जूडा अध्यक्ष डॉ. पाठक का सरकार पर गंभीर आरोप, हड़ताल रद्द कराने के लिए पुलिस भेजकर माता-पिता को धमकाया 2 घंटे तक किया प्रताड़ित,देखे विडियो

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"दैनिक सदभावना पाती" (Dainik Sadbhawna Paati) (भारत सरकार के समाचार पत्रों के पंजीयक – RNI में पंजीकृत, Reg. No. 2013/54381) "दैनिक सदभावना पाती" सिर्फ एक समाचार...
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बुधवार को भोपाल जूनियर डॉक्टर एसोसिएशन के अध्यक्ष डॉ. हरीश पाठक ने एक वीडियो जारी कर कहा कि उनके बूढ़े माता-पिता को मंगलवार रात दो घंटे तक सिंगरौली थाना पुलिस ने प्रताड़ित किया और उन पर दबाव बनाया गया कि उनका लड़का अपनी मांगों को वापस ले। साथ ही हड़ताल की गतिविधियों मे हिस्सेदारी न करें और अपनी मांगों को वापस लें।

डॉ. पाठक ने कहा कि क्या सरकार इस चीज पर आ गई है कि एक छोटा सा जूनियर डॉक्टर अपने मां-बाप की सेवा नहीं कर सकता। मैं बहुत परेशान हूं कि जिन मां-बाप से एक साल से मिल नहीं पाया और दो से तीन दिन तक बात नहीं कर पाया। उनको मेरा पास रात 12 बजे फोन आया कि तुम वापस आ जाओ। यह पुलिस, सरकार, प्रशासन तुम्हारा कुछ भला नहीं करेंगी। यह तुम्हें छोड़ों हमें प्रताड़ित कर रहे है। डॉ. पाठक ने कहा कि कोविड में काम करने के लिए यह इनाम मिला है। अब मैं कुछ नहीं करना चाहता। आज हमारी हर एक देशवासी से यह गुजारिश है कि इस चीज को समझें और हमारा इसमें साथ देते हुए हमारी मजबूरी हमारे काम और हमारे बलिदान की इज्जत करें।

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बता दें एक दिन पहले ही चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग ने जूनियर डॉक्टर्स की हड़ताल को लेकर चेतावनी दी थी। उन्होंने जूनियर डॉक्टर्स पर ब्लैकमेलिंग करने की बात कर मरीजों के हित में कार्रवाई करने के लिए मजबूर होने की चेतावनी दी। इस बयान को लेकर जूनियर डॉक्टर्स में नाराजगी है।

डॉ. पाठक ने कहा कि पिछले 6 महीने से हम सरकार से अपनी बहुत छोटी मगर अहम मांगों को लेकर चर्चा की। सरकार ने उनको पूरा करने का हमें आश्वासन दिया। 6 मई 2021 को हमारी मीटिंग में उसे पूरा करने का निर्णय लिया गया, लेकिन कई दिनों तक इसके कोई लिखित आदेश नहीं निकाले। इससे विवश होकर मध्य प्रदेश जूडा एसोसिएशन ने परेशान होते हुए अपनी मांगों को रखने के लिए सरकार से गुजारिश की और काम बंद करने पर मजबूर हो गए। इन चीजों को देखते हुए भी सरकार ने कोई ठोस कदम नहीं उठाए।

डॉ. पाठक ने कहा कि शासन और प्रशासन अपनी कमजोरी को छुपाने के लिए इस हद तक आ चुका है कि वह जिनको कोरोना वारियर्स बोलते हैं आज उन्हीं को नहीं उनके माता-पिता तक को प्रताड़ित करने लगे हैं। डॉक्टर ने पिछले साल भर मौत को बहुत ही नजदीक से देखकर मरीजों का इलाज किया है और उनको मौत के मुंह से निकाला है।

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"दैनिक सदभावना पाती" (Dainik Sadbhawna Paati) (भारत सरकार के समाचार पत्रों के पंजीयक – RNI में पंजीकृत, Reg. No. 2013/54381) "दैनिक सदभावना पाती" सिर्फ एक समाचार पत्र नहीं, बल्कि समाज की आवाज है। वर्ष 2013 से हम सत्य, निष्पक्षता और निर्भीक पत्रकारिता के सिद्धांतों पर चलते हुए प्रदेश, देश और अंतरराष्ट्रीय स्तर की महत्वपूर्ण खबरें आप तक पहुंचा रहे हैं। हम क्यों अलग हैं? बिना किसी दबाव या पूर्वाग्रह के, हम सत्य की खोज करके शासन-प्रशासन में व्याप्त गड़बड़ियों और भ्रष्टाचार को उजागर करते है, हर वर्ग की समस्याओं को सरकार और प्रशासन तक पहुंचाना, समाज में जागरूकता और सदभावना को बढ़ावा देना हमारा ध्येय है। हम "प्राणियों में सदभावना हो" के सिद्धांत पर चलते हुए, समाज में सच्चाई और जागरूकता का प्रकाश फैलाने के लिए संकल्पित हैं।