यूनियन के 9 देशों ने भारतीय वैक्सीन कोविशिल्ड को मान्यता दी.

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"दैनिक सदभावना पाती" (Dainik Sadbhawna Paati) (भारत सरकार के समाचार पत्रों के पंजीयक – RNI में पंजीकृत, Reg. No. 2013/54381) "दैनिक सदभावना पाती" सिर्फ एक समाचार...
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Health Tips News Indore. यूरोपियन यूनियन और इंडिया के बीच छिड़े कोविड ग्रीन पास पर तक़रार का असर अब दिखने लगा है. यूरोपियन यूनियन के 9 देशों ने भारतीय वैक्सीन कोविशिल्ड को अपने यहा मान्यता दे दी है. इसके साथ ही कुछ अन्य देश भी अपने यहां इसको मान्यता देने पर विचार कर रहे हैं. जिन देशों ने कोविशिल्ड को मान्यता दी है उनमें स्विट्जरलैंड के अलावा जर्मनी, ग्रीस, आइसलैंड, आयरलैंड, स्पेन, स्लोवेनिया शामिल है. भारत सरकार ने यूरोपीय यूनियन के सदस्य देशों से कोरोना वैक्सीन कोविशील्ड और को वैक्सीन को वैक्सीन पासपोर्ट स्कीम में छूट देने का अनुरोध किया है.
 भारत सरकार ने कहा है कि1 जुलाई से यूरोपियन यूनियन के 27 देशो में आवागमन के लिए जरूरी वैक्सीन सर्टिफिकेट के लिए दोनो ही भारतीय वैक्सीन यानी कोविशिल्ड और कोवाक्सिन को मान्यता नहीं मिली तो विरोध में भारत भी यूरोपीय यूनियन के देशों से आने वाले यात्रियों को 14 दिन क्वारंटाइन रहना होगा. इसके बिना भारत मे उन्हें फ्री मूवमेंट नहीं मिलेगा. बता दें कि भारत की इस धमकी का असर ईयू देशो पर अब साफ दिख रहा है. यूरोपियन यूनियन के 9 देशो ने भारतीय वैक्सीन कोविशिल्ड को अपने यहा मान्यता दे दी है. ईयू के इस रुख पर भारत ने इन देशो से यह भी अपील की थी कि वे अपने अपने देश मे व्यक्तिगत रूप से भारतीय वैक्सीन को मंजूरी दे.

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क्या है वैक्सीन पासपोर्ट?
कोरोना का संक्रमण जैसे-जैसे कम होने लगा है और ऐसे ही इंटरनेशनल ट्रैवल में फिर से रफ्तार पकड़ने की उम्मीद है. इसी के लिए ‘वैक्सीन पासपोर्ट’ लागू करने की तैयारी चल रही है. ज्यादातर देशों में ये लागू भी हो चुका है. वैक्सीन पासपोर्ट या इम्युनिटी पासपोर्ट एक तरह से इस बात का सबूत है कि आपने वैक्सीन लगवा ली है. ये पासपोर्ट सिर्फ वैक्सीन लगवाने वालों को ही मिलेगा. जो लोग फिर से इंटरनेशनल ट्रैवल शुरू करना चाहते हैं उनके लिए वैक्सीन पासपोर्ट सबसे जरूरी दस्तावेज बन गया है।
 भारत के साथ वैक्सीन पासपोर्ट में समस्या. 
भारत में अभी तीन वैक्सीन- कोविशील्ड, कोवैक्सीन और स्पुतनिक V को मंजूरी मिली है. लेकिन ज्यादातर लोगों को अभी कोविशील्ड या कोवैक्सीन ही लगाई जा रही है. कोवैक्सीन को अभी तक डब्ल्यूएचओ से भी मंजूरी नहीं मिली है, जबकि कोविशील्ड को यूरोपियन मेडिकल एजेंसी ने एप्रूव नहीं किया है. इस वजह से यूरोपियन यूनियन कोविशील्ड लगवाने वालों को डिजिटल ग्रीन पास जारी नहीं कर रही है. बता दें कि ईयू डिजिटल कोविड सर्टिफिकेट के लिये जिन वैक्सीन को मान्यता दी गयी है उनमें फाइजर, मोडर्ना, जॉनसन जॉनसन और सेरम का वैक्सजेरवेरिया शामिल है.

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"दैनिक सदभावना पाती" (Dainik Sadbhawna Paati) (भारत सरकार के समाचार पत्रों के पंजीयक – RNI में पंजीकृत, Reg. No. 2013/54381) "दैनिक सदभावना पाती" सिर्फ एक समाचार पत्र नहीं, बल्कि समाज की आवाज है। वर्ष 2013 से हम सत्य, निष्पक्षता और निर्भीक पत्रकारिता के सिद्धांतों पर चलते हुए प्रदेश, देश और अंतरराष्ट्रीय स्तर की महत्वपूर्ण खबरें आप तक पहुंचा रहे हैं। हम क्यों अलग हैं? बिना किसी दबाव या पूर्वाग्रह के, हम सत्य की खोज करके शासन-प्रशासन में व्याप्त गड़बड़ियों और भ्रष्टाचार को उजागर करते है, हर वर्ग की समस्याओं को सरकार और प्रशासन तक पहुंचाना, समाज में जागरूकता और सदभावना को बढ़ावा देना हमारा ध्येय है। हम "प्राणियों में सदभावना हो" के सिद्धांत पर चलते हुए, समाज में सच्चाई और जागरूकता का प्रकाश फैलाने के लिए संकल्पित हैं।