Tattoo Side Effects: स्किन के साथ साथ आपके दिल के लिए खतरनाक साबित हो सकता है Tattoo बनवाना

By
sadbhawnapaati
"दैनिक सदभावना पाती" (Dainik Sadbhawna Paati) (भारत सरकार के समाचार पत्रों के पंजीयक – RNI में पंजीकृत, Reg. No. 2013/54381) "दैनिक सदभावना पाती" सिर्फ एक समाचार...
3 Min Read

अगर आप भी अपना पसंदीदा टैटू बनवाने जा रहे हैं तो ये समाचार ज़रूर पढ़ लें, अब तक अपने सुना होगा कि टैटू बनवाने से स्कीन से जुड़ी बीमारियां पैदा होती हैं। छोटी एलर्जी से लेकर स्किन कैंसर तक का कारण होने कि सम्भावना है आपके शरीर पर बना टैटू । आपकी स्किन के साथ साथ आपके दिल के लिए भी खतरनाक साबित हो सकता है टैटू। हार्ट अटैक का खतरा टैटू का शौक आपके लिए हार्ट अटैक का खतरा बढ़ा सकता है, बात का खुलासा जर्नल ऑफ एप्लाइड फिजियोलॉजी में छपी एक रिसर्च में हुआ है। रिसर्च के मुताबिक स्किन में टैटू होने से शरीर के पसीने को रोकने की क्षमता कम हो जाती है जिससे शरीर का तापमान बढ़ जाता है। तापमान बढ़ने से हाइपोथर्मिया और हीट स्ट्रोक का खतरा बढ़ जाता है। अमेरिका की सेंट्रल मिस्ससौरी यूनिवर्सिटी ने किया स्टडी अमेरिका की सेंट्रल मिस्ससौरी यूनिवर्सिटी में हुए इस अध्ययन में ऐसे लोगों पर रिसर्च की गई जिनके हाथों में कम से कम 5.6 वर्ग का टैटू था। चुने हुए लोगों में पसीना पैदा करने लिए परफ्यूजन सूट पहनाया गया जिससे उनके शरीर का तापमान 120 डिग्री फारेनहाइट तक पहुँच सके।

इसके बाद सामान्य स्किन व टैटू वाली स्किन पर भिन्न भिन्न रिसर्च की गई। इसके बाद लेज़र तकनीक के जरिये स्किन में ब्लड सर्कुलेशन चेक किया गया जिसमें ये सामने आया कि टैटू वाली स्किन पर तापमान मेंटेन करना कठिन होता है। पसीना कम होने की वजह से शरीर मे तापमान बढ़ता है जिससे हीट स्ट्रोक का खतरा बढ़ जाता है। छोटे टैटू बनवाने से होती हैं स्किन से जुड़ी समस्याएं मैक्स अस्पताल में कार्डियोलॉजी डिपार्टमेंट में एसोसिएट डायरेक्टर डॉ नीरज कुमार के मुताबिक आमतौर पर छोटे टैटू बनवाने से स्किन से जुड़ी कुछ समस्याएं देखने को मिलती हैं जैसे एलर्जी, इंफेक्शन आदि । लेकिन जब लोग शरीर के बड़े हिस्से में टैटू बनवाते हैं तो इसका प्रभाव हार्ट पर देखने को मिल सकता है। अगर किसी के हार्ट में कोई वाल्व लगा है या कोई कॉम्प्लिकेशन है तो इंफेक्शन दिल तक पहुँच सकता है। ज़्यादा बड़े टैटू बनवाने से उस स्थान की स्किन में उपस्थित स्वेट ग्लैंड्स ब्लॉक हो जाते हैं। ऐसे में हाइपोथर्मिया का खतरा बढ़ सकता है। शरीर का तापमान अगर 40 डिग्री सेल्सियस से ज़्यादा हो जाए तो इससे हीट स्ट्रोक का खतरा बढ़ जाता है।

Share This Article
Follow:
"दैनिक सदभावना पाती" (Dainik Sadbhawna Paati) (भारत सरकार के समाचार पत्रों के पंजीयक – RNI में पंजीकृत, Reg. No. 2013/54381) "दैनिक सदभावना पाती" सिर्फ एक समाचार पत्र नहीं, बल्कि समाज की आवाज है। वर्ष 2013 से हम सत्य, निष्पक्षता और निर्भीक पत्रकारिता के सिद्धांतों पर चलते हुए प्रदेश, देश और अंतरराष्ट्रीय स्तर की महत्वपूर्ण खबरें आप तक पहुंचा रहे हैं। हम क्यों अलग हैं? बिना किसी दबाव या पूर्वाग्रह के, हम सत्य की खोज करके शासन-प्रशासन में व्याप्त गड़बड़ियों और भ्रष्टाचार को उजागर करते है, हर वर्ग की समस्याओं को सरकार और प्रशासन तक पहुंचाना, समाज में जागरूकता और सदभावना को बढ़ावा देना हमारा ध्येय है। हम "प्राणियों में सदभावना हो" के सिद्धांत पर चलते हुए, समाज में सच्चाई और जागरूकता का प्रकाश फैलाने के लिए संकल्पित हैं।
147 Comments