अब स्टेडियम में देख सकेंगे मैच, खेल मंत्रालय का नया SOP जारी

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sadbhawnapaati
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खेल मंत्रालय ने रविवार को देश में खेल प्रतियोगिताओं की बहाली के लिए अपनी स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसीजर (SOP) में कहा कि एक स्टेडियम की कुल क्षमता का अधिकतम 50 फीसदी अब आउटडोर खेल स्पर्धाओं के दौरान दर्शकों से भरा जा सकता है. मंत्रालय ने कहा कि दर्शक प्रबंधन 25 नवंबर को जारी गृह मंत्रालय के दिशा-निर्देशों के मुताबिक किया जाएगा.

गृह मंत्रालय ने बंद जगह में होने वाले खेलों के दर्शकों की संख्या सीमा 200 लोगों तक रखी है. मंत्रालय ने राज्य सरकारों को अपने हिसाब से दर्शकों की संख्या तय करने की अनुमति भी दी.

इसने राज्य सरकारों को खुद आकलन के मुताबिक संख्या कम करने की भी अनुमति दी है.

SOP में संबंधित आयोजन समिति द्वारा प्रतियोगिताओं के लिए एक ‘कोविड टास्क फोर्स’ का गठन करने के लिए भी कहा गया है. SOP लागू करने के लिए जिम्मेदार होने के अलावा, टास्क फोर्स “एथलीटों और एएसपी (एथलीट सपोर्ट पर्सनेल) की यात्रा” को करीब से रेगुलेट और मॉनिटर करेगी.

आयोजन समितियों को कोविड रिस्पॉन्स टीम बनानी होगी, जिससे एथलीट और उनके सपोर्ट स्टाफ संपर्क कर सकें, अगर उनमें कोरोनावायरस के लक्षण दिखते हैं तो.

एथलीट्स को फिजियोथेरेपी और मसाज से बचने के लिए कहा गया है, जब तक की “एकदम जरूरी” न हो. साथ ही सभी को फिजिकल डिस्टेंसिंग का पालन करने और मास्क पहनने के लिए कहा गया है.

मंत्रालय ने ये भी कहा कि प्रतियोगिता क्षेत्र के प्रवेश द्वार पर थर्मल स्क्रीनिंग की जाएगी, और जो एथलीट्स और सपोर्ट स्टाफ “कंटेनमेंट जोन में रहे हैं, उन्हें मुख्य प्रतियोगिता फील्ड, वॉर्म-अप एरिया में आने की अनुमति नहीं होगी.”

आयोजकों को यह भी आकलन करना है कि मुख्य इवेंट से 72 घंटे पहले एथलीट्स और सपोर्ट स्टाफ के लिए RT-PCR टेस्ट अनिवार्य है या नहीं. मंत्रालय के SOP के मुताबिक, “ऐसे मामलों में, केवल नेगेटिव RT-PCR रिपोर्ट वालों को इवेंट में शामिल होने दिया जाएगा.”

 

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"दैनिक सदभावना पाती" (Dainik Sadbhawna Paati) (भारत सरकार के समाचार पत्रों के पंजीयक – RNI में पंजीकृत, Reg. No. 2013/54381) "दैनिक सदभावना पाती" सिर्फ एक समाचार पत्र नहीं, बल्कि समाज की आवाज है। वर्ष 2013 से हम सत्य, निष्पक्षता और निर्भीक पत्रकारिता के सिद्धांतों पर चलते हुए प्रदेश, देश और अंतरराष्ट्रीय स्तर की महत्वपूर्ण खबरें आप तक पहुंचा रहे हैं। हम क्यों अलग हैं? बिना किसी दबाव या पूर्वाग्रह के, हम सत्य की खोज करके शासन-प्रशासन में व्याप्त गड़बड़ियों और भ्रष्टाचार को उजागर करते है, हर वर्ग की समस्याओं को सरकार और प्रशासन तक पहुंचाना, समाज में जागरूकता और सदभावना को बढ़ावा देना हमारा ध्येय है। हम "प्राणियों में सदभावना हो" के सिद्धांत पर चलते हुए, समाज में सच्चाई और जागरूकता का प्रकाश फैलाने के लिए संकल्पित हैं।
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