कोलेस्ट्रॉल के बारे में मिथ
सभी कोलेस्ट्रॉल खराब होते हैःं कोलेस्ट्रॉल सेल मेंब्रेन का सबसे महत्वपूर्ण घटक है. कोलेस्ट्रॉल ही स्टेरॉयड हार्मोन (steroid hormones) को बनाता है. इसलिए यह कहना कि सभी कोलेस्ट्रॉल खराब है, बिल्कुल गलत है. डॉ ग्रीनफील्ड (Dr. Greenfield) बताते हैं कि कोलेस्ट्रॉल खराब नहीं होता. यह बिल्कुल निर्दोष है जिसे आधुनिक जीवनशैली में गलत तरह से पेश किया जा रहा है. कोलेस्ट्रॉल के कारण ही विटामिन डी बनता है. हाई डेंसिटी लिपोप्रोटीन यानी गुड कोलेस्ट्रॉल का ऊंचा स्तर भी नुकसानदेह नहीं है. यह खून की नलिकाओं से कोलेस्ट्रॉल के अन्य हानिकारक रूप को साफ कर देता है. हां अगर बैड कोलेस्ट्रॉल का स्तर बहुत बढ़ जाए, तो इससे बीमारी का खतरा हो सकता है.
हेल्दी हैं तो कोलेस्ट्रॉल सही होगा- लोगों में धारणा होती है कि मैं तो हेल्दी हूं मेरा कोलेस्ट्रॉल बढ़ा नहीं होगा. ऐसा बिल्कुल गलत है. डॉ ग्रीनफील्ड बताते हैं कि कोलेस्ट्रॉल न कम होना ठीक है ना ज्यादा होना ठीक है बल्कि इसका संतुलित होना जरूरी है.
कोई लक्षण नहीं दिख रहा– कुछ लोग कहते हैं कि अगर मुझे हाई कोलेस्ट्रॉल होता तो इसके लक्षण दिखते. धारणा गलत है. कोलेस्ट्रॉल का बढ़ा हुआ स्तर आमतौर पर ऊपर से नहीं दिखता.
बैड कोलेस्ट्रॉल क्या है -लो डेंसिटी लिपोप्रोटीन को बैड कोलेस्ट्रॉल कहते हैं. जब लाइपो प्रोटीन में प्रोटीन की जगह फैट की मात्रा अधिक होने लगती है, तो यहां बैड कोलेस्ट्रॉल जमा होने लगता है. इस स्थिति में हार्ट संबंधी रोग होने का खतरा काफी बढ़ जाता है.