सरकार नेशनल नर्सिंग एंड मिडवाइफरी कमीशन विधेयक लायेगी
एक फरवरी केंद्र सरकार ने नर्सिग एवं मिडवाइफ के शिक्षा क्षेत्र में सुधार एवं नर्सिग संस्थाओं में प्रवेश परीक्षा की व्यवस्था को दुरूस्त बनाने के लिये नेशनल नर्सिंग एंड मिडवाइफरी कमीशन विधेयक लाने का प्रस्ताव किया है ।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सोमवार को संसद में आम बजट पेश करते हुए कहा, ‘‘ हमने 56 सहबद्ध स्वास्थ्य सुरक्षा वृतियों का पारदर्शी एवं कुशल विनियमन सुनिश्चित करने के उद्देश्य से संसद में राष्ट्रीय सहबद्ध वृत्तिक आयोग विधेयक पेश किया है ।
’’ उन्होंने कहा, ‘‘ इसके अलावा नर्सिंग क्षेत्र में पारदर्शिता, कुशलता एवं अभिशासन सुधार लाने के लिये सरकार नेशनल नर्सिंग एंड मिडवाइफरी कमीशन विधेयक पेश करेगी ।
’’ विधेयक के मसौदा दस्तावेज में कहा गया है कि आयोग, नर्सिंग एवं मिडवाइफरी संस्थाओं में प्रवेश के लिये समान प्रवेश परीक्षा का प्रावधान करेगा और इसमें साझा काउंसलिंग की व्यवस्था होगी ।
आयोग नर्सिंग एवं मिडवाइफरी शिक्षा एवं प्रशिक्षण के संचालन के लिये नीतियां तैयार करेगा और मानकों का नियमन करेगा। इसके साथ ही आयोग द्वारा नर्सिंग एवं मिडवाइफरी संस्थानों, शोध पेशेवरों एवं सहयोगियों के नियमन के लिये नीतियां बनाई जाएंगी ।
आयोग इन संस्थानों के शिक्षा मानकों, भौतिक एवं संस्थागत सुविधाओं के मूल्यांकन, प्रशिक्षण, शोध, न्यूनतम ट्यूशन फीस से जुड़ी व्यवस्था का न्यूनतम मानक तैयार करेगा ।
बहरहाल, वित्त मंत्री ने बजट भाषण में कहा, ‘‘पोषक तत् वों को बढ़ाने के साथ-साथ इनकी आपूर्ति, पहुंच एवं परिणाम को बेहतर करने के लिए सरकार पूरक पोषण कार्यक्रम और पोषण अभियान का आपस में विलय कर देगी तथा मिशन पोषण 2.0 को लॉन् च करेगी।
’’ उन्होंने कहा कि सरकार सभी 112 जिलों में पोषण संबंधी परिणामों को बेहतर करने के लिए एक गहन रणनीति अपनाएगी। कानून बनते ही राज्य सरकारें किसी नए नर्सिंग कॉलेज का पंजीकरण नहीं कर पाएंगी। इसके लिए उन्हें एनएमसी से मंजूरी लेनी होगी।
नेशनल मेडिकल आयोग (एनएमसी) पुराने नर्सिंग कॉलेजों का निरीक्षण करेगा और शर्तें पूरी न करने वाले कॉलेजों की मान्यता रद्द करेगा। नया विधेयक 1947 के नर्सिंग काउंसिल एक्ट का स्थान लेगा,
जो अभी देश भर में अनेक नर्सिंग परीक्षाओं की अनुमति देता है। एनएमसी की तर्ज पर ही अब नेशनल नर्सिंग ऐंड मिडवाइफरी आयोग भी काम करेगा।
यह आयोग न केवल प्रवेश परीक्षा, बल्कि नर्सिंग क्षेत्र की नीतियां, मानक, पाठ्यक्रम, संस्थागत सरंचना, फीस, व्यावसायिक नैतिकता, क्लिनिकल प्रैक्टिस और शोध जैसे मामलों में नई नियमावली बनाएगा। इसके लिए एनएमसी की तरह ही अलग-अलग बोर्ड होंगे। आयोग में केंद्र और राज्यों के प्रतिनिधि शामिल किए जाएंगे। विधेयक में विदेशी डिग्रीधारकों को भी भारत में सेवा का अवसर देने की बात कही गई हैं।
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