर – सर हो तो जाएगा ना.
बीएम कॉलेज – हाँ हाँ हो जाएगा लेकिन बाकी की जवाबदारी उसकी रहेगी पढाई तो कर लेगा ना.
रिपोर्टर – मेरा भाई पढ़ने में अच्छा है वो कर लेगा।
इनका कहना है..
जी नहीं हमारे यहां नॉन अटेंडिंग एडमिशन नहीं देते हैं। रोजाना कॉलेज आना अनिवार्य है।
संचालक, बीएम कॉलेज इंदौर
नॉन अटेंडिंग का शिखर छू रहा यह इंस्टिट्यूट –
विक्रम विश्वविद्यालय से सम्बद्ध शिखर टीचर ट्रेनिंग इंस्टिट्यूट नीमच के विद्यार्थियों को नॉन अटेंडिंग क्लासेस की सुविधा देने में नए नए शिखर छू रहा है, इस कॉलेज के छात्र भी बिना क्लासेज अटेंड किये परीक्षा में भी बैठ जाते हैं और छात्रवृत्ति भी पा लेते हैं। कॉलेज में की गई बातचीत के अंश
रिपोर्टर – सर मुझे अपनी भतीजी को बीएड कराना है
शिखर कॉलेज – आप कहां से बोल रहे हो
रिपोर्टर – जावरा से बोल रहा हूं। कॉलेज की फीस कितनी है ।
शिखर कॉलेज – एक साल की 35 हजार दो साल की 70 हजार रुपए प्लस परीक्षा फीस
रिपोर्टर – परीक्षा फीस कितनी है
शिखर कॉलेज – चार सेमेस्टर की यही कोई 20-21 हजार रुपए
रिपोर्टर – आपके कॉलेज का समय क्या है ।
शिखर कॉलेज – 11:30 बजे से शाम 4:30 बजे तक आप कभी आ सकते हैं
रिपोर्टर – सर आपसे एक फेवर चाहिए था । भतीजी रोज कॉलेज आने में असमर्थ है क्या आपकी तरफ से कोई सुविधा मिल सकती है
शिखर कॉलेज – सर पहले आप फॉर्म भर दीजिए फिर समझते हैं। आप एक बार कॉलेज आ जाएं वहीं पर बात कर लेंगे ।
रिपोर्टर – लेकिन सर फॉर्म भरने के पहले कुछ हिंट मिल जाती तो फॉर्म भरने में आसानी हो जाती
शिखर कॉलेज – सर उसके लिये एक बार कॉलेज आना होगा। मैं फॉर्म भी भरवा दूंगा ओरिजनल डॉक्यूमेंट लेकर आना सब करवा दूंगा, बैठकर बात भी कर लेंगे जैसा आप चाहते हो वो सब भी हो जाएगा।
इनका कहना है –
जी नहीं सर, हमारे कॉलेज में नॉन अटेंडिंग एडमिशन नहीं देते हैं गवर्नमेंट के सभी नियम का पालन करते हैं, कॉलेज रेगुलर लगता है छात्र को रोज कॉलेज आना अनिवार्य है।
हरीश चौधरी
शिखर टिचर्स इंस्टिट्यूट नीमच
बता दें कि यह फर्जीवाड़ा कोई पहली बार या पहले कोर्स में नहीं हो रहा है। यह कई सालों से चल रहा है और बहुत ही आर्गनाइज्ड रूप से इसको अंजाम दिया जाता है। इसमें कॉलेज संचालकों के साथ यूनिवर्सिटी के अधिकारी-कर्मचारियों की मिलीभगत से 75% उपस्थिति को कागजों में पूर्ति कर पूरा कर दिया जाता है। इस मामले में यूनिवर्सिटी जांच के नाम पर सिर्फ खानापूर्ति करती है।
जड़ में है करोड़ों का छात्रवृत्ति घोटाला –
एनसीटीई की वेबसाइट के आंकड़ों के अनुसार प्रदेश में बीएड के लगभग 700 कॉलेज संचालित हो रहे हैं। अधिकतर कॉलेजों को 100 सीट की मान्यता है कुल 58000 के लगभग सीट हैं जिसके लिए लाखों छात्र आवेदन करते हैं। चूँकि शासकीय/अशासकीय स्कूल में शिक्षक भर्ती के लिए बीएड कोर्स होना आवश्यक है और नॉन अटेंडिंग क्लास की सुविधा मिलने से इस कोर्स में भरपूर एडमिशन मिल जाते हैं। इस पूरे खेल के पीछे सबसे बड़ा कारण है विद्यार्थियों को मिलने वाली छात्रवृत्ति, इस कोर्स में छात्रों को 20000 से 35000 तक की छात्रवृत्ति मिलती है जो कि लगभग फीस के बराबर हो जाती है। प्रदेश में बीएड कोर्स के लिए जारी होने वाली छात्रवृत्ति की राशि करोड़ों में है जो सीधे कॉलेज संचालकों की जेब में जा रही है इसके लिए एक पुरानी कहावत है “हींग लगे न फिटकरी रंग चौखा हो जाए”।