मध्य प्रदेश में मेडिकल, पैरामेडिकल और नर्सिंग का सत्र जुलाई से शुरू होगा. अभी तक ऑनलाइन क्लासेस लग रही थी लेकिन अब जुलाई से सब कुछ ऑफलाइन हो जाएगा. इस सत्र में स्टूडेंट को कोविड प्रोटोकॉल की ट्रेनिंग दी जाएगी. एडमिशन से पहले स्टूडेंट को वैक्सीनेशन कराना होगा.
मंत्री विश्वास सारंग ने आज मंत्रालय में चिकित्सा शिक्षा और भोपाल गैस त्रासदी, राहत एवं पुनर्वास विभागों की गतिविधियों की समीक्षा की. इस दौरान संबंधित विभागों के अधिकारी भी मौजूद थे. सारंग ने निर्देश दिए कि दाखिले के दौरान ये ज़रूर देखा जाए कि स्टूडेंट को वैक्सीन लगा है या नहीं. कोरोना की तीसरी लहर की आशंका के कारण मेडिकल पैरामेडिकल और नर्सिंग में प्रवेश लेने वाले विद्यार्थियों को पहले हफ्ते कोरोना प्रोटोकॉल का प्रशिक्षण दिया जाए. उन्होंने मध्यप्रदेश आयुर्विज्ञान विश्वविद्यालय को सभी परीक्षाएं और परीक्षा परिणाम समय-सीमा में घोषित करने के लिये भी कहा. कोरोना काल के कारण लंबित बैकलॉग का जल्द से जल्द निपटारा करने के लिए कहा.
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छात्रों को मिलेगी मनोचिकित्सक सुविधा
मंत्री विश्वास सारंग ने कहा शैक्षणिक गतिविधियों में बिना वजह देरी को बर्दाश्त नहीं किया जायेगा. प्रदेश के 36 मेडिकल और डेंटल निजी, शासकीय कॉलेजों में विद्यार्थियों की संख्या 16 हजार 500, नर्सिंग के 1,420 कॉलेज में 59 हजार 900 और पैरामेडिकल के 172 कॉलेज में 12 हजार 600 है. अभी सभी क्लासेस ऑनलाइन चलायी जा रही हैं. क्लासेस जुलाई से ऑफलाइन कर दी जाएंगी. कोरोना महामारी के कारण मानसिक रूप से प्रभावित छात्र-छात्राओं को मनोचिकित्सक की सुविधाए भी उपलब्ध कराई जाएंगी.
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