बेशर्मी के बोल : कोरोना से हो रही मौतों पर MP के मंत्री बोले ‘उम्र हो जाती है तो मरना भी पड़ता है’

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sadbhawnapaati
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मध्य प्रदेश में कोरोना से मौतों की बढ़ती संख्या को लेकर शिवराज सिंह चौहान के मंत्री प्रेम सिंह पटेल ने विवादित बयान दिया है। कोरोना से बढ़ती मौतों के सवाल पर प्रेम सिंह पटेल ने कहा, ‘इन मौतों को कोई रोक नहीं सकता। हर कोई कोरोना से बचाव के लिए सहयोग की अपील कर रहा है।’ यही नहीं प्रेम सिंह पटेल ने कहा कि आपका कहना है कि हर दिन बहुत से लोगों की मौत हो रही है। यदि लोग बुजुर्ग हो जाते हैं तो मरना भी पड़ता है। इस तरह प्रेम सिंह पटेल ने कोरोना से होने वाली मौतों को बढ़ती हुई उम्र से जोड़ा। इसके साथ ही कोरोना संक्रमण से बचाव को लेकर भी एक तरह से उन्होंने साफ कर दिया कि सरकार भी कुछ कहने की स्थिति में नहीं है कि यह संकट कब खत्म होगा।

बता दें कि प्रेम सिंह पटेल का यह बयान ऐसे समय आया है, जब मध्य प्रदेश में कई जगह अस्‍पतालों से डरावनी तस्‍वीरें सामने आ रही हैं. यही नहीं शिवराज सरकार पर कोरोना से हो रही मौतों के आंकड़े छुपाने का आरोप भी विपक्ष लगा रहा है.

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भोपाल और इंदौर के श्मशान घाट में भी ऐसी ही स्थिति देखी गई, जहां लोगों को मृतकों का अंतिम संस्कार करने के लिए अपनी बारी का इंतजार करना पड़ा. जबकि सरकार ने मौत के जो आंकड़े दिए वो बेहद कम थे. 

बता दें कि कई मीडिया रिपोर्ट्स में दावा किया गया था कि मध्य प्रदेश में कोरोना से मौतों का आंकड़ा काफी अधिक है, लेकिन प्रदेश सरकार इसे कम करके बता रही है। कई जिलों में श्मशान घाटों पर कोरोना से मरने वालों के अंतिम संस्कार की कतारों का हवाला देते हुए ऐसे दावे किए गए हैं। हालांकि प्रदेश सरकार का कहना है कि हमारी ओर से पूरा आंकड़ा दिया जा रहा है। सीएम शिवराज सिंह चौहान ने खुद कहा था कि सरकार पूरी अपडेट दे रही है और संदिग्धों का भी कोरोना प्रोटोकॉल के तहत ही अंतिम संस्कार किया जा रहा है।   

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"दैनिक सदभावना पाती" (Dainik Sadbhawna Paati) (भारत सरकार के समाचार पत्रों के पंजीयक – RNI में पंजीकृत, Reg. No. 2013/54381) "दैनिक सदभावना पाती" सिर्फ एक समाचार पत्र नहीं, बल्कि समाज की आवाज है। वर्ष 2013 से हम सत्य, निष्पक्षता और निर्भीक पत्रकारिता के सिद्धांतों पर चलते हुए प्रदेश, देश और अंतरराष्ट्रीय स्तर की महत्वपूर्ण खबरें आप तक पहुंचा रहे हैं। हम क्यों अलग हैं? बिना किसी दबाव या पूर्वाग्रह के, हम सत्य की खोज करके शासन-प्रशासन में व्याप्त गड़बड़ियों और भ्रष्टाचार को उजागर करते है, हर वर्ग की समस्याओं को सरकार और प्रशासन तक पहुंचाना, समाज में जागरूकता और सदभावना को बढ़ावा देना हमारा ध्येय है। हम "प्राणियों में सदभावना हो" के सिद्धांत पर चलते हुए, समाज में सच्चाई और जागरूकता का प्रकाश फैलाने के लिए संकल्पित हैं।