विवादों के घिरे IAS अफसर संतोष वर्मा को 14 जुलाई तक पुलिस रिमांड पर सौंपा गया.

sadbhawnapaati
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Indore Crime News.विशेष न्यायाधीश (सीबीआई/व्यापम) विजेंद्र सिंह रावत की कोर्ट से फर्जी फैसला बनाकर आईएएस अवार्ड प्राप्त करने वाले संतोष वर्मा को एमजी रोड थाना पुलिस ने रविवार दोपहर कोर्ट में पेश कर 14 जुलाई तक रिमांड पर ले लिया। पुलिस आरोपित वर्मा के हस्ताक्षर, मोबाइल की जांच करना चाहती है। फैसला बनाने में कौन-कौन लिप्त हैं, इस संबंध में भी पूछताछ होगी। उधर पुलिस ने आरोपित के वकील एनके जैन को भी नोटिस जारी कर बयान देने बुलाया है।

सीएसपी हरीश मोटवानी के मुताबिक संतोष वर्मा की शनिवार देर रात गिरफ्तारी ली गई थी। सुबह उससे पूछताछ की, लेकिन हर्षिता अग्रवाल द्वारा फैसले की प्रति देना बताकर गुमराह करता रहा। दोपहर को उसे एमजी रोड से कोतवाली थाने ले जाया गया और मेडिकल करवाकर कोर्ट में पेश कर दिया। शासन की तरफ से एडीपीओ संजीव पांडे ने पैरवी की और 14 जुलाई तक रिमांड स्वीकृत हो गया।

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 कार्रवाई के दौरान वर्मा एक हाथ बांधे और गर्दन नीचे किए एक कोने में खड़ा रहा। जज ने उससे नाम पूछा और आर्डरशीट पर साइन करवाए। जैसे ही रिमांड स्वीकृत हुआ वकील कपिल शुक्ला की तरफ देखा और आंखें भर आईं। टीआइ डीवीएस नागर ने हाथ पकड़ा और कोर्ट से बाहर ले आए। टीआइ के मुताबिक आरोपित से यह जानना शेष है कि फैसला आखिर कहां टाइप हुआ है। कोर्ट कर्मचारियों की इसमें क्या भूमिका है।

कोर्ट के रिकॉर्ड रूम की आग पर शक :अप्रैल माह में जिला न्यायालय के अंदर रिकॉर्ड रूम में आग लगी थी। जिसमें कई रिकॉर्ड जलकर खाक हो गए थे। जिसका शक भी आईएएस संतोष वर्मा पर बताया जा रहा है, लेकिन इस बात की कोई अधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है।

शादी का आरोप : नवंबर में युवती ने इसी थाने में शिकायत की थी। शिकायत में उसने कहा था कि उज्जैन के अपर कलेक्टर संतोष वर्मा ने शादी का झांसा देकर उन्हें साथ रखा और ज्यादती की। उसने संतोष के साथ प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी की थी। इसी दौरान दोस्ती हुई, जो प्रेम में बदल गई। दोनों ने विवाह कर लिया था।

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