Coronavirus In India: सुप्रीम कोर्ट में आज ऑक्सीजन, बेड, वैक्सीन के दाम समेत कई मुद्दों पर जवाब देगी सरकार

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 देश में कोरोना संक्रमण (Coronavirus In India) के प्रसार की गंभीर स्थिति को लेकर सुप्रीम कोर्ट में शुक्रवार को सुनवाई होगी. इससे पहले मंगलवार को शीर्ष अदालत के तीन न्यायाधीशों की बेंच ने केंद्र से कई मुद्दों पर जवाब मांगा था जिसमें वैक्सीन के दाम का भी मुद्दा शामिल था. जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़, जस्टिस एल नागेश्वर राव और जस्टिस एस रवींद्र भट की पीठ ने मामले में सुनवाई की थी. शुक्रवार को होने वाली सुनवाई के दौरान केंद्र ऑक्सीजन, बेड, वैक्सीन के दामों समेत कोविड से जुड़े अन्य मामलों के बारे में जवाब दाखिल कर सकता है.

इससे पहले मंगलवार को हुई सुनवाई में कोविड-19 मामलों में बेतहाशा वृद्धि को ‘राष्ट्रीय संकट’ बताते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि वह ऐसी स्थिति में मूक दर्शक बना नहीं रह सकता. साथ ही अदालत ने स्पष्ट किया कि कोविड-19 के प्रबंधन के लिए राष्ट्रीय नीति तैयार करने पर उसकी स्वत: संज्ञान सुनवाई का मतलब हाईकोर्ट्स के मुकदमों को दबाना नहीं है.

पीठ ने कहा था कि हाईकोर्ट्स क्षेत्रीय सीमाओं के भीतर महामारी की स्थिति पर नजर रखने के लिए बेहतर स्थिति में है और सुप्रीम कोर्ट पूरक भूमिका निभा रहा है तथा उसके ‘हस्तक्षेप को सही परिप्रेक्ष्य में समझना चाहिए’ क्योंकि कुछ मामले क्षेत्रीय सीमाओं से भी आगे हैं. शुक्रवार

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दिल्ली हाईकोर्ट में भी आज सुनवाई
देश के कोविड-19 की मौजूदा लहर से जूझने के बीच, सुप्रीम कोर्ट ने गंभीर स्थिति का स्वत: संज्ञान लिया था और कहा था कि वह ऑक्सीजन की आपूर्ति तथा कोरोना वायरस से संक्रमित मरीजों के इलाज के लिए आवश्यक दवाओं समेत अन्य मुद्दों पर ‘राष्ट्रीय योजना’ चाहता है. शीर्ष अदालत ने वायरस से संक्रमित मरीजों के लिए ऑक्सीजन को इलाज का ‘आवश्यक हिस्सा’ बताते हुए कहा था कि ऐसा लगता है कि काफी ‘घबराहट’ पैदा कर दी गई है जिसके कारण लोगों ने राहत के लिए अलग अलग हाईकोर्ट्स में याचिकायें दायर कीं.
वहीं दिल्ली हाईकोर्ट ने गुरुवार को केंद्र को निर्देश दिया कि राष्ट्रीय राजधानी में कोविड के मामलों में तेजी से हुयी वृद्धि से पैदा हुए संकट के मद्देनजर शेष चार पीएसए ऑक्सीजन उत्पादन संयंत्रों की स्थापना में तेजी लाए. दिल्ली हाईकोर्ट की यह सुनवाई आज भी होगी. अदालत ने गुरुवार की सुनवाई के दौरान दिल्ली के अस्पतालों को ऑक्सीजन की आपूर्ति करने वाली कंपनियों को भी नोटिस जारी किया और उन्हें शुक्रवार को सुनवाई के दौरान उपस्थित रहने को कहा. अदालत ने उन्हें अस्पतालों में आपूर्ति की जाने वाली ऑक्सीजन के संबंध में विस्तृत आंकड़े तैयार रखने का निर्देश दिया.

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"दैनिक सदभावना पाती" (Dainik Sadbhawna Paati) (भारत सरकार के समाचार पत्रों के पंजीयक – RNI में पंजीकृत, Reg. No. 2013/54381) "दैनिक सदभावना पाती" सिर्फ एक समाचार पत्र नहीं, बल्कि समाज की आवाज है। वर्ष 2013 से हम सत्य, निष्पक्षता और निर्भीक पत्रकारिता के सिद्धांतों पर चलते हुए प्रदेश, देश और अंतरराष्ट्रीय स्तर की महत्वपूर्ण खबरें आप तक पहुंचा रहे हैं। हम क्यों अलग हैं? बिना किसी दबाव या पूर्वाग्रह के, हम सत्य की खोज करके शासन-प्रशासन में व्याप्त गड़बड़ियों और भ्रष्टाचार को उजागर करते है, हर वर्ग की समस्याओं को सरकार और प्रशासन तक पहुंचाना, समाज में जागरूकता और सदभावना को बढ़ावा देना हमारा ध्येय है। हम "प्राणियों में सदभावना हो" के सिद्धांत पर चलते हुए, समाज में सच्चाई और जागरूकता का प्रकाश फैलाने के लिए संकल्पित हैं।