देश की पहली चिकित्सा शिक्षा छात्र बीमा योजना मध्यप्रदेश में होगी शुरू
चिकित्सा शिक्षा मंत्री श्री विश्वास कैलाश सारंग ने बताया कि प्रदेश के चिकित्सा शिक्षा विभाग द्वारा शासकीय/स्वशासी चिकित्सा, दंत चिकित्सा, नर्सिंग महाविद्यालयों एवं शासकीय पैरामेडिकल संस्थानों में पढ़ रहे चिकित्सा शिक्षा छात्रों को उनकी पढ़ाई के दौरान स्वास्थ्य बीमा एवं व्यक्तिगत दुर्घटना बीमा का कवच दिया जायेगा।
यह देश की पहली ‘‘चिकित्सा शिक्षा छात्र बीमा योजना’’ है, जिसमें चिकित्सा शिक्षा छात्र को उनके पढ़ाई की पूरी अवधि में राज्य सरकार द्वारा बीमा प्रदान किया जा रहा है। इस बीमा योजना के लिये वार्षिक प्रीमियम की राशि को संबंधित महाविद्यालय द्वारा वहन किया जायेगा।
[expander_maker id=”1″ more=”Read more” less=”Read less”] श्री सारंग ने बताया कि प्रदेश के मेडिकल, डेन्टल, नर्सिंग और पैरा मेडिकल के 18 से 35 वर्ष के चिकित्सा छात्रों को उनकी पढ़ाई के दौरान स्वास्थ्य बीमा एवं व्यक्तिगत दुर्घटना बीमा का लाभ दिया जाएगा।
योजना में छात्रों को 2 लाख का मेडिक्लेम मिलेगा। व्यक्तिगत दुर्घटना बीमा के अतर्गत स्थाई डिसेबिलिटी और मृत्यु होने पर 10 लाख रूपये का मेडिक्लेम दिया जायेगा। योजना में 5 लाख रूपये का अस्थायी डिसेबिलिटी कवर शामिल है।
इस योजना में प्रदेश के चिकित्सा शिक्षा विभाग के अधीन शासकीय/स्वशासी शासकीय महाविद्यालयों में पढ़ रहे 15 हजार से अधिक छात्रों को लाभ मिल सकेगा। योजना में चिकित्सा शिक्षा छात्रों को चयनित बीमा कंपनी द्वारा मेडिक्लेम के लिये केशलेस कार्ड की सुरक्षा दी जायेगी।
केशलेस कार्ड से चिकित्सा शिक्षा छात्र देश के किसी भी शासकीय/निजी अस्पताल में अपना इलाज और जाँच करा सकेंगे। मेडिक्लेम में क्रिटिकल बीमारियों का इलाज भी शामिल रहेगा।
साथ ही योजना में छात्रों की पूर्व से मौजूद बीमारियों को भी मेडिक्लेम में शामिल किया जायेगा। ओपीडी सेवा, जाँच और अस्पताल में भर्ती होने पर सभी उपचार इस बीमा योजना के लाभ में शामिल रहेंगे।
योजना के लागू होने से प्रदेश के शासकीय चिकित्सा महाविद्यालयों में पढ़ रहें छात्रों और उनके परिवार पर बीमारी की स्थिति में कोई भी आर्थिक भार नहीं आएगा। साथ ही छात्र वित्तीय समावेशन में शामिल हो सकेंगे।
कोविड जैसी महामारी के दौर के गुजरने के बाद इस बीमा योजना का महत्व और बढ़ जाता है। कई चिकित्सा छात्र कोविड के संक्रमण से भी प्रभावित हुए और चिकित्सा छात्रों के कार्य के स्वरूप में उनके कई संक्रामक बीमारियों से ग्रस्त होने की संभावना भी ज्यादा रहती है।[/expander_maker]
Excellent content! The clarity and depth of your explanation are commendable. For a deeper dive, check out this resource: EXPLORE FURTHER. What do you all think?