इन्दौर । नगर निगम ने जलूद के पास 500 करोड़ रुपये के सोलर पावर प्लांट की स्थापना के लिए ग्रीन मसाला बांड जारी करने की तैयारी तेजी से शुरू कर दी है। प्लांट निर्माण के लिए 400 एकड़ जमीन की जरूरत है, जिसके लिए निगम ने विशेष टीम को लगाया है। अफसरों का दावा है कि जमीन सरकारी है, जिसे लेने की प्रक्रिया अंतिम चरण में है। जमीन मिलने के बाद लंदन और सिंगापुर स्टॉक एक्सचेंज के माध्यम से ग्रीन मसाला बांड जारी करने की तैयारी शुरू होगी। पैसा जुटने के बाद प्लांट निर्माण के लिए एजेंसी को चुना जाएगा।
सोलर प्लांट की स्थापना की जरूरत इसलिए पड़ रही है, क्योंकि जलूद और यशवंत सागर आदि जगहों से जलप्रदाय के लिए निगम को वर्तमान में 20 करोड़ रुपये महीने का बिजली बिल चुकाना पड़ता है। जलूद के पास समराज गांव में बनने वाला प्लॉट 100 मेगावाट क्षमता का होगा। अफसरों का कहना है कि उक्त प्लांट से निगम का बिजली बिल घटकर 10 करोड़ रुपये रह जाएगा। इस तरह प्लांट की लागत सात साल में वसूल हो जाएगी। सोलर पावर प्लांट की उम्र 25 साल मानी जाए तो इस निकाय द्वारा सोलर ऊर्जा के लिए न हिसाब से निगम को 18 साल तक मुफ्त मसाला बाण्ड पहली बार जारी किए जा रहे बिजली मिल सकेगी। निगम के अपर आयुक्त वीरभद्र शर्मा ने बताया कि निगम की बिजली जरूरतों के लिए करीब ढाई साल पहले ग्रीन मसाला बाण्ड जारी करने का निर्णय हुआ था। अब प्लाट के लिए जमीन मिलने का काम अंतिम चरण में है। बाण्ड जारी करने से पहले नगर निगम को रेटिंग करवानी पड़ेगी। चूंकि सारी प्रक्रिया इंदौर स्मार्ट सिटी डेवलपमेंट कंपनी लि. की तरफ से हो रही है. इसलिए नगर निगम के साथ स्मार्ट सिटी कंपनी की भी रेटिंग करवाई जाएगी। निगम ने समराज गांव की जमीन लेने के लिए विशेष टीम को लगाया है। प्लांट स्थापित होने के सात साल बाद लागत निकलने का अनुमान है।
[expander_maker id=”1″ more=”आगे पढ़े ” less=”Read less”] बजट में भी रखे हैं 100 करोड़
निगमायुक्त प्रतिभा पाल ने सोलर पावर प्लांट प्रोजेक्ट के लिए बजट में 100 करोड़ रुपये रखे है। यह प्रावधान इसलिए किया गया है, क्योंकि यह काम अब सर्वोच्च प्राथमिकता में है। उन्होंने निगम के अपर आयुक्त बीरभद्र शर्मा को प्रोजेक्ट पर विशेष ध्यान देने को कहा है। अपर आयुक्त ने बताया कि बाण्ड का नाम ग्रीन मसाला बांड इसलिए रखा गया है, क्योंकि विदेशों में ऐसे कई फंड है, जो पर्यावरण तिषी योजनाओं में पैसा लगाते हैं। विदेशों में बाण्ड जारी करने से पहले निगम राज्य सरकार से इसकी औपचारिक अनुमति भी लेगा, लेकिन यह सब जमीन मिलने के बाद होगा। प्लाट के लिए समराज गाँव में प्लांट के लिए ली जा रही जमीन सरकारी है, इसलिए उसे लेने में ज्यादा समस्या नहीं है।
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