लौह पुरुष ‘सरदार पटेल’
संपूर्ण भारत के लिए अदम्य शक्ति और फौलादी संकल्प के महानायक लौह पुरुष सरदार वल्लभभाई पटेल आधुनिक भारत निर्माण के मुख्य शिल्पकार हैं जिन्होंने 565 देशी रियासतों का स्वतंत्र भारत में एकीकरण कर राष्ट्र की अखंडता और संप्रभुता की रक्षा की। इनके अतुल्य योगदान के बिना भारतीय मानचित्र का भव्य स्वरूप आज जैसा है वैसा दिखाई नहीं देता।उनके समग्र अवदान को कृतज्ञ राष्ट्र आज राष्ट्रीय एकता दिवस के रूप में नमन कर रहा है।
वल्लभ भाई का जन्म 31 अक्टूबर 1875 को गुजरात के नाडियाड में हुआ था।वे बचपन से कर्मठ,निर्भीक और संकल्पवान थे। उन्होंने विद्यालय में गरीब विद्यार्थी पर लगाए अनावश्यक जुर्माने, शिक्षकों द्वारा विद्यार्थियों को उनसे ही पुस्तकें खरीदने की अनिवार्यता के विरुद्ध सफल हड़ताल की जिससे उनकी नेतृत्व और संगठन क्षमता को विशिष्ट पहचान बनी।
एंट्रेंस के बाद मुख्तारी परीक्षा पास कर गोधरा में वकालत शुरू की। वे इंग्लैंड से कानून की पढ़ाई करना चाहते थे किंतु अपनी इच्छा का बलिदान करते हुए बड़े भाई विट्ठल को अपने स्थान पर इंग्लैंड जाने की अनुमति दे दी। बाद में 1936 में पटेल ने इंग्लैंड से कानून की पढ़ाई कर अहमदाबाद में सबसे सफल बैरिस्टर के रूप में ख्याति अर्जित की।
सरदार पटेल ने असंभव को संभव कर दिखाया इसलिए भारत के इस महान सपूत के लिए लौह पुरुष की संज्ञा विश्लेषण की हर कसौटी खरी उतरती है। जिसमें अपने संकल्पों के प्रति मर मिटने का जज्बा हो ,जिसके व्यक्तित्व का एक-एक अणु लोहे के कण कण से बना हो,जो चुनौतियों के हिमालय को विंध्याचल की तरह नतमस्तक करना जानता हो, जो घोर तमस में भी अपने संघर्ष के दीप को निर्वापित न होने दे, जिसके फौलादी इरादों को किस मौसम में बदलने की ताकत न हो, जो अपने मूल्यों से समझौता न करता हो,जो एक बार ठान ले तो उसे पूर्ण करके ही दम लेता हो, जिसका पराक्रम अपराजेय, आस्था अडिग, संकल्प अटल हो वही व्यक्ति लौह पुरुष हो सकता है।
अपने कर्तव्यों के प्रति समर्पण की जिसमें पराकाष्ठा हो, जो किसी मुकदमे में पैरवी के दौरान अपनी पत्नी की मृत्यु का समाचार पाकर भी कर्तव्य पथ से विचलित न हो, जो जेल में रहते हुए अपनी पूज्य मां और बड़े भाई के निधन पर उनके अंतिम संस्कार के लिए फिरंगियों की शर्तों पर पैरोल पर रिहा होने से इनकार कर सकता हो वही व्यक्ति लोहपुरुष हो सकता हो।निसंदेह सरदार पटेल इसके हकदार हैं ।
ऐसे हमारे ‘सरदार वल्लभ भाई पटेल’ को 147 वीं जयंती पर सद्भावना पाती अख़बार समूह नमन करता है .