उज्जैन की रेसलर प्रियांशी प्रजापत ने जूनियर वर्ल्ड चैम्पियनशिप में ब्रॉन्ज मेडल जीता है।
बुल्गारिया में हुई चैम्पियनशिप में उन्होंने 30 देशों के खिलाड़ियों के बीच देश को मेडल दिलाया। प्रियांशी का परिवार 8×8 के दो कमरों में रहता है। पिता का ईंट भट्टा है। घर की आर्थिक स्थिति बहुत ज्यादा अच्छी नहीं है।
18 साल की प्रियांशी चार भाई-बहनों में तीसरे नंबर की हैं। सबसे बड़ी बहन सृष्टि का ब्रेन हेमरेज से निधन हो चुका है। वो भी रेसलर थीं। दूसरे नंबर की बहन नूपुर भी रेसलर हैं और सभी बहनों में सबसे छोटा भाई भी पहलवानी सीख रहा है। मां हाउस वाइफ हैं।
प्रियांशी के पिता मुकेश प्रजापत बताते हैं, बच्चों को बहुत विपरीत परिस्थिति में पहलवानी कराई है। किस तरह यहां तक बच्चों को लेकर आया हूं, ये मेरा दिल ही जानता है। बस इतना जरूर है कि बाबा महाकाल की नगरी में रहता हूं, इसलिए भूखे उठते तो हैं, लेकिन भूखे सोते नहीं।
सारी व्यवस्था प्रभु कर देता है। गुजारा हो जाता है, लेकिन बच्चों को वो डाइट नहीं दे पाता हूं, जो एक रेसलर के लिए जरूरी होती है। बता दें, मुकेश खुद एक पहलवान रहे हैं। 1996-97 तक नेशनल प्लेयर रहे और 11 बार संभाग केसरी का खिताब भी जीता।
कई मेडल अपने नाम कर चुकी हैं प्रियांशी
प्रियांशी ने कहा, ब्रॉन्ज जीता है, लेकिन मेरा सपना ओलंपिक में गोल्ड लाने का है। प्रियांशी इससे पहले खेलो इंडिया 2019 में ब्रॉन्ज, खेलो इंडिया 2020 में गोल्ड और खेलो इंडिया 2021 में गोल्ड जीत चुकी हैं। 2018 सोनीपत में हुई नेशनल चैम्पियनशिप में 2 गोल्ड जीते थे। 2019 एशियन चैम्पियनशिप में हिस्सा ले चुकी हैं। अब प्रियांशी 1 सितंबर से 5 सितंबर तक केरल में होने वाला नेशनल टूर्नामेंट खेलने की तैयारी कर रही हैं।
प्रियांशी ने कहा, ब्रॉन्ज जीता है, लेकिन मेरा सपना ओलंपिक में गोल्ड लाने का है। प्रियांशी इससे पहले खेलो इंडिया 2019 में ब्रॉन्ज, खेलो इंडिया 2020 में गोल्ड और खेलो इंडिया 2021 में गोल्ड जीत चुकी हैं। 2018 सोनीपत में हुई नेशनल चैम्पियनशिप में 2 गोल्ड जीते थे। 2019 एशियन चैम्पियनशिप में हिस्सा ले चुकी हैं। अब प्रियांशी 1 सितंबर से 5 सितंबर तक केरल में होने वाला नेशनल टूर्नामेंट खेलने की तैयारी कर रही हैं।
मंगोलियन को पछाड़कर जीता ब्रॉन्ज
15 अगस्त से 21 अगस्त के बीच बुल्गारिया में हुई जूनियर वर्ल्ड चैम्पियनशिप में 30 देशों के खिलाड़ियों ने पार्टिसिपेट किया था। 50 किलोग्राम कैटेगरी में भारत की ओर से खेल रहीं उज्जैन की प्रियांशी प्रजापत ने अपनी प्रतिद्वंद्वी को हराकर अंतिम चार में जगह बनाई। इसके बाद उनका मुकाबला मंगोलिया की खिलाड़ी बुंखाबट से हुआ। प्रियांशी ने एकतरफा मुकाबला जीतकर ब्रॉन्ज मेडल अपने नाम किया।
15 अगस्त से 21 अगस्त के बीच बुल्गारिया में हुई जूनियर वर्ल्ड चैम्पियनशिप में 30 देशों के खिलाड़ियों ने पार्टिसिपेट किया था। 50 किलोग्राम कैटेगरी में भारत की ओर से खेल रहीं उज्जैन की प्रियांशी प्रजापत ने अपनी प्रतिद्वंद्वी को हराकर अंतिम चार में जगह बनाई। इसके बाद उनका मुकाबला मंगोलिया की खिलाड़ी बुंखाबट से हुआ। प्रियांशी ने एकतरफा मुकाबला जीतकर ब्रॉन्ज मेडल अपने नाम किया।