National News. तालिबान ने मंगलवार शाम अफ़ग़ानिस्तान में अंतरिम सरकार गठन का एलान किया और बताया कि अफ़ग़ानिस्तान अब ‘इस्लामिक अमीरात’ है. तालिबान के प्रवक्ता ज़बीउल्लाह मुजाहिद ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि तालिबान के संस्थापकों में से एक मुल्ला मोहम्मद हसन अखुंद सरकार के मुखिया यानी प्रधानमंत्री होंगे और मुल्ला अब्दुल ग़नी बरादर उप प्रधानमंत्री होंगे. बरादर तालिबान के सह संस्थापक हैं. मुल्ला अब्दुल सलाम हनफी को भी उप प्रधानमंत्री बनाया गया है.अखुंद की अगुवाई में गठित होने वाली सरकार में मुल्ला याकूब रक्षा मंत्री होंगे और सिराजुद्दीन हक्कानी गृह मंत्री होंगे. हक्क़ानी का नाम अमेरिकी एजेंसी एफ़बीआई के ‘वांछित आतंकवादियों’ की लिस्ट में है. वो हक्कानी नेटवर्क के प्रमुख हैं. जिसे अमेरिका ने ‘आतंकवादी संगठनों’ की लिस्ट में रखा है.
अंतरिम सरकार में रक्षा मंत्री बनाए गए याकूब तालिबान के संस्थापक मुल्ला उमर के बेटे हैं. आमिर ख़ान मुत्तक़ी को विदेश मंत्री की जिम्मेदारी दी गई है. इस सरकार में कोई महिला मंत्री नहीं है.
कौन हैं मोहम्मद हसन अखुंद?
अखुंद तालिबान के संस्थापकों में से एक हैं. अफ़ग़ानिस्तान में तालिबान की पिछली सरकार (1996-2001) के दौरान वो गवर्नर और मंत्री रह चुके हैं. वो तालिबान के संस्थापक और पूर्व सुप्रीम लीडर मुल्ला उमर के सलाहकार थे. बीबीसी उर्दू के मुताबिक कुछ रिपोर्टों में दावा किया गया है कि प्रधानमंत्री पद पर उनका चुनाव तालिबान के नेता हबीबुल्लाह अखुंदजादा ने किया है.
तालिबान के प्रवक्ता ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में अंतरिम सरकार के गठन की जानकारी दी.
तालिबान के प्रवक्ता जबीहुल्लाह मुजाहिद ने बताया है कि ये एक ‘अंतरिम सरकार है.’
उन्होंने कहा, “हम जानते हैं कि हमारे देश के लोग नई सरकार का इंतज़ार कर रहे हैं. ”
उन्होंने कहा, ‘आगे पूरी सरकार गठन की योजना पर काम होगा.’
तालिबान ने बीते 15 अगस्त को काबुल पर कब्ज़ा किया था. तालिबान के नेता बीते कुछ दिन से जानकारी दे रहे थे कि वो सरकार गठन के लिए बातचीत कर रहे हैं.
अंतरिम मंत्रिमंडल के ऐलान को तालिबान सरकार के गठन की दिशा में अहम कदम के तौर पर देखा जा रहा है.
तालिबान प्रवक्ता ज़बीहुल्लाह मुजाहिद ने बताया, “ये अस्थाई व्यवस्था सरकार का कामकाज चलाने के लिए की जा रही है.”
उन्होंने बताया, “अभी शूरा परिषद (मंत्रिमंडल) कामकाज देखेगी और फिर आगे तय किया जाएगा कि लोग इस सरकार में कैसे भागीदारी करते हैं.” गृह मंत्री बनाए गए सिराजुद्दीन हक्कानी चरमपंथी समूह हक्कानी नेटवर्क के प्रमुख हैं. अफ़ग़ानिस्तान में दो दशक से ज़्यादा वक़्त तक चली जंग के दौरान हक्कानी नेटवर्क को कई जानलेवा हमलों के लिए जिम्मेदार बताया गया. हक्कानी नेटवर्क तालिबान का सहयोगी है.
तालिबान ने अफ़ग़ानिस्तान में समावेशी सरकार के गठन का दावा किया था. तालिबान ने सोमवार को पंजशीर पर कब्ज़े का एलान किया. नेशनल रसिस्टेंस फ्रंट ने तालिबान के कब्ज़े के दावे को खारिज किया और जंग जारी रखने का ऐलान किया.
एक दिन बाद ही तालिबान ने सरकार को लेकर एलान कर दिया. तालिबान के प्रवक्ता मुजाहिद ने सोमवार को भी प्रेस कॉन्फ्रेंस की थी. उनसे तब भी सरकार गठन को लेकर सवाल किया गया था लेकिन उन्होंने तब इस पर साफ़ जवाब नहीं दिया था.